Notes in Hindi – Indian Histroy - प्राचीन भारत - मगध राज्य और सिकन्दर

Notes in Hindi for Competitive Exams – Indian Histroy - प्राचीन भारत – 8 - मगध राज्य और सिकन्दर

Notes in Hindi – Indian Histroy – प्राचीन भारत – मगध राज्य और सिकन्दर

Notes in Hindi – Indian Histroy – प्राचीन भारत – मगध राज्य और सिकन्दर

History in Hindi

प्राचीन भारत (Ancient India)

                                                       

मगध राज्य का उत्कर्ष

Notes in Hindi – Indian Histroy – प्राचीन भारत – मगध राज्य और सिकन्दर –

  • मगध के सबसे प्राचीन वंश के संस्थापक बृहद्रथ था । इसकी राजधानी गिरिब्रज ( राजगृह ) थी । जरासंध बृहद्रथ का पुत्र था ।
  • हर्यक वंश के संस्थापक बिम्बिसार  मगध की गद्दी पर 544 ई ० पू ० ( बौद्ध ग्रंथों के अनुसार ) में बैठा था । वह बौद्ध धर्म का अनुयायी था ।
  • बिम्बिसार ने ब्रह्मदत्त को हराकर अंग  राज्य को मगध में मिला लिया ।
  • बिम्बिसार ने राजगृह का निर्माण कर उसे अपनी राजधानी बनाया
  • बिम्बिसार ने मगध पर करीब 52 वर्षों तक शासन किया । 
  • महात्मा बुद्ध की सेवा में बिम्बिसार ने राजवैद्य जीवक को भेजा । अवन्ति के राजा प्रद्योत जब पाण्डु रोग से ग्रसित थे उस समय भी बिम्बिसार ने जीवक को उनकी सेवा सुश्रुषा के लिए भेजा था ।
  • बिम्बिसार ने वैवाहिक संबंध स्थापित कर अपने साम्राज्य का विस्तार किया । इसने कोशल नरेश प्रसेनजित की बहन महाकोशला से , वैशाली के चेटक की पुत्री चेल्लना से तथा मद्र देश ( आधुनिक पंजाब ) की राजकुमारी क्षेमा से शादी की ।
  • बिम्बिसार की हत्या उसके पुत्र अजातशत्रु ने कर दी और वह 493 ई ० पू ० में मगध की गद्दी पर बैठा ।
  • अजातशत्रु का उपनाम कुणिक था । 
  • अजातशत्रु ने 32 वर्षों तक मगध पर शासन किया ।
  • अजातशत्रु प्रारंभ में जैनधर्म का अनुयायी था ।
  • अजातशत्रु के सुयोग्य मंत्री का नाम वर्षकार ( वरस्कार ) था । इसी की सहायता से अजातशत्रु ने वैशाली पर विजय प्राप्त की ।
  • अजातशत्रु की हत्या उसके पुत्र उदायिन् ने 461 ई ० पू ० में कर दी और वह मगध की गद्दी पर बैठा ।
  • उदायिन् ने पाटिलग्राम की स्थापना की ।
  • उदायिन् भी जैनधर्म का अनुयायी था । 
  • हर्यक वंश का अंतिम राजा उदायिन् का पुत्र नागदशक था । 
  • नागदशक को उसके अमात्य शिशुनाग ने 412 ई ० पू ० में अपदस्थ करके मगध पर शिशुनाग वंश की स्थापना की ।
  • शिशुनाग ने अपनी राजधानी पाटलिपुत्र से हटाकर वैशाली में स्थापित की । 
  • शिशुनाग का उत्तराधिकारी कालाशोक पुनः राजधानी को पाटलिपुत्र ले गया ।
  • शिशुनाग वंश का अंतिम राजा नदिवर्धन था ।
  • नंदवंश का संस्थापक महापद्म नंद था ।
  • नंदवंश का अंतिम शासक घनानंद था ।  यह सिकन्दर का समकालीन था । इसे चन्द्रगुप्त मौर्य ने युद्ध में पराजित किया और मगध पर एक नये वंश मौर्य वंश की स्थापना की ।

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सिकन्दर

  • सिकन्दर का जन्म 356 ई ० पू ० में हुआ ।
  • सिकन्दर के पिता का नाम फिलिप था । फिलिप 359 ई ० पू ० में मकदूनिया का शासक बना । इसकी हत्या 329 ई ० पू ० में कर दी गयी ।
  • सिकन्दर अरस्तू का शिष्य था ।
  • सिकन्दर ने भारत विजय का अभियान 326 ई ० पू ० में प्रारंभ किया ।
  • सिकन्दर का सेनापति सेल्यूकस निकेटर था ।
  • सिकन्दर को पंजाब के शासक पोरस के साथ युद्ध करना पड़ा , जिसे हाइडेस्पीज के युद्ध , झेलम ( वितस्ता ) का युद्ध के नाम से जाना जाता है । 
  • सिकन्दर की सेना ने व्यास नदी को पार करने से इन्कार कर दिया ।
  • सिकन्दर स्थल – मार्ग द्वारा 325 ई ० पू ० में भारत से लौटा । 
  • सिकन्दर की मृत्यु 323 ई ० पू ० में बेबीलोन में 33 वर्ष की अवस्था में हो गयी । 
  • सिकन्दर का जल – सेनापति था – निर्याकस

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