You are currently viewing Exclusive:प्रह्लाद जोशी से अमर उजाला का तीखा सवाल, वसुंधरा सीएम चेहरे क्यों नहीं, कहा- यह पार्टी की रणनीति है – Amar Ujala Exclusive Interview With Central Minister Pralhad Joshi Rajasthan Assembly Election

राजस्थान में कांग्रेस सरकार का राज बदलने के लिए चार महीने से भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रह् लाद जोशी रणनीति बनाने में जुटे हैं। किस सीट से किसे प्रत्याशी बनाना है? किसका टिकट कटना है? बागियों पर क्या एक्शन हो? कांग्रेस के हर वार पर कैसे पलटवार करना है? प्रदेश में पार्टी की सरकार बनाने के किस तरह के वादे जनता से किए जाने चाहिए। एक-एक नेताओं से राजस्थान के हर इलाके और सीट का फीडबैक लेने का कार्य जोशी कर रहे हैं।

वसुंधरा राजे को सीएम चेहरा क्यों नहीं बनाया?

किस राज्य में सीएम चेहरा बनाया जाएगा, कब पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा, यह पार्टी की रणनीति का हिस्सा है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में भी इस बार पार्टी ने सीएम चेहरा घोषित नहीं किया। राजस्थान में तो गहलोत सीएम हैं, लेकिन कांग्रेस ने भी उन्हें सीएम चेहरा घोषित नहीं किया।

राजस्थान भाजपा में टिकट बंटवारे में गड़बड़ी के आरोप हैं? इंटरनल रिपोर्ट कितनी सीटें आ रही है?

कट बंटवारे में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है। सभी से राय करने के बाद ही लिस्ट जारी की गई थी। इस बार भाजपा 2013 के अपने रिकॉर्ड को ध्वस्त करने जा रही है। कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार की विदाई तय है। लोग पांच साल तक केवल गहलोत और पायलट के टकराव से तंग आ चुके हैं। अब जनता के हिसाब बराबर करने की बारी है।

सांसदों को चुनाव लड़ाने का फैसला क्यों किया?

सांसदों को चुनाव लड़ाने का फैसला राष्ट्रीय स्तर पर किया गया। राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश में भी सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा गया। पार्टी का यह सफल प्रयोग है। जहां विरोध हो रहा था, उसे शांत कराने का प्रयास किया गया। पार्टी को उसमें सफलता भी मिली।

चितौड़गढ़ से चंद्रभान सिंह आक्या और डीडवाना में युनूस खान जैसे मजबूत प्रत्याशियों का टिकट क्यों काट दिया गया?

डीडवाना के बारे में तो मुझे पता नहीं है, लेकिन चितौड़गढ़ को भाजपा जीत रही है। जो लोग पार्टी के मना करने के बावजूद बागी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हें पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

पहली बार पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबियों का बड़े पैमाने पर टिकट क्यों काट दिया गया है?

टिकट बंटवारा वसुंधरा राजे की राय से ही किया गया है। टिकट देते समय यह कतई ध्यान में नहीं रखा जाता कि कौन किसका करीबी है। वसुंधरा राजे पार्टी के लिए खुलकर प्रचार कर रही हैं, पार्टी ने उन्हें प्रचार करने के लिए हेलिकाप्टर दिया हुआ है। उन्हें किसी तरह इग्नोर करने का सवाल ही नहीं उठता। रोज रात में चुनावी सभा के बारे में मेरी उनसे बात हो रही है। वह संपर्क में हैं।

क्या आपको लगता है कि बागी भाजपा के लिए कुछ सीटों पर नुकसान पहुंचाएंगे?

मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि भाजपा से बगावत करके जो भी प्रत्याशी चुनाव मैदान में लड़ रहे हैं, वो पार्टी को कतई नुकसान पहुंचाने की स्थिति में नहीं हैं। पार्टी की ओर से जो  41 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की गई थी, उसमें से 30 से 32 प्रत्याशी चुनाव जीत रहे हैं। इससे अंदाजा लगा लीजिए कि पार्टी ने टिकट बंटवारे में किसी प्रकार की चूक नहीं की है।

सीएम गहलोत कह रहे कि राजस्थान में गुजराती प्रचार कर रहे हैं, मारवाड़ी कहां जाएगा?

प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह गुजराती हैं। वह यहां चुनाव प्रचार कर रहे हैं, तब मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछना चाहता हूं कि फिर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी कहां की हैं? राहुल-प्रियंका की मां सोनिया गांधी आजकल जयपुर में ही हंै। वो क्या इटली से नहीं आई हैं। इस तरह की मानसिकता भाजपा की नहीं है। ऐसी बात चुनाव के समय सीएम गहलोत जैसे वरिष्ठ राजनेता को नहीं बोलना चाहिए।

यदि भाजपा चुनाव जीत जाती है, उसके बाद सरकार का चेहरा कौन होगा? वसुंधरा, गजेंद्र सिंह शेखावत, सीपी जोशी या फिर कोई और।

मुख्यमंत्री बनाने का फैसला पार्टी के संसदीय बोर्ड के स्तर पर किया जाता है। इस मामले में अभी कुछ भी कहना ठीक नहीं रहेगा।

भाजपा लाल डायरी के पीछे क्यों पड़ी है? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि लाल डायरी एक साजिश है।

दरअसल, जिस तरह से सोनिया गांधी राहुल गांधी को बार-बार लांच करने की कोशिश करती हैं। उसी तरह से अशोक गहलोत भी अपने बेटे वैभव गहलोत को राजनीति में लांच करने के लिए तमन्ना रखते हैं, लेकिन राहुल की तरह ही वैभव गहलोत भी फेल हो जाते हैं। अब तो वैभव गहलोत भी कहने लगे है कि पापा के कारण राजस्थान में कांग्रेस की सरकार नहीं बनेगी। सवाल यह है कि लाल डायरी लेकर कौन आया? कांग्रेस सरकार के मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा ने इसका खुलासा किया था। सदन में मंत्री से डायरी छीन ली गई। महिला अपराध के मामले को उठाने पर मंत्री को बर्खास्त कर दिया गया। राजस्थान की जनता 25 नवंबर को अपना फैसला सुनाने जा रही है।

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