सिविक सेंटर दिल्ली
– फोटो : अमर उजाला
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लोगों को संपत्ति कर के मामले बड़ी राहत मिलने जा रही है। दिल्ली नगर निगम सभी संपत्तियों की जियो टैगिंग कर रहा है। इससे ऑनलाइन बस एक क्लिक करने पर संपत्ति कर का ब्योरा मिल जाएगा। इसका सीधा फायदा यह होगा कि दोबारा संपत्ति कर जमा नहीं करना पड़ेगा।
फिलहाल रसीद गुम होने की सूरत में कई बार एमसीडी नोटिस थमा देती थी। कोई प्रमाण न होने पर कई बार फिर से कर देना भी पड़ता है। पहले 50 दिनों में करीब 15 लाख संपत्तियों का डाटा तैयार करने की योजना है। इसमें सबसे पहले चार लाख व्यावसायिक संपत्तियों की टैगिंग होगी।
मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने गुरुवार बताया कि एमसीडी ने मुंबई और बेंगलुरू की तर्ज पर यह काम शुरू किया है। सेटेलाइट के माध्यम से सभी संपत्तियों को टैग किया जाएगा। इससे एमसीडी को अपने इलाके की संपत्तियों की संख्या व संपत्ति करदाताओं के बारे में जानकारी रहेगी। इस प्रक्रिया पर एमसीडी पर कुछ भी खर्च नहीं आएगा। सात दिनों से 20 हजार संपत्तियों को टैग कर दिया गया है और दो महीने में 15 लाख संपत्तियों को टैग करने का लक्ष्य है। इस मुहिम का सबसे पहले फोकस गैर-रिहायशी संपत्तियों की टैगिंग पर रहेगा। ऐसी करीब चार लाख संपत्तियां बताई जा रही हैं। इन संपत्तियोें से ही निगम को ज्यादातर कर मिलता है।
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