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मानव रचना शैक्षणिक संस्थान (एमआरईआई) में शनिवार को दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ। मानव रचना यूनिवर्सिटी (एमआरयू), मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (एमआरआईआईआरएस) और मानव रचना डेंटल कॉलेज (एमआरडीसी) के इस संयुक्त दीक्षांत समारोह का शुभारंभ दीप जलाकर किया गया।

मानव रचना में दीक्षांत समारोह का आयोजन, 13 सौ से ज़्यादा छात्रों को डिग्रियां और छह मानद उपाधियां दी गई

-भारतीय विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक पद्म भूषण प्रोफेसर पद्मनाभन बलराम रहे मुख्य अतिथि

-कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के छह सम्मानित अतिथियों को मानद उपाधियों से किया गया सम्मानित

-एमआरआईआईआरएस, एमआरयू और एमआरडीसी के छात्रों के लिए संयुक्त दीक्षांत समारोह आयोजित

 

मानव रचना शैक्षणिक संस्थान (एमआरईआई) में शनिवार को दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ। मानव रचना यूनिवर्सिटी (एमआरयू), मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (एमआरआईआईआरएस) और मानव रचना डेंटल कॉलेज (एमआरडीसी) के इस संयुक्त दीक्षांत समारोह का शुभारंभ दीप जलाकर किया गया। इस दौरान भारतीय विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर पद्मनाभन बलराम बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। मौके पर एमआरईआई की चीफ पैट्रन श्रीमती सत्या भल्ला, अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला, उपाध्यक्ष डॉ. अमित भल्ला, एमआरआईआईआरएस के उपकुलपति डॉ. संजय श्रीवास्तव, एमआरयू के उपकुलपति डॉ. आईके भट, महानिदेशक एमआरईआई डॉ. एनसी वाधवा आदि मौजूद रहे।

13 सौ से ज्यादा डिग्रियां दी गई

समारोह के दौरान 13 सौ से ज़्यादा डिग्रियां दी गई, इनमें 989 स्नातक, 300 स्नातकोत्तर व 13 पीएचडी डिग्रियां शामिल हैं। साथ ही 67 मेधावी विद्यार्थियों को पदक देकर सम्मानित किया गया। मानद डिग्री पाने वालों में पूर्व भारतीय मुक्केबाज पद्म विभूषण एमसी मैरी कॉम, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित, आश्रम गांधी पुरी के संस्थापक पद्मश्री आगुस इंद्र उदयन, साइकोट्रोपिक्स इंडिया लिमिटेड के संस्थापक श्री नवदीप चावला, सुमन निर्मल मिंडा फाउंडेशन  की चेयरपर्सन श्रीमती सुमन मिंडा और एडीपी प्राइवेट लिमिटेड में सीनियर वाइस प्रेजीडेंट डॉ विपुल सिंह शामिल रहे। इस दौरान डॉ. संजय श्रीवास्तव और डॉ. आईके भट ने विश्वविद्यालयों की वार्षिक रिपोर्ट पेश की।

 

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रो. पद्मनाभन बलराम ने कहा कि, जिंदगी में असफलता सफलता के मुकाबले ज्यादा मिलती है, लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए। सीखने की प्रक्रिया जिंदगी भर चलती रहनी चाहिए। दीक्षांत समारोह हर छात्र, उनके अभिभावकों और संस्थान के लिए एक गौरवशाली पल होता है। युवाओं के इस यादगार पल का साक्षी बनकर खुशी हुई।

 

डॉ. प्रशांत भल्ला ने सभी छात्रों और अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा, कि आज का दिन आपके कठिन परिश्रम, समर्पण और त्याग के परिणाम का दिन है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप जिस भी क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे पूरी नैतिकता के साथ जिम्मेदारी निभाएंगे। आपने जो बेहतर समय यहां बिताया है उन्हें लेकर आगे बढ़ें और एक बेहतर भविष्य के निर्माता बनें।  

 

डॉ. संजय श्रीवास्तव ने कहा कि छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमें आप पर सदैव गर्व रहेगा। मुझे यकीन है कि जब भी आपको हमारी जरूरत होगी हम खुले दिल से आपका स्वागत करेंगे। उन्होंने छात्रों को हमेशा धैर्यपूर्वक सुनने, परिश्रमपूर्वक विचार करने, सही ढंग से समझने और उचित निर्णय लेने का संदेश दिया।

 

डॉ. आईके भट ने संबोधन में कहा कि आज आपने डिग्री हासिल की है इसी तरह आप भविष्य में हर सफलता हासिल करें ये शुभकामनाएं हैं। मानव रचना में आपको जो ज्ञान और कौशल प्राप्त हुआ है वो भविष्य में आपको हर चुनौती का समाधान खोजने में मददगार साबित होगा पूरा भरोसा है।

 

मानद उपाधि लेने वालों ने कहा

 

एमसी मैरी कॉम- इस समारोह का हिस्सा बनना मेरे लिए बेहद खुशी और गौरव का पल रहा। मैं भाग्यशाली हूं कि मानव रचना ने इस सम्मान के लिए मुझे चुना। संस्थान का दिल से आभार।  

 

जस्टिस यूयू ललित- मैंने अपने जीवन में 40 साल से ज्यादा का समय कानूनी क्षेत्र में बिताया है और पर्याप्त उपलब्धियां पाई है, लेकिन मानव रचना से मिला ये सम्मान मेरे लिए गौरव का विषय है।

 

आगुस इंद्र उदयन- मैं बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि संस्थान ने मुझे इस सम्मान के योग्य समझा। 30 सालों के समर्पण के लिए ये मिला ये पुरस्कार माता-पिता का आशीर्वाद है।

 

नवदीप चावला- मानव रचना ने ये दिन मेरे लिए बेहद खास बनाया इसके लिए दिल की गहराई से धन्यवाद। ये सम्मान मैं दोस्तों, परिवार और सभी कर्मचारियों को समर्पित करता हूं।

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श्रीमती सुमन मिंडा- मानव रचना ने इस उपाधि से मुझे सम्मानित किया उसके लिए दिल से धन्यवाद। सभी लोग समाज कल्याण के प्रयास करें तो ये देश निश्चित ही तरक्की करेगा।

 

डॉ. विपुल सिंह-  ये क्षण मेरे लिए बेहद भावुक है और इसके लिए मानव रचना परिवार का दिल से धन्यवाद। ये सम्मान मैं अपने माता-पिता और परिवार को समर्पित करना चाहता हूं।

 

मानव रचना में आयोजित हुए समारोह में सभी छात्र, अभिभावकों, संकाय सदस्यों और कर्मचारियों ने उत्साह और खुशी के साथ शामिल हुए।


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