विदेश मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुजा के मेनन (फाइल)
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मालदीव और भारत के रिश्तों में तल्खी के बीच विदेश मंत्रालय ने अहम बयान दिया है। विदेश मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुजा के मेनन ने बताया कि पिछले कई दशकों में, भारत ने मालदीव को कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को विकसित करने में मदद की है। उन्होंने कहा कि इसका मकसद विकास की साझेदारी के माध्यम से दोस्ती मजबूत करना है।
विकास साझेदारी प्रशासन के तहत विकास कार्य
दरअसल, विदेश मंत्रालय की एक टीम ने गुरुवार को भारतीय रियायती ऋण सुविधा के तहत मालदीव में किए जा रहे विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। टीम का नेतृत्व मेनन कर रही हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय रियायती ऋण सुविधा के तहत हनीमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पुनर्विकास हो रहा है। मेनन विदेश मंत्रालय के तहत आने वाले विकास साझेदारी प्रशासन (DPA) में संयुक्त सचिव हैं। विकास परियोजनाएं डीपीए ही संचालित करता है।
अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पुनर्विकास परियोजना की समीक्षा
चौथी भारत-मालदीव नियंत्रण रेखा (एलओसी) समीक्षा बैठक के हिस्से के रूप में भारतीय रियायती क्रेडिट लाइन के तहत बाराह और केला द्वीपों में कई विकास कार्य कराए जा रहे हैं। मालदीव में भारतीय मिशन ने बताया कि संयुक्त सचिव मेनन ने हनीमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पुनर्विकास परियोजना और जल और स्वच्छता परियोजनाओं के तहत उल्लेखनीय प्रगति की सराहना की। डीपीए टीम ने गण इंटरनेशनल एयरपोर्ट पुनर्विकास परियोजना सहित अन्य परियोजना स्थलों का दौरा किया।
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