Antony Blinken
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हॉन्गकॉन्ग में हाल ही में एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पारित किया गया है। इसको लेकर अमेरिका ने चिंता जाहिर की है। उसका कहना है कि इसका स्थानीय लोगों के साथ-साथ अमेरिकी नागरिकों और वहां काम करने वाली कंपनियों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून
हॉन्गकॉन्ग में 19 मार्च 2024 को एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पारित किया गया। यह कानून सरकार के खिलाफ असहमति जताने वालों के खिलाफ लाया गया है। पेश किए गए कानून में कई प्रकार की चीजों के लिए कठोर दंड का प्रावधान है। इसमें सबसे गंभीर देशद्रोह और विद्रोह के लिए कानून बनाया गया है। नए कानून के तहत देशद्रोही प्रकाशनों और छोटे अपराधों के लिए भी कई वर्षों की जेल हो सकती है। यही नहीं कुछ प्रावधान ऐसे हैं, जिसमें दुनिया के किसी कोने में भी किए गए आपराधिक कार्य के लिए मुकदमा चलाने की अनुमति दी गई है।
आवाज दबाने के लिए किया जा सकता नए कानून का इस्तेमाल
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि नए कानून में राजद्रोह, राज्य से जुड़ी गोपनियां और विदेशी संस्थाओं से बातचीत के संबंध में ऐसे प्रावधान शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल आवाज दबाने के लिए किया जा सकता है। इसलिए अमेरिका इस नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पर गहरी चिंता व्यक्त करता है।
एक देश, दो प्रणाली ढांचे को करेगा कमजोर
उन्होंने कहा कि अमेरिका अन्य देशों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को साझा करता है कि हॉन्गकॉन्ग के अधिकारी अंतरराष्ट्रीय दमन के अपने चल रहे अभियान में नए कानून को लागू करने की मांग कर सकते हैं। कानून लागू होने के बाद हॉन्गकॉन्ग की स्वायत्ता बनाए रखने के लिए पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धता का उल्लंघन हो सकता है। वहीं, ‘एक देश, दो प्रणाली’ ढांचे को कमजोर कर सकता है।
उन्होंने कहा, ‘हम दुनिया भर में मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने के अपने संकल्प में दृढ़ हैं और हॉन्गकॉन्ग में अपने अंतरराष्ट्रीय भागीदारों और लोगों के साथ खड़े हैं।’
बीते मंगलवार को हॉन्गकॉन्ग की चीन समर्थक विधायिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के संरक्षण विधेयक पर दूसरी और तीसरी बार चर्चा की। इसके बाद, इस विधेयक पर अंतिम मतदान हुआ। इस कानून को मूल कानून के अनुच्छेद 23 के रूप में भी जाना जाता है। इस नए कानून में देशद्रोह, जासूसी, विदेशी दखलअंदाजी और देश के गोपनीय रहस्यों को उजागर करने जैसे कई नए अपराधों को शामिल किया जाएगा। इनमें से कुछ अपराधों के लिए आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
हॉन्गकॉन्ग का इतिहास
आपको जानकर हैरानी होगी कि 1898 में एक समझौते के तहत चीन ने 99 सालों के लिए हॉन्गकॉन्ग को ब्रिटेन को लीज पर दिया था। यह समझौता 1997 में समाप्त हो गया, जिसके बाद चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने एक बार फिर हॉन्गकॉन्ग पर अपना कब्जा जमा लिया।
हॉन्गकॉन्ग में एक देश और 2 प्रणाली नीति
मौजूदा समय में हॉन्गकॉन्ग में एक देश और दो प्रणाली जैसी नीति लागू है। इस नियम के तहत आर्थिक और राजनीतिक प्रणालियां मेनलैंड चाइना से आजाद होकर कार्य करती हैं।
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