Notes in Hindi for Competitive Exams-Indian Constitution- भारतीय संविधान के प्रमुख भाग – भारतीय नागरिकता
Notes in Hindi - Indian Constitution - भारतीय संविधान के प्रमुख भाग - भारतीय नागरिकता
Notes in Hindi – Indian Constitution – भारतीय संविधान के प्रमुख भाग – भारतीय नागरिकता
Notes in Hindi – Indian Constitution – भारतीय संविधान के प्रमुख भाग – भारतीय नागरिकता
Indian Constitution in Hindi
भारतीय संविधान के प्रमुख भाग
भारतीय संविधान के प्रमुख भाग
Notes in Hindi – Indian Constitution – भारतीय संविधान के प्रमुख भाग – भारतीय नागरिकता
भारतीय संविधान के प्रमुख भाग | ||
भाग | क्षेत्र | अनुच्छेद |
भाग -1 : | संघ एवं उसका राज्य क्षेत्र | अनुच्छेद 1 से 4 |
भाग -2 : | नागरिकता | अनुच्छेद 5 से 11 |
भाग -3 : | मौलिक अधिकार | अनुच्छेद 12 से 35 |
भाग -4 : | नीति – निर्देशक तत्त्व | अनुच्छेद 36 से 51 |
भाग -4 : ( क ) | मूल कर्तव्य | अनुच्छेद 51 ( क ) |
भाग -5 : | संघ | अनुच्छेद 52 से 151 |
भाग -6 : | राज्य | अनुच्छेद 152 से 237 |
भाग -8 : | संघ राज्य क्षेत्र | अनुच्छेद 239 से 242 |
भाग -11 : | संघ और राज्यों के बीच संबंध | अनुच्छेद 245 से 263 |
भाग -14 : | संघ एवं राज्यों के अधीन सेवाएँ | अनुच्छेद 308 से 323 |
भाग -15 : | निर्वाचन | अनुच्छेद 324 से 329 |
भाग -17 : | राजभाषा | अनुच्छेद 343 से 351 |
भाग -18 : | आपात उपबंध | अनुच्छेद 352 से 360 |
भाग -20 : | संविधान संशोधन | अनुच्छेद 368 |
Notes in Hindi – Indian Constitution – भारतीय संविधान के प्रमुख भाग – भारतीय नागरिकता
भारतीय नागरिकता
(अनुच्छेद 5 से 11)
भारत में एकल नागरिकता का प्रावधान है ।
भारतीय नागरिकता अधिनियम , 1955 ई ० के अनुसार निम्न में से किसी एक आधार पर नागरिकता प्राप्त की जा सकती है
1. जन्म से : प्रत्येक व्यक्ति जिसका जन्म संविधान लागू होने अर्थात् 26 जनवरी , 1950 ई ० को या उसके पश्चात् भारत में हुआ हो , वह जन्म से भारत का नागरिक होगा । अपवाद – राजनयिकों के बच्चे , विदेशियों के बच्चे ।
2.वंश – परम्परा द्वारा नागरिकता : – भारत के बाहर अन्य देश में 26 जनवरी , 1950 ई ० के पश्चात् जन्म लेने वाला व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाएगा , यदि उसके जन्म के समय उसके माता – पिता में से कोई भारत का नागरिक हो ।
नोट : माता की नागरिकता के आधार पर विदेश में जन्म लेने वाले व्यक्ति को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान नागरिकता संशोधन अधिनियम 1992 ई ० द्वारा किया गया है ।
3. देशीयकरण द्वारा नागरिकता : भारत सरकार से देशीयकरण का प्रमाण – पत्र प्राप्त कर भारत की नागरिकता प्राप्त की जा सकती है ।
4. पंजीकरण द्वारा नागरिकता : निम्नलिखित वर्गों में आने वाले लोग पंजीकरण के द्वारा भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं
( i ) वे व्यक्ति जो पंजीकरण प्रार्थना पत्र देने की तिथि से छह माह पूर्व से भारत में रह रहे हों ।
( ii ) वे भारतीय , जो अविभाज्य भारत से बाहर किसी देश में निवास कर रहे हों ।
( iii ) वे स्त्रियाँ , जो भारतीयों से विवाह कर चुकी हैं या भविष्य में विवाह करेंगी ।
( iv ) भारतीय नागरिकों के नाबालिग बच्चे ।
( v ) राष्ट्रमंडलीय देशों के नागरिक , जो भारत में रहते हों या भारत सरकार की नौकरी कर रहे हों । आवेदन पत्र देकर भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं ।
5. भूमि – विस्तार द्वारा : यदि किसी नए भू – भाग को भारत में शामिल किया जाता है , तो उस क्षेत्र में निवास करने वाले व्यक्तियों को स्वतः भारत की नागरिकता प्राप्त हो जाती है ।
- भारतीय नागरिकता संशोधन अधिनियम , 1986 : इस अधिनियम के आधार पर भारतीय नागरिकता संशोधन अधिनियम , 1955 में निम्न संशोधन किए गए हैं
( i ) अब भारत में जनमे केवल उस व्यक्ति को ही नागरिकता प्रदान की जाएगी , जिसके माता – पिता में से एक भारत का नागरिक हो ।
( ii ) जो व्यक्ति पंजीकरण के माध्यम से भारतीय नागरिकता प्राप्त करना चाहते हैं , उन्हें अब भारत में कम से कम पाँच वर्षों तक निवास करना होगा । पहले यह अवधि छह माह थी ।
( iii ) देशीयकरण द्वारा नागरिकता तभी प्रदान की जाएगी , जबकि संबंधित व्यक्ति कम – से – कम 10 वर्षों तक भारत में रह चुका हो । पहले यह अवधि 5 वर्ष थी । नागरिकता संशोधन अधिनियम , 1986 जम्मू – कश्मीर व असम सहित भारत के सभी राज्यों पर लागू होगा ।
भारतीय नागरिकता का अन्त : भारतीय नागरिकता का अन्त निम्न प्रकार से हो सकता है
( i ) नागरिकता का परित्याग करने से ।
( ii ) किसी अन्य देश की नागरिकता स्वीकार कर लेने पर ।
( iii ) सरकार द्वारा नागरिकता छीनने पर ।
नोट : जम्मू – कश्मीर राज्य के विधान – मंडल को निम्न विषयों के संबंध में राज्य में स्थायी रूप से निवास करने वाले व्यक्तियों को अधिकार तथा विशेषाधिकार प्रदान करने की शक्ति प्रदान की गयी है:-
( i ) राज्य के अधीन नियोजन के संबंध में ।
( ii ) राज्य में अचल सम्पत्ति के अर्जन के संबंध में ।
( iii ) राज्य में स्थायी रूप से बस जाने के संबंध में ।
( iv ) छात्रवृत्तियाँ अथवा इसी प्रकार की सहायता , जो राज्य सरकार प्रदान करे