जच्चा-बच्चा
– फोटो : अमर उजाला
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अयोध्या में जिस शुभ घड़ी में रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो रहे थे, उसी समय नोएडा और ग्रेनो के अस्पतालों में उनके भक्तों के जीवन में श्रीराम के प्रतीक जन्म ले रहे थे। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दिन जन्मे नवजातों के नाम भी भगवान श्रीराम और उनकी सहधर्मिणी सीताजी को समर्पित कर रख रहे हैं।
सोरखा सेक्टर-115 निवासी दीपक चौहान की पत्नी चांदनी ने सोमवार सुबह करीब 11 बजे जिला संयुक्त अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। दीपक का कहना है कि इससे अच्छा क्या हो सकता है कि हमारा बेटा उस क्षण पैदा हुआ है जब अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी। ऐसे में तय किया गया है कि बेटे का नाम भी राम ही रखेंगे। दीपक और चांदनी की पहले एक बेटी है जिसका नाम परी है।
उनकी तरह ही बरौला निवासी बंगाली सिंह और प्रियंका सेंगर को भी पुत्र की प्राप्ति हुई है। दोपहर करीब एक बजे उनके बेटे ने जन्म लिया। प्रियंका का कहना है कि सोचा था कि अगर बेटा हुआ तो उसका नाम शाश्वत रखेंगे। अब बेटे का जन्म रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ हुआ है तो अब परिजनों से कोई ऐसा नाम तय करने पर बात कर रहे हैं, जो राम के नाम से ही जुड़ा हो।
मूलरूप से हरदोई निवासी सेक्टर-27 में रहने वाले सोनू की पत्नी काजल ने सोमवार को बेटी को जन्म दिया। दंपती बेटी का नाम माता सीता के नाम पर रखना चाहते हैं। उनका मन है कि बेटी का नाम जानकी रखा जाए। बेटी के नामकरण संस्कार के दिन वह इसकी घोषणा करने के इच्छुक हैं। धार्मिक प्रवृत्ति के सोनू के दो बेटे हैं। उनके एक बेटे का नाम कृष्णा और दूसरे का नाम कार्तिक है।
करीब 300 बच्चों ने लिया जन्म
चांदनी, प्रियंका और काजल की तरह जिले में सोमवार को करीब 300 बच्चों ने जन्म लिया। इसमें निजी अस्पतालों के अलावा सरकारी अस्पताल भी शामिल हैं। भंगेल, बिसरख, डाढ़ा, दादरी सीएचसी में भी बच्चों के जन्म पर डॉक्टरों ने परिजनों संग खुशियां मनाईं।
सिजेरियन से भी जन्म
प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर बच्चे के जन्म को सुनिश्चित करने के लिए कई परिजनों ने नोएडा-ग्रेनो के निजी अस्पतालों में सिजेरियन का सहारा लिया। परिजनों का तर्क है कि इससे उनका बच्चा भी श्रीराम की तरह बुद्धिमान, प्रतापी और साहसी पैदा होगा।
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