फाइल फोटो
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दो साल पहले बांग्लादेश का एक नागरिक घुसपैठ कर त्रिपुरा पहुंचा। स्थानीय लोगों की मदद से साढ़े छह हजार रुपये में उसने भारतीय जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवा लिया। उसके बाद वह पुणे पहुंचकर भारतीय दस्तावेज की मदद से पासपोर्ट बनवाने में कामयाब हो गया।
बांग्लादेशी नागरिक को विदेश में बसने की चाहत थी, इसलिए उसने बौद्ध भिक्षु बनकर आसपास के देशों की यात्रा की और फिर जर्मनी पहुंच गया। लेकिन वापसी के दौरान दिल्ली हवाई अड्डे पर दस्तावेजों की जांच में उसकी पोल खुल गई और वह सलाखों के पीछे पहुंच गया। आरोपी के पास से बांग्लादेश के कई दस्तावेज मिले हैं।
पुलिस अब उन आरोपियों की पहचान करने में जुटी है, जिसने बांग्लादेशी नागरिक को भारतीय दस्तावेज मुहैया करवाने में मदद की है। पुलिस के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 18 नवंबर की देर रात पुणे का रहने वाला एक युवक अनिक रॉय जर्मनी से दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचा। उसे जर्मनी से निर्वासित किया गया था।
एयरपोर्ट अधिकारियों ने युवक के पास मौजूद दस्तावेजों की जांच की। जिसमें पता चला कि युवक भारतीय नागरिक नहीं बल्कि बांग्लादेश के चटगांव का रहने वाला है। धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद उसे आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसका असली नाम अप्पू बरुआ है।
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