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Rajasthan News: Fake website created in the name of escort service, collected lakhs by trapping customers

साइबर फ्रॉड
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार


साइबर फ्रॉड के नित नए तरीके रोजाना सामने आ रहे हैं। जिले की गोवर्धन विलास थाना पुलिस की टीम ने ऑनलाइन एस्कॉर्ट सर्विस उपलब्ध कराने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से मोबाइल और एटीएम कार्ड समेत एक हिसाब-किताब की डायरी जब्त की है। गिरफ्तार आरोपियों ने एस्कॉर्ट सर्विस देने संबंधी फर्जी वेबसाइट बना रखी है, जिस पर उपलब्ध कराए गए व्हाट्सएप नंबर पर कॉल करने वाले व्यक्तियों को झांसे में लेकर उनसे पैसे ऐंठ लिए जाते हैं।

एसपी योगेश गोयल ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि गोवर्धन विलास थाना के प्रशिक्षु आईपीएस, एसएचओ निश्चयप्रसाद एम. को सूचना मिली थी कि दक्षिण विस्तार योजना स्थित एक मकान में कुछ युवकों ने ऑनलाइन एस्कॉर्ट सर्विस उपलब्ध कराने का सेंटर बनाया है। सूचना पर एडिशनल एसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा के सुपरविजन व सीओ गजेंद्र सिंह राव के निर्देशन में थाना स्तर पर टीम गठित की गई।

 

एसपी गोयल ने बताया कि सूचना के बाद प्रसाद एम. की टीम ने बताए गए मकान पर दबिश देकर वहां से राहुल पाटीदार, मनीष पाटीदार, अजीत पाटीदार एवं पंकज पाटीदार को गिरफ्तार कर इनके पास से 15 मोबाइल, 15 एटीएम कार्ड व हिसाब का रिकॉर्ड जब्त किया है। जब्त किए गए मोबाइलों से ठगी संबंधी कई साक्ष्य भी पुलिस को मिले हैं।

ऐसे करते हैं ठगी

पुलिस जांच में सामने है आया कि अभियुक्तों ने SKOKKA व SDUKO नाम की फर्जी वेबसाइट बना रखी है, जिस पर इन्होंने एस्कॉर्ट्स उपलब्ध कराने का विज्ञापन देकर संपर्क के लिए व्हाट्सएप नंबर दिया है। इनके द्वारा दिए गए व्हाट्सएप पर जब कोई व्यक्ति संपर्क करता है तो अभियुक्त उसे कई लड़कियों की फोटोग्राफ दिखाकर, उनमें से कोई एक सिलेक्ट करने के लिए कहते हैं। ग्राहक के फोटो सिलेक्ट करते ही ठगी का खेल शुरू हो जाता है।

ग्राहक द्वारा फोटो सिलेक्ट करने के बाद ये लोग एडवांस के तौर पर 500 या 1000 रुपये की डिमांड करते हैं। फिर बाद में सिक्योरिटी राशि के नाम पर और रकम मांगते हैं। इसके बाद अलग-अलग चार्जेस के नाम पर और राशि भेजने के लिए कहते हैं। ग्राहक को जब थोड़ा अंदेशा होता है और वह रुपये देने से मना करने लगता है तो उसका व्हाट्सएप नंबर ब्लॉक कर देते हैं। ऐसे में ग्राहक का ठगों से संपर्क टूट जाता है और फिर वह लोकलाज के डर से घटना की रिपोर्ट पुलिस में भी दर्ज नहीं कराते।

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