You are currently viewing उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की नियमावली पर सहमति, जानें यूपी कैबिनेट के 10 बड़े फैसले

UP: उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की नई नियमावली को मंजूरी दे दी गई है। मुख्य सचिव आयोग की इस नियमावली के अध्यक्ष होंगे। अध्यक्ष एवं सदस्यों का चयन सर्च कमेटी के माध्यम से किया जायेगा। इस समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे। सर्च कमेटी की अनुशंसा के अनुसार अध्यक्ष एवं सदस्यों की चयन सूची का अनुमोदन मुख्यमंत्री द्वारा किया जायेगा।

UP: उत्तर प्रदेश में उच्च से लेकर बेसिक शिक्षा, अनुदेशक एवं सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक महाविद्यालयों के शिक्षकों के चयन के लिए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया गया है। कैबिनेट ने मंगलवार को आयोग के अध्यक्ष, सदस्य, सचिव, परीक्षा नियंत्रक आदि के चयन के लिए तैयार की गई नियमावली पर सहमति दे दी। इससे आयोग की कार्यवाही आगे बढ़ सकेगी।

आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों का चयन एक सर्च कमेटी के माध्यम से किया जाएगा। इस समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे। सर्च कमेटी के अनुसार अध्यक्ष एवं सदस्यों के चयन की सूची का अप्रूवल मुख्यमंत्री द्वारा किया जायेगा। आयोग में एक सचिव, एक परीक्षा नियंत्रक, एक वित्त नियंत्रक, न्यायिक सेवा से एक विधि अधिकारी, एक वित्त एवं लेखा अधिकारी, आउटसोर्स से एक कंप्यूटर एवं आईटी समन्वयक और चार उप सचिव भी तैनात किये जायेंगे। इन अधिकारियों को राज्य सरकार द्वारा तीन साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर तैनात किया जाएगा।

Shiv Khera

नियमों के मुताबिक उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के प्रत्येक पूर्णकालिक कर्मचारी की सेवाएं भी आयोग को हस्तांतरित की जाएंगी। इन सभी के चयन से प्रदेश के सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक महाविद्यालयों में बेसिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा, अनुदेशकों एवं शिक्षकों की चयन प्रक्रिया को भी गति मिलेगी।

विंध्य और बुन्देलखण्ड की पाइप पेयजल परियोजनाओं की बढ़ी लागत को मंजूरी

योगी कैबिनेट ने जल जीवन मिशन के तहत बुन्देलखंड के बांदा, विंध्य क्षेत्र के सोनभद्र और मिर्ज़ापुर में पांच पाइप पेयजल परियोजनाओं की संशोधित लागत को मंजूरी दे दी है। परियोजनाओं में स्वीकृत लागत से कुल 245 करोड़ रुपये अधिक खर्च होंगे। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पाइप पेयजल योजना के माध्यम से हर घर तक पानी पहुंचाया जा रहा है। बांदा जिले की अमलीकौर ग्राम समूह पाइप पेयजल परियोजना के लिए 814.29 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये। अब संशोधित लागत 879.34 करोड़ रुपये स्वीकृत होने से परियोजना की लागत 65.05 करोड़ रुपये बढ़ गयी है।

सोनभद्र (UP) जिले की अमावर ग्राम समूह पाइप पेयजल योजना के लिए 171.11 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। अब इस योजना के लिए 237.65 करोड़ रुपये की संशोधित लागत को मंजूरी दे दी गई है। इस प्रोजेक्ट की लागत 66.53 करोड़ रुपये बढ़ गयी है। मीरजापुर के अहुगीकला ग्राम समूह पाइप पेयजल परियोजना के लिए भी 262.86 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी। अब प्रोजेक्ट की लागत बढ़कर 328.28 करोड़ रुपये हो गई है। कैबिनेट ने 65.90 करोड़ रुपये की बढ़ी हुई लागत को मंजूरी दे दी है। मीरजापुर की ही गोठौरा और धौहा ग्राम समूह पाइप पेयजल योजना के लिए 582.73 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये। अब प्रोजेक्ट की लागत बढ़कर 607.73 करोड़ रुपये हो गई है। कैबिनेट ने 25 करोड़ रुपये की बढ़ी हुई लागत को मंजूरी दे दी है। तालर ग्राम समूह पाइप पेयजल योजना के लिए 179.63 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई।  प्रोजेक्ट की लागत बढ़कर 203.44 करोड़ रुपये हो गयी है। परियोजना की बढ़ी हुई लागत 23.81 करोड़ रुपये मंजूर की गई है।

Triple IT को 50 एकड़ भूमि निःशुल्क हस्तांतरित करने पर सहमति

कैबिनेट ने इकाना स्टेडियम, चक गजरिया शहर के पीछे 20.241 हेक्टेयर (50 एकड़) भूमि तकनीकी शिक्षा विभाग, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, लखनऊ को निःशुल्क हस्तांतरित करने पर सहमति व्यक्त की है। Triple IT लखनऊ की स्थापना 2021 में हुई थी। इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत संचालित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने ट्रिपलआईटी के लिए 50 से 100 एकड़ भूमि की उपयुक्तता का प्रावधान किया है। वर्तमान में ट्रिपलआईटी का संचालन 50 एकड़ भूमि पर किया जा रहा है। अब तकनीकी शिक्षा विभाग ने इस जमीन का स्वामित्व Triple IT को हस्तांतरित करने पर सहमति दे दी है।

गणित विषय वालों को भी आयुर्वेद-यूनानी फार्मासिस्ट बनने का मौका मिलेगा

अब गणित विषय से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने वालों को आयुर्वेद और यूनानी विभाग में फार्मासिस्ट की नौकरी मिल सकेगी। इसके लिए फार्मासिस्ट की डिग्री लेने वालों को आयुर्वेदिक-यूनानी-तिब्बती मेडिकल सिस्टम बोर्ड में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। मंगलवार को कैबिनेट बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है. इस फैसले से गणित में इंटरमीडिएट और संबंधित विषय में फार्मेसी डिप्लोमा लेने वाले दो हजार से अधिक अभ्यर्थियों को फायदा होगा। वे इसी वर्ष विभाग में होने वाली भर्ती में भाग ले सकेंगे।

प्रदेश में पहले आयुर्वेदिक-यूनानी कॉलेजों से डिप्लोमा इन फार्मेसी का सर्टिफिकेट हासिल करने वालों को ही विभाग में फार्मासिस्ट की नौकरी मिलती थी। इसके लिए योग्यता इंटरमीडिएट विज्ञान वर्ग पास करना था। जबकि एलोपैथी और होम्योपैथी में साइंस स्ट्रीम के साथ-साथ गणित स्ट्रीम के छात्रों को भी डिप्लोमा डिग्री के लिए पात्र माना गया है। ऐसे में कुछ आयुर्वेदिक और यूनानी कॉलेजों ने भी गणित विषयों में डिप्लोमा डिग्री देना शुरू कर दिया है। 

आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग की आयुर्वेदिक (फार्मास्युटिकल) सेवा नियमावली में लिखा है कि विभागीय नियुक्ति के लिए वही पात्र हैं, जिन्होंने साइंस स्ट्रीम से इंटरमीडिएट और फार्मेसी में डिप्लोमा किया हो। ऐसे में सेवा नियमों में बदलाव का प्रस्ताव तैयार किया गया। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में आयुर्वेदिक औषधि सेवा (प्रथम संशोधन) नियम 2023 और यूनानी औषधि सेवा (प्रथम संशोधन) नियम 2023 को मंजूरी दे दी गई है। अब गणित और विज्ञान संकाय से इंटरमीडिएट उत्तीर्ण करने वाले छात्र आयुर्वेद और यूनानी विभाग में फार्मासिस्ट पद पर नियुक्ति में भाग ले सकेंगे।

#उततर #परदश #शकष #सव #चयन #आयग #क #नयमवल #पर #सहमत #जन #यप #कबनट #क #बड #फसल