Notes in Hindi – Indian Constitution - अनुसूची और रियासतों का विलय

Notes in Hindi - Indian Constitution-अनुसूची और रियासतों का विलय

Notes in Hindi – Indian Constitution – अनुसूची और रियासतों का विलय

Indian Constitution in Hindi

अनुसूची और रियासतों का विलय

                                                                                                                                      

भारतीय संविधान की अनुसूची

Notes in Hindi – Indian Constitution – अनुसूची और रियासतों का विलय

  • प्रथम अनुसूची :इसमें भारतीय संघ के घटक राज्यों ( 28 राज्य ) एवं संघ शासित ( 8 ) क्षेत्रों का उल्लेख है ।
नोट : संविधान के 69 वें संशोधन के द्वारा दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का दर्जा दिया गया है ।
  • द्वितीय अनुसूची : इसमें भारतीय राज – व्यवस्था के विभिन्न पदाधिकारियों ( राष्ट्रपति , राज्यपाल , लोक सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष , राज्य सभा के सभापति एवं उपसभापति , विधान सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष , विधान परिषद् के सभापति एवं उपसभापति , उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक आदि ) को प्राप्त होने वाले वेतन , भत्ते और पेंशन आदि का उल्लेख किया गया है । 
  • तृतीय अनुसूची : – इसमें विभिन्न पदाधिकारियों ( राष्ट्रपति , उपराष्ट्रपति , मंत्री , उच्चतम एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ) द्वारा पद – ग्रहण के समय ली जाने वाली शपथ का उल्लेख है । “
  • चौथी अनुसूची : – इसमें विभिन्न राज्यों तथा संघीय क्षेत्रों की राज्य सभा में प्रतिनिधित्व  का वर्णन दिया गया है ।

  • पाँचवीं अनुसूची : – इसमें विभिन्न अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजाति के प्रशासन नियत्रंण के बारे में उल्लेख है ।

  • छठी अनुसूची : इसमें असम , मेघालय , त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में प्रावधान है ।
  • सातवीं अनुसूची : इसमें केन्द्र एवं राज्यों के बीच शक्तियों के बंटवारे के बारे में दिया गया है । इसके अन्तर्गत तीन सूचियाँ हैं — संघ सूची , राज्य सूची एवं समवर्ती सूची ।

( i ) संघ सूची : – इस सूची में दिए गए विषय पर केन्द्र सरकार कानून बनाती है । संविधान के लागू होने के समय इसमें 97 विषय थे ; वर्तमान समय में इसमें 97 विषय है

( ii ) राज्य सूची : इस सूची में दिए गए विषय पर राज्य सरकार कानून बनाती है । राष्ट्रीय से संबंधित होने पर केन्द्र सरकार भी कानून बना सकती है । संविधान के लागू होने है । समय इसके अन्तर्गत 66 विषय थे , वर्तमान समय में इसमें 59 विषय हैं ।

( iii ) समवर्ती सूची : – इसके अन्तर्गत दिए गए विषय पर केन्द्र एवं राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती हैं । परन्तु कानून के विषय समान होने पर केन्द्र सरकार द्वारा बनाया गय कानून ही मान्य होता है । राज्य सरकार द्वारा बनाया गया कानून केन्द्र सरकार के कानून बनाने के साथ ही समाप्त हो जाता है । संविधान के लागू होने के समय समवर्ती सूची में 47 विषय थे – वर्तमान समय में इसमें 52 विषय है

  • आठवीं अनुसूची : इसमें भारत की 22 भाषाओं का उल्लेख किया गया है । मूल रूप से आठवीं अनुसूची में 14 भाषाएं थीं , 1967 ई ० में सिंधी को और 1992 ई ० में कोंकणी , मणिपुरी तथा नेपाली को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया । 2004 ई ० में मैथिली , संथाली , डोगरी एवं बोडी को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया ।
  • नौवीं अनुसूची :संविधान में यह अनुसूची प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम , 1951 के द्वारा जोड़ी गई । इसके अन्तर्गत राज्य द्वारा सम्पत्ति के अधिग्रहण की विधियों का उल्लेख किया गया है । इस अनुसूची में सम्मिलित विषयों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है । वर्तमान में इस अनुसूची में 284 अधिनियम हैं ।
नोट : अब तक यह मान्यता थी कि संविधान की नौवीं अनुसूची में सम्मिलित कानूनों की न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती । जनवरी , 2007 के संविधान पीठ के एक निर्णय द्वारा या स्थापित किया गया है कि नौवीं अनुसूची में सम्मलित किसी भी कानून को इस आधार पर चुनौती दी जा सकती है कि वह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है तथा उच्चतम न्यायालय इन कानूनों की समीक्षा कर सकता है ।
  • दसवीं अनुसूची :यह संविधान में 52 वें संशोधन , 1985 के द्वारा जोड़ी गई है । इसमें दल बदल से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख है ।
  • ग्यारहवीं अनुसूची : – यह अनुसूची संविधान में 73 वें संवैधानिक संशोधन ( 1993 ) के द्वारा में गयी है । इसमें पंचायतीराज संस्थाओं को कार्यके लिए 29 विषय प्रदान किए गए ।
  • बारहवीं अनुसूची :  – यह अनुसूची संविधान में 74 वें संवैधानिक संशोधन ( 1993 ) के जोड़ी गई है । इसमें शहरी क्षेत्र की स्थानीय स्वशासन संस्थाओं को कार्य करने के 18 विषय प्रदान किए गए हैं ।

Notes in Hindi – Indian Constitution – अनुसूची और रियासतों का विलय

देशी रियासतों का भारत में विलय 

Notes in Hindi – Indian Constitution – अनुसूची और रियासतों का विलय  –

  • रियासतों को भारत में सम्मिलित करने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व में रियासती मंत्रालय बनाया गया ।
  • जूनागढ़ रियासत को जनमत संग्रह के आधार पर , हैदराबाद की रियासत को पुलिस कार्रवाई के माध्यम से और जम्मू – कश्मीर रियासत को विलय – पत्र पर हस्ताक्षर के द्वारा भारत में मिलाया गया

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