Class 10 Science Notes in Hindi PDF – Important Q & A Part – 8 – प्रमुख प्राकृतिक संसाधन
Class 10 Science Notes in Hindi - PDF - Important Questions & Answers Part-8
Class 10 Science Notes in Hindi – PDF – Important Q&A – प्रमुख प्राकृतिक संसाधन – Major natural resources
Class 10 Science Notes in Hindi – PDF – Important Questions & Answers -प्रमुख प्राकृतिक संसाधन – Major natural resources
Class 10 Science Notes in Hindi – PDF – Important Q & A
प्रमुख प्राकृतिक संसाधन (Major natural resources)
प्रमुख प्राकृतिक संसाधन
(Major natural resources)
Class 10 Science Notes in Hindi – PDF – Important Questions & Answers -प्रमुख प्राकृतिक संसाधन –Major natural resources
महत्वपूर्ण बिंदु :-
- कान्हा जीवमंडल निचय कहां स्थित है –मध्य प्रदेश में ।
- IUCN का पूरा नाम – International union for conservation of nature .
- चंद्रप्रभा प्राणी विहार कहां स्थित है –उतर प्रदेश में ।
- राजस्थान में काला हिरण का अभ्यारण्य कहां है –तालछापर ( चूरु ) ।
- मानस जीव मंडल निचय कहां स्थित है –असम में ।
- C कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान कहां स्थित है – उतरांचल में ।
- नाल सरोवर प्राणी विहार कहां स्थित है- गुजरात में ।
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान कहां स्थित है – असम में ।
- उड़न गिलहरी किस वन्य जीव अभ्यारण्य में पाई जाती है । –सीतामाता ( प्रतापगढ़ ) ।
- सरिस्का अभयारण्य कहां स्थित है – अलवर ।
- सर्वाधिक कार्बन की मात्रा किस कोयले में होती है –एन्थ्रेसाइट ।
- संकटापन्न जातियों से क्या तात्पर्य है – निकट भविष्य में समाप्त होने वाली जातियाँ ( गैंडा , गोडावन , बब्बर शेर , बघेरा आदि ) ।
- संकटग्रस्त वन्य जीव एवं दुर्लभ वन्यजीवों के आंकड़ों से संबंधित पुस्तक का क्या नाम है –लाल आंकड़ा पुस्तक ( रेड डाटा बुक ) ।
- अमृता देवी के बलिदान का संबंध किस वृक्ष से है – खेजड़ली सें ।
प्र.1- जल संरक्षण व प्रबंधन के उपाय लिखिए ।
उत्तर – जल संरक्षण व् प्रबंधन के निम्न उपाय है –
- जल को बहुमूल्य संपदा घोषित करके उसका समुचित उपयोग करना ।
- वर्षा जल संग्रहण विधियों द्वारा जल का संग्रहण करना ।
- घरेलू उपयोग में जल की बर्बादी पर रोक लगाना ।
- भूजल के अतिदोहन पर रोक लगाना ।
- जल को प्रदूषित होने से बचाना ।
- जल को पुनः चक्रित कर के काम में लेना ।
- बाढ़ नियंत्रण में जल के समुचित उपयोग के लिए नदियों को परस्पर जोड़ना ।
- फव्वारा विधि व बूंद बूंद विधि से सिंचाई करके जल का समुचित उपयोग करना ।
प्र . 2- वन्य जीवों के विलुप्त होने के कारणों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – वन्य जीवों के विलुप्त होने के निम्न कारण है –
- प्राकृतिक आवासों का नष्ट होना ।
- जनसंख्या वृद्धि ।
- वृहद जल परियोजनाओं का निर्माण
- जंगलों में खनन कार्य और वायु प्रदूषण से उत्पन्न अम्लीय से जीवों के प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहे हैं ।
- समुद्र में तेल टैंकर से तेल का रिसाव समुद्री जीवों के आवास को नष्ट करता है ।
- ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण पृथ्वी का वातावरण गर्म हो रहा है जिससे जैव विविधता नष्ट हो रही है ।
- वन्यजीवों का अवैध शिकार होना ।
- विभिन्न प्रकार के प्रदूषण ।
- मानव और वन्य जीवन में संघर्ष ।
- प्राकृतिक अनुवांशिक और मानव जनित कारणों से वन्यजीवों का विनाश ।
प्र . 3- राजस्थान में पारंपरिक जल संग्रहण की विभिन्न पद्धतियों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – राजस्थान में पारंपरिक जल संग्रहण की विभिन्न पद्धतियों निम्न है –
- खड़ीन : – मिट्टी से बना यह अस्थाई तालाब किसी ढालू भूमि के निचले हिस्से में बना होता है इसके दो तरफ मिट्टी की दीवार और तीसरी तरफ पत्थर की मजबूत दीवार होती है । जल से पूर्ण होने पर इसका जल अगली खड़ीन में चला जाता है । खड़ीन के सूख जाने पर उसमें खेती की जाती है ।
- तालाब : – जल संग्रह की इस प्राचीन पद्धति का आज भी महत्व है तालाब की तलहटी पर कुआं बना होता है । जिसे बेरी करते हैं भूमि जल के स्तर को बढ़ाने का यह वैज्ञानिक तरीका है ।
- झील : – झील द्वारा वर्षा जल को संग्रहण करना एक प्राचीन पद्धति है । राजस्थान में प्राकृतिक और कृत्रिम दोनों प्रकार की झिले हैं झिलों से रिसने वाला जल निकट के कुओ , बावडियो , कुंडो आदि के जल स्तर को बढ़ाता है ।
- बावडी : – राजस्थान में बावडियो का अलग महत्व है जल संचय की यह प्राचीन तकनिकी है इन में उतरने के लिए सीढिया होती है ।
- टोबा : -थार के रेगिस्तान में जल संग्रहण का पारम्परिक स्रोत टोबा होता है यह नाड़ी के आकार का होता है परन्तु नाड़ी से गहरा होता है ।
प्र . 4- चिपको आंदोलन पर एक लेख लिखिए ।
उत्तर – यह आंदोलन वनों को काटे जाने और ठेकेदारों से रक्षा करने की दिशा में उठाया गया एक प्रगतिशील कदम था । यह आंदोलन राजस्थान के जोधपुर जिले खेजडली गांव में शुरू हुआ था जहां अमृता देवी के नेतृत्व में 363 बिश्नोई जाति के स्त्री पुरुषों और बच्चों ने वृक्षों की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया ।
सन 1730 में जोधपुर के तत्कालीन महाराजा के महल के निर्माण के लिए लकड़ियों की आवश्यकता हुई उनके सिपाहियों ने कुल्हाड़ी से जब खेजड़लियो को काटना शुरु किया तो अमृता देवी और उनकी तीन लड़कियों ने इसका विरोध किया परंतु सिपाही नहीं माने तो वे पेड़ो से चिपक गई । सिपाहियों ने पेड़ो के साथ उन्हें भी काट डाला । यह खबर आग की तरह फैल गई । लोग आते गए पेड़ो से चिपकते रहे हो और अपना बलिदान देते रहें आज भी बिश्नोई समाज के लोग पेड़ पौधों और वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए कृत संकल्प है ।
प्र . 5- प्राकृतिक संसाधन किसे कहते हैं ? इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – प्राकृतिक संसाधन मनुष्य के प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उपयोग में आने वाली जो वस्तुए प्रकृति से प्राप्त होती हैं और जिनका प्रयोग सीधे अर्थात उनमें बिना परिवर्तन किया जाता है उन्हें प्राकृतिक संसाधन कहते हैं । विकास एवं प्रयोग के आधार पर प्राकृतिक संसाधन दो प्रकार के होते हैं
- वास्तविक संसाधन- जिन संसाधनों का सर्वेक्षण हो चुका है जिनकी मात्रा और गुणवता के बारे में हमें पता है और जीनका हम वर्तमान में उपयोग कर रहे हैं उन्हें वास्तविक संसाधन कहते हैं जैसे- जर्मनी में कोयले के भंडार , पश्चिमी एशिया में खनिज तेल के भंडार , महाराष्ट्र में काली मिट्टी की मात्रा आदि ।
- संभाव्य संसाधन – जो संसाधन किसी क्षेत्र में विद्यमान तो हो पर न तो उनकी मात्रा का अनुमान लगाया जा सके और ना ही उनका प्रयोग वर्तमान में हो रहा है बल्कि भविष्य में उनके उपयोग की संभावना हो तो उन्हें संभाव्य संसाधन कहते हैं । उदाहरण- लद्दाख में संचित यूरेनियम का प्रयोग भविष्य में हो सकता है इसलिए यह एक संभाव्य संसाधन है ।
प्र . – 6 जैव संसाधन और अजैव संसाधनों में क्या अंतर है ।
उत्तर – जैव संसाधन और अजैव संसाधनों में निम्न अंतर है ।
- जैव संसाधन – जीवमंडल ( सजीव और जैविक पदार्थ ) से प्राप्त संसाधनों को जैव संसाधन करते हैं । जैसे- मनुष्य , जीव जंतु , पेड़ पौधे , जीवाश्म , ( कोयला , पेट्रोलियम ) ।
- अजैव संसाधन- निर्जीव और अजैविक वस्तुओं से प्राप्त संसाधनों को अजैव संसाधन कहते हैं जैसे प्रकाश , मृदा , शुद्ध जल , वायु , खनिज बहुमूल्य धातुए आदि ।
प्र . -7 नवीकरणीय संसाधन और अनवीकरणीय संसाधन किसे कहते हैं ?
उत्तर – नवीकरणीय संसाधन- वे संसाधन जो प्रकृति में असीम मात्रा में है जिनके समाप्त होने पर उनकी पूर्ति या उनका पुनर्निर्माण और प्रयोग दोबारा आसानी से हो सकता है उन्हें नवीकरणीय संसाधन कहते है जैसे -सौर ऊर्जा , पवन ऊर्जा आदि ।
अनवीकरणीय संसाधन- वे संसाधन जिनका प्रकृति में सीमित भंडार है और जिनके एक बार खत्म होने पर फिर से उनके निर्माण या पूर्ति की संभावना नहीं हो या निर्माण होने में बहुत समय लगता है उन्हें अनवीकरणीय संसाधन कहते हैं जैसे पेट्रोलियम , प्राकृतिक गैस , कोयला आदि ।
प्र . – 8 वनोन्मूलन के क्या कारण हैं ? झूम खेती किसे कहते हैं ।
उत्तर – वनोन्मूलन के निम्न कारण हैं
- जनसंख्या वृद्धि के कारण वनों को काट कर कृषि की जाती है विभिन्न निर्माण कार्यो , कारखानों , पशुपालन , वासग्रह , सड़क व रेल निर्माण आदि के लिए वन काटे जा रहे हैं ।
- लकड़ी की बढ़ती मांग से महंगी हुई लकड़ी का व्यवसाय मुनाफे का व्यवसाय है जो जंगलों के काटने का बड़ा कारण है ।
- झूम खेती -जंगलो में रहने वाली जनजातियां स्थानान्तरण कृषि करती हैं जो जंगलों को जलाकर खेत बनाती हैं जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में झूम खेती और ओडिशा में फोडू चाष आदि ।
प्र – 9 – वनों की कटाई के क्या दुष्परिणाम होते है ?
उत्तर -वनों की कटाई के निम्न दुष्परिणाम होते है .
- मरुस्थलिकरण – वनों का क्षेत्रफल कम हो जाने से वर्षा के अभाव में सूखा पड़ने लगा है ।
- मृदा अपरदन- पेड़ों के अभाव से बरसात का पानी उपजाऊ मिट्टी को बहाकर ले जाता है ।
- नदियों का उथलीकरण- पहाड़ों पर वृक्ष न होने से वर्षा का जल पहाड़ों से मिट्टी बहाकर नदियों में लाता है जिससे नदियां उथली हो जाती हैं ।
- प्राकृतिक आपदा – उथली नदियों में अकस्मात अत्याधिक जल आने से बाढ़ की स्थिति हो जाती है ।
- वन जीवन का विनाश – वनों के विनाश से जीव जंतुओं और पेड़ पौधों की जातियां लुप्त हो रही है ।
- प्रदूषण में वृद्धि – पेड़ों के अभाव में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो रही है और कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है ।
- जलवायु में परिवर्तन – ग्लोबल वार्मिंग के कारण पृथ्वी का ताप बढ़ रहा है ।