भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग
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शुक्रवार को प्रतिस्पर्धा आयोग ने गूगल के खिलाफ उसकी प्ले स्टोर मूल्य निर्धारण नीति के संबंध में जांच का आदेश दिया है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग(सीसीआई) ने कहा कि सूचना देने वाले गूगल के स्वामित्व वाले एप स्टोर गूगल प्ले स्टोर के संबंध में उसकी अपडेटेड भुगतान नीतियों से परेशान हैं, जिस पर प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन करने का आरोप है।
गूगल पर लगाए गए कई गंभीर आरोप
भुगतान नीतियां एप डेवलपर्स, भुगतान प्रोसेसर और उपयोगकर्ताओं समेत कई हितधारकों को प्रभावित करने का आरोप लगाए गए हैं। प्रतिस्पर्धा आयोग ने कहा कि प्रथम दृष्टता यह पता चलने के बाद कि गूगल ने कानूनी धाराओं का उल्लंघन किया है, जो दुरुपयोग से जुड़ा है। आयोग ने जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने कहा कि गूगल का दावा है कि ऐप डेवलपर्स को प्ले स्टोर द्वारा प्रदान की जाने वाली कई सेवाओं के लिए सेवा शुल्क लिया जाता है। अगर सेवा शुल्क ऐप डेवलपर्स को प्रदान की गई सेवाओं के लिए है, तो गूगल द्वारा दिया गया तर्क सही प्रतीत नहीं होता है।
इसके अलावा, इसमें कहा गया है कि यह मुद्दा इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण है कि कई डिलीवरी ऐप आकार में बहुत बड़े हैं और फिर भी प्ले स्टोर में गूगल के निवेश की भरपाई में योगदान नहीं देते हैं (जैसा कि गूगल द्वारा दावा किया गया है)। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग(सीसीआई) ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि केवल उपभोग वाले ऐप्स को छूट क्यों दी गई है, जबकि उनकी सामग्री ऐप के भीतर उपभोग की जाती है। कुल मिलाकर, सेवा शुल्क की मांग मनमानी और भेदभावपूर्ण प्रतीत होती है।
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