UP School News: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के स्कूलों में सुधार के लिए नए नियमों की घोषणा की है। इस प्रयास के परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज कीजाएगी। यह नया नियम 20 नवंबर, 2023 को लागू होगा। यह नियम 7 जिलों में लागू होगा जिसमें लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, खीरी, रायबरेली, उन्नाव और श्रावस्ती शामिल हैं।
UP School News: उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग ने राज्य के सात जिलों के स्कूलों में एक नया नियम लागू किया है। नए नियम के अनुसार शिक्षकों को दिन में दो बार अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी, एक बार स्कूल आने पर और एक बार स्कूल छोड़ने पर। यह नियम स्कूल प्राचार्यों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए भी अनिवार्य है।
यूपी सरकार के नये नियम के अनुसार, अब परिषदीय स्कूलों के विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। 20 नवंबर 2023 से यह व्यवस्था 7 जिलों में लागू हो जाएगी, जिसमें लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, खीरी, रायबरेली, उन्नाव और श्रावस्ती शामिल हैं। यह नियम अगले महीने से राज्य के सभी जिलों में लागू हो जायेगा। शिक्षकों का स्कूल आने का समय और जाने का समय दोनों दर्ज किया जाएगा।
इस नियम से स्कूलों की जियो फेंसिंग होने से स्कूल परिसर में ही ऑनलाइन अटेंडेंस हो सकेगी।आपको बता दें कि जियो फेंसिंग (Geofencing) एक ऐसी तकनीक है, जियो फेंसिंग अटेंडेंस एक ऐसी प्रणाली है जिसमें छात्रों और शिक्षकों की हाजिरी को उनके मोबाइल फोन के जीपीएस लोकेशन के आधार पर ट्रैक किया जाता है। इस प्रणाली में, कॉलेज या संस्थान के परिसर के चारों ओर एक वर्चुअल बाउंड्री बनाई जाती है। जब कोई छात्र या शिक्षक इस बाउंड्री के भीतर आता है, तो उसके मोबाइल फोन का जीपीएस लोकेशन इस बाउंड्री के भीतर होने की पुष्टि करता है। इसके बाद, उस छात्र या शिक्षक की हाजिरी स्वचालित रूप से लग जाती है।
कैसे लागू होगा नया नियम
नया नियम टाइम और अटेंडेंस सिस्टम के जरिए लागू किया जाएगा. शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को अपनी बायोमेट्रिक पहचान का उपयोग करके सिस्टम के अंदर और बाहर जाना होगा। सिस्टम के डेटा का उपयोग सभी कर्मचारियों की उपस्थिति को ट्रैक करने के लिए किया जाएगा।
बिना अनुमति के विद्यालय से अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी. अनुशासनात्मक कार्रवाई में वेतन में कटौती, निलंबन या रोजगार से बर्खास्तगी शामिल हो सकती है।
अब शिक्षक अपनी मनमानी नहीं कर सकेंगे
अभी तक छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की अटेंडेंस मैनुअल तरीके से रजिस्टर पर दर्ज की जाती है। ऐसे में वह इसे मनमाने तरीके से से करते हैं। नए नियम के अनुसार शिक्षकों को अपनी अटेंडेंस प्रतिदिन दो बार ऑनलाइन दर्ज करनी होगी। स्कूल में शिक्षकों के आने-जाने का रिकार्ड रखा जाएगा।
नय के नियम के मुताबिक, गर्मी के मौसम में यानि 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक टीचर विद्यालय में आते समय सुबह 7:45 से सुबह 8 बजे तक और स्कूल छोड़ते समय दोपहर 2:15 से 2:30 बजे तक अपनी उपस्थिति ऑनलाइन पंजीकरण करा सकेंगे। इसके अलावा सर्दी के मौसम में 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक स्कूल आते समय सुबह 8:45 से 9 बजे तक और स्कूल छोड़ते समय दोपहर 3:15 से 3:30 बजे तक अपनी अटेंडेंस लगा सकेंगे।
छात्रों के लिए अलग से होगा समय
छात्रों को गर्मियों में 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक सुबह 8 से 9 बजे तक और सर्दियों के मौसम में 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक सुबह 9 से 10 बजे तक अपनी अटेंडेंस ऑनलाइन दर्ज करानी होगी।
अब, मिड डे मील की जांच भी होगी डिजिटल
इसके विपरीत सर्दी में दोपहर 1.30 बजे तक और गर्मी में दोपहर 12 बजे तक मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गए है। मध्याह्न भोजन और उपस्थिति रजिस्टर के साथ-साथ पत्राचार, बाल जनगणना और अन्य रिकॉर्ड सहित सभी 12 प्रवेश पंजीकरण रजिस्टरों को डिजिटल कर दिया गया है।
प्रेरणा पोर्टल पर डिजिटल रजिस्टर नाम से एक नया मॉड्यूल विकसित किया गया है। इस पर शिक्षकों को पूरा विवरण भरना होगा। फिलहाल परिषदीय स्कूलों को 2.09 लाख टैबलेट दिए गए हैं।
बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इन नियमों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति फेशियल रिकग्निशन तकनीक यानी टैबलेट पर चेहरा दिखाकर दर्ज की जाएगी।
शिक्षकों ने दी प्रतिक्रिया
नये नियम पर शिक्षकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आयी है। कुछ शिक्षकों ने इस नियम का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे उपस्थिति और जवाबदेही में सुधार करने में मदद मिलेगी। अन्य लोगों ने इस नियम की आलोचना करते हुए कहा है कि यह उनकी निजता में अनावश्यक हस्तक्षेप है।
उत्तर प्रदेश शिक्षक संघ ने कहा है कि वह नये नियम का विरोध करेगा. एसोसिएशन ने कहा कि यह नियम शिक्षकों को सूक्ष्म प्रबंधन करने का एक प्रयास है और यह उनके लिए अनावश्यक तनाव पैदा करेगा।
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