सुप्रीम कोर्ट
– फोटो : एएनआई (फाइल)
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सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को मणिपुर सरकार, सीबीआई और एनआईए को निर्देश दिया कि वे जातीय हिंसा के मामलों में दायर आरोप पत्रों और जांच की स्थिति पर रिपोर्ट पेश करें। शीर्ष अदालत ने कहा कि इससे यह फैसला लेने में मदद मिल सकेगी कि सुनवाई असम में ही शुरू होगी या मणिपुर में भी की जा सकती है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह पिछले दो महीने में हिंसक घटनाओं, सशस्त्र प्रदर्शनों, राजमार्गों को रोकने और जिला कलेक्टर के घर पर हमले की घटनाओं के मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को निर्देश जारी नहीं कर सकती है। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, “ये ऐसे मामले हैं जिनमें अदालत निर्देश नहीं दे सकती। हम कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए नागरिक समाज संगठनों को निर्देश जारी नहीं कर सकते। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सरकार है।”
अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि मणिपुर सरकार और जांच एजेंसियों की ओर से पेश हुए। अदालत ने वेंकटरमणि से कहा कि वह राज्य में हिंसा की हालिया घटनाओं पर न्यायमूर्ति गीता मित्तल समिति की हालिया रिपोर्ट पर निर्देश हासिल करें।
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