![लोकसभा चुनाव: हिमाचल में अपने ही वरिष्ठ नेताओं ने बढ़ाया कांग्रेस का सिरदर्द, कहीं ऑपरेशन लोटस का असर तो नहीं? Senior Leaders including Pratibha Singh creates hurdles for Congress in himachal pradesh Lok Sabha Elections](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2022/05/06/pratibha-singh_1651843270.jpeg?w=414&dpr=1.0)
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह।
– फोटो : अमर उजाला
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थोड़ा सा दिन मुकद्दर ने अच्छा दिखाया तो अपने ही दगा दे रहे हैं। यह कहावत कांग्रेस पार्टी पर बहुत सटीक बैठ रही है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का दर्द अपने ही नेताओं ने बढ़ा रखा है। पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह हिमाचल की मंडी सीट से चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं हैं। प्रतिभा सिंह मंडी से ही 2019 में सांसद चुनी गई थीं। उनका मजबूत जनाधार है। हालांकि मंडी सीट से फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को भी भाजपा द्वारा उतारे जाने के कयास हैं।
ऐसा नहीं है कि केवल प्रतिभा सिंह चुनाव लड़ने में अनिच्छा जता रही हैं। कांग्रेस के कई बड़े और वरिष्ठ नेता लोकसभा चुनाव 2024 लड़ने से कतरा रहे हैं। प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह पहले से ही तेवर दिखा रहे हैं। वीरभद्र सिंह के गुट में गिने जाने वाले विधायकों ने बागी तेवर दिखाते हुए कांग्रेस के राज्यसभा प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को भी हार का मुंह दिखा दिया था। दरअसल, विक्रमादित्य सिंह के गुट की नजर राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। कांग्रेस के प्रत्याशी की बजाय भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी को जिताने वाले कांग्रेस के विधायक भी उन्हीं के वफादार बताए जाते हैं।
लोकसभा चुनाव सिर पर और पार्टी के भीतर झगड़ा भारी
यह हाल हिमाचल का ही नहीं है। कई राज्यों का है। इस सवाल के उत्तर में कांग्रेस के एक राज्यसभा सांसद ने कहा कि पार्टी की दुश्वारियां अपने नेताओं के कारण कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सूत्र का संबंध हिमाचल प्रदेश से है। नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि लोकसभा चुनाव सिर पर है। नेताओं को एकजुटता, तालमेल के साथ पार्टी के संघर्ष में साथ निभाना चाहिए, लेकिन हो कुछ और रहा है।
कांग्रेस में हर किसी को मुख्यमंत्री की कुर्सी चाहिए…
हिमाचल के ही एक और पूर्व राज्यसभा सांसद नाराज बताए जा रहे हैं। उन्हें तकलीफ इस बात की भी है कि कांग्रेस के तीन बड़े चेहरों में से कोई उनकी सुध नहीं ले रहा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी के पूर्व मंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के निधन के बाद हर किसी को वाईएस जगन मोहन रेड्डी की तरह मुख्यमंत्री की कुर्सी चाहिए। बताइए भला, ऐसा कैसे हो सकता है?
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