You are currently viewing Uttarkashi Tunnel Rescue Live:हैदराबाद से लाया गया प्लाज्मा कटर, Bsnl ने मजदूरों तक दी लैंडलाइन की सुविधा – Uttarkashi Tunnel Collapse Rescue Operation In Silkyara Live News Day 15th All Update In Hindi

10:16 AM, 26-Nov-2023

टूटने लगा परिजनों के सब्र का बांध

हकीकत में कब तक निकाला जाएगा, यह पता नहीं है। पिछले तीन दिन से सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान अंतिम चरण बताया जा रहा था, लेकिन अब यह खिंचता जा रहा है। इससे अब अंदर फंसे मजदूरों के परिजनों के सब्र का बांध भी टूटने लगा है। सुरंग में फंसे बिहार के बांका जिले के रहने वाले वीरेंद्र किसकू की भाभी सुनीता ने बताया कि वह पिछले तीन दिन से सुन रहे कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने वाला है, आज उन्हें निकाल लिया जाएगा, लेकिन रेस्क्यू पूरा ही नहीं हो रहा है। इससे सुरंग के अंदर फंसा उनका देवर भी निराश है। झारखंड के ग्राम केशोडीह निवासी विश्वजीत कुमार के भाई इंद्रजीत भी सुरंग के बाहर अपने भाई का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि हर दिन उम्मीद बंधती है कि आज अंदर फंसे सभी लोग बाहर आ जाएंगे, लेकिन फिर शाम होते-होते यह उम्मीद टूट जाती है।

10:08 AM, 26-Nov-2023

परिजनों के सब्र का बांध भी टूटा बोले-पता नहीं कब निकाल पाएंगे

सिलक्यारा सुरंग में 41 मजदूरों को फंसे 14 दिन हो गए हैं। अब परिजनों के सब्र का बांध भी टूटने लगा है। शनिवार को सुरंग के अंदर फंसे अपनों से बात कर निकले परिजनों ने कहा, वह हर दिन इसी उम्मीद में रहते हैं कि आज सभी को सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा, लेकिन रोज उम्मीद टूट जाती है।

09:52 AM, 26-Nov-2023

बरमा भी कई मीटर तक अंदर फंसा

इस अड़चन से मशीन का बरमा भी कई मीटर तक अंदर फंस गया है। जिसके चलते ड्रिलिंग मशीन से मजदूरों को बाहर निकालने के लिए एस्केप पैसेज तैयार करने का कार्य बाधित हो गया। इस खबर को सुनकर जल्द रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने की आशा में उत्साहित केंद्र व राज्य के अफसरों के चेहरे उतरे गए। मीडियाकर्मियों ने रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों से जानकारी मांगी तो किसी ने भी बात नहीं की। हालांकि, टनल एक्सपर्ट परीक्षित मेहरा ने बताया कि ऑगर मशीन के बरमे को बाहर निकालने का काम किया जा रहा है, जिसे बाहर निकालने के बाद दोबारा से ड्रिलिंग चालू करने का प्रयास किया जाएगा।

 

09:38 AM, 26-Nov-2023

सुरंग के अंदर और बाहर सभी के चेहरे उतरे

सिलक्यारा सुरंग में मजदूरों को बाहर निकालने के लिए ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम रुक गया है। जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों के चेहरे उतर गए हैं। इससे सुरंग के बाहर से लेकर भीतर तक निराशा का माहौल है। सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए पिछले 13 दिनों से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन शुक्रवार को अंतिम चरण में पहुंच गया था। यहां अमेरिकी ऑगर मशीन से 800 एमएम पाइप की ड्रिलिंग का काम किया जा रहा था। इस दौरान 1.5 मीटर ड्रिलिंग के बाद मशीन के सामने सरिया और पाइप की अड़चन सामने आ गई और ड्रिलिंग का काम रोकना पड़ा।

09:16 AM, 26-Nov-2023

हैदराबाद से प्लाज्मा कटर लाया गया

ऑगर मशीन के फंसे बरमे को काटने के लिए आज तड़के पांच बजे हैदराबाद से प्लाज्मा कटर पहुंच गया है। जिससे अभी तक 27 मीटर बरमे को काटकर निकाला जा चुका है। अभी 18 मीटर तक और काटकर निकाला  जाना है। सूत्रों के अनुसार इस काम में अभी एक से डेढ़ दिन का समय और लग सकता है।

09:09 AM, 26-Nov-2023

सुरंग के अंदर सुरक्षा छतरी लगाने की तैयारी

सुरंग के अंदर बचाव दल के लोग काम कर रहे हैं। अब सुरंग के अंदर सुरक्षा छतरी लगाने की तैयारी चल रही है। फंसे हुए श्रमिकों को अपने परिवार के सदस्यों से बात करने में सक्षम बनाने के लिए बीएसएनएल की ओर से एक लैंडलाइन सुविधा स्थापित की गई है। 

09:04 AM, 26-Nov-2023

बार-बार टूट जाती है उम्मीद

इससे सुरंग के अंदर फंसा उनका देवर भी निराश है। झारखंड के ग्राम केशोडीह निवासी विश्वजीत कुमार के भाई इंद्रजीत भी सुरंग के बाहर अपने भाई का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि हर दिन उम्मीद बंधती है कि आज अंदर फंसे सभी लोग बाहर आ जाएंगे, लेकिन फिर शाम होते-होते यह उम्मीद टूट जाती है।

08:58 AM, 26-Nov-2023

परिजनों के सब्र का बांध भी टूटने लगा

हकीकत में कब तक निकाला जाएगा, यह पता नहीं है। पिछले तीन दिन से सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान अंतिम चरण बताया जा रहा था, लेकिन अब यह खिंचता जा रहा है। इससे अब अंदर फंसे मजदूरों के परिजनों के सब्र का बांध भी टूटने लगा है। सुरंग में फंसे बिहार के बांका जिले के रहने वाले वीरेंद्र किसकू की भाभी सुनीता ने बताया कि वह पिछले तीन दिन से सुन रहे कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने वाला है, आज उन्हें निकाल लिया जाएगा, लेकिन रेस्क्यू पूरा ही नहीं हो रहा है।

08:36 AM, 26-Nov-2023

परिजनों के सब्र का बांध भी टूटा बोले-पता नहीं कब निकाल पाएंगे

सिलक्यारा सुरंग में 41 मजदूरों को फंसे 14 दिन हो गए हैं। अब परिजनों के सब्र का बांध भी टूटने लगा है। शनिवार को सुरंग के अंदर फंसे अपनों से बात कर निकले परिजनों ने कहा, वह हर दिन इसी उम्मीद में रहते हैं कि आज सभी को सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा, लेकिन रोज उम्मीद टूट जाती है।

 

06:51 AM, 26-Nov-2023

वर्टिकल ड्रिलिंग पर असमंजस

सिलक्यारा में अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स की देखरेख में चल रहे ऑपरेशन में विशेषज्ञ वर्टिकल ड्रिलिंग को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं है। आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ ने कहा कि वर्टिकल ड्रिलिंग भी एक विकल्प है, लेकिन संभव है कि वह अंतिम विकल्प हो।

06:18 AM, 26-Nov-2023

सुरक्षा छतरी की तैयारी

सुरंग के अंदर सुरक्षा छतरी की तैयारी चल रही है जहां बचाव दल के लोग काम कर रहे हैं।

12:16 AM, 26-Nov-2023

आज शुरू हो सकता है वर्टिकल ड्रिलिंग का काम

सरियों में फंसे ऑगर मशीन के ब्लेड को काटने का काम लगातार जारी है। इस काम में हैदराबाद से प्लाज्मा कटर पहुंचने के बाद तेजी आने की उम्मीद है। सुरंग के ऊपर मशीन का एक अन्य महत्वपूर्ण पार्ट जिससे ड्रिलिंग होती है, वह पहुंचाया जाना बाकी है। टीम का कहना है कि काम जारी है जल्द ही दूसरा पार्ट भी पहुंचा दिया जाएगा। वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब आज से वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू किया जा सकता है।

12:16 AM, 26-Nov-2023

सुरंग के मुहाने पर रिसने लगा पानी

सिलक्यारा की जिस सुरंग में 14 दिन से मजदूर फंसे हैं, उसके प्रवेश द्वार पर रिस रहे पानी ने सबकी चिंताएं बढ़ा दीं। शनिवार को पानी टपकने लगा। हालांकि, अधिकारी इसे सामान्य घटना मान रहे हैं।

12:15 AM, 26-Nov-2023

मुख्यमंत्री धामी बोले- दोबारा शुरू करेंगे खोदाई

सीएम धामी ने कहा, ये अभियान कठिन परिस्थितियों में चल रहा है। पाइप के भीतर 45 मीटर ब्लेड फंस गए थे, जिनका 20 मीटर हिस्सा काटकर निकाला जा चुका है। बाकी 25 मीटर को काटने के लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगाया गया है। कटर के शनिवार की सुबह तक सिलक्यारा पहुंचने का अनुमान है।

12:14 AM, 26-Nov-2023

इन चार योजनाओं पर होगा काम

योजना एक : ऑगर मशीन के फंसे हिस्से को काटकर निकाला जाएगा। इसके बाद मैन्युअली यानि मजदूर हाथों से खोदाई कर मलबा निकालेंगे।

योजना दो: इसमें निर्माणाधीन सुरंग के ऊपरी क्षेत्र में 82 मीटर दूरी पर खोदाई होगी। इसके लिए मशीन का प्लेटफॉर्म तैयार कर लिया गया है। मशीन के एक हिस्से को भी वहां पहुंचा दिया गया है।

योजना तीन : सुरंग के दूसरे छोर पाल गांव बड़कोट की तरफ से खोदाई का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। यह करीब पांच सौ मीटर हिस्सा है। इस अभियान में भी 12 से 13 दिन लगने का अनुमान है।

योजना चार: इसमें सुरंग के दोनों किनारों पर समानांतर (हॉरिजेंटल) ड्रिलिंग की जानी है। इसका सर्वे हो चुका है। रविवार को इस योजना पर भी काम शुरू किया जा सकता है।


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