You are currently viewing अब अस्पताल घोटाले में मुख्य सचिव का नाम:बेटे को पहुंचाया करोड़ों का फायदा, आतिशी ने केजरीवाल को सौंपी रिपोर्ट – Delhi Government Accuses Chief Secretary Naresh Kumar Of Hospital Scam

Delhi government accuses Chief Secretary Naresh Kumar of hospital scam

अरविंद केजरीवाल
– फोटो : ANI

दिल्ली सरकार ने मुख्य सचिव नरेश कुमार पर अस्पताल घोटाला करने का आरोप लगाया है। सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बेटे की एक और कंपनी को दिल्ली सरकार के आईएलबीएस अस्पताल से बिना टेंडर एआई सॉफ्टवेयर बनाने का काम दिलवाया। जिससे उन्हें सैकड़ों करोड़ों का मुनाफा पहुंचाया गया। नरेश कुमार के बेटे की कंपनी सिर्फ सात महीने पहले बनी है। उसे एआई सोफ्टवेयर बनाने का कोई अनुभव नहीं है। मुख्य सचिव नरेश कुमार आईएलबीएस अस्पताल के चेयरमैन हैं। विजिलेंस मंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अस्पताल घोटाले की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है। इससे पहले दिल्ली सरकार ने मुख्य सचिव पर द्वारका एक्सप्रेसवे परियोजना में भूमि अधिग्रहण घोटाले का आरोप लगाया था।

गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर सतर्कता मंत्री आतिशी ने ईडी और सीबीआई के निदेशकों को पत्र लिखकर द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा प्राप्त करने के मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार, दक्षिण पश्चिम दिल्ली के डीएम हेमंत कुमार और डिवीजन कमिश्नर अश्वनी कुमार की भूमिका की जांच करने की सिफारिश की है।

आतिशी ने अपने पत्र में बताया है कि सतर्कता विभाग की प्रारंभिक जांच में इन अधिकारियों के बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में शामिल होने और पद का गलत इस्तेमाल करने के संकेत मिले हैं। ऐसे में यह मामला 1988 के सीबीआई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच के दायरे में आना चाहिए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर की गई प्रारंभिक जांच से पता चला कि जमीन 2015 में लाभार्थियों की आरे से सर्कल रेट के केवल 7 फीसदी पर खरीदी गई थी, इसलिए बाकी का 93 फीसदी भुगतान नकद में किए जाने की संभावना है। ये न केवल भ्रष्टाचार का मामला है, बल्कि इसमें मनी लॉन्ड्रिंग भी हो सकती है। ऐसे में यह मामला ईडी द्वारा जांच के लिए बिल्कुल सही है। मुख्यमंत्री ने मुझे सतर्कता विभाग की प्रारंभिक रिपोर्ट की एक कॉपी भेजने का निर्देश किया है, ताकि ईडी इस लेनदेन में शामिल लोगों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत मामले दर्ज कर उचित कार्रवाई करे।

सर्टिफाइड कॉपियों के आधार पर जांच की

आतिशी ने कहा कि उन्होंने सतर्कता विभाग के विशेष सचिव की ओर से इस मामले में उपलब्ध कराई गई फाइलों की सर्टिफाइड कॉपियों के आधार पर आरोपों की जांच की है। प्रधान सचिव (राजस्व)-सह-प्रमंडलीय आयुक्त के ऑफिस से मांगे जाने के बावजूद भी हमें उनसे कोई फाइल प्राप्त नहीं हुई है। इसके अलावा मैंने भारत सरकार के कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जमीन के रिकॉर्ड और रिपोर्ट का भी जिक्र किया है। यह प्रारंभिक रिपोर्ट 14 नवंबर 2023 को दिल्ली के मुख्यमंत्री को सौंप दी है। सतर्कता मंत्री ने आगे कहा कि मैंने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 और इस मामले में लागू होने वाले कानून के अन्य प्रावधानों के तहत डीएम साउथ वेस्ट हेमंत कुमार के अलावा मुख्य सचिव नरेश कुमार और डिविजनल कमिश्नर अश्विनी कुमार के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए प्रारंभिक रिपोर्ट की एक कॉपी सीबीआई को भी भेज दी है।

670 पेज की रिपोर्ट मुख्यमंत्री के भेजी थी

आतिशी ने 670 पेज की प्रारंभिक रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी थी। मामले में केजरीवाल को एक शिकायत प्राप्त हुई थी जिसमें शिकायतकर्ता ने हेमंत कुमार, नरेश कुमार और अश्विनी कुमार पर मिलीभगत का आरोप लगाया था। आरोप है कि इन अधिकारियों ने लाभार्थी भूस्वामियों के साथ कुछ अवैध लेनदेन किया हैं जिससे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को गंभीर आर्थिक नुकसान हुआ। दिल्ली के मुख्य सचिव के उन जमीन मालिकों के साथ अच्छे संबंध है जिनका मुआवजा तत्कालीन डीएम द्वारा काफी ज्यादा बढ़ाया गया था। साथ ही, मुख्य सचिव के बेटे के भी इन लाभार्थी जमीन मालिकों के साथ करीबी रिश्ते होने की बात बताई गई।

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