सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
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उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में कारोबारी के कैश कलेक्शन एजेंट से 50 लाख रुपये की लूट के मामले में पुलिस ने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर महिला समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से लूटी गई रकम में से साढ़े चार लाख रुपये कैश और लूट की रकम से खरीदी गई ब्रेजा कार बरामद की है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान गांव मुर्थल, सोनीपत, हरियाणा निवासी मोनिका उर्फ मोना (29), अजय उर्फ सुम्मो (25), जगदीशपुर, सोनीपत निवासी करन उर्फ गंजा (21), शाहबाद डेयरी दिल्ली निवासी राहुल शौर्य (27) और गौरव लाठवाल (26) के रूप में हुई है। मोनिका लूट की साजिशकर्ता है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मोनिका ने जेल बंद अपने जानकारों की मदद से लूटपाट के लिए गाजियाबाद के अमित उर्फ एमी और सोनीपत के अजय सुम्मो की मदद से वारदात को अंजाम दे दिया गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए अमित ने गाजियाबाद की डासना जेल में एक पुराने मामले में सरेंडर कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने आरोपी अमित की गिरफ्तारी के लिए अदालत से औपचारिक आदेश प्राप्त कर लिया है। जल्द ही उसकी गिरफ्तारी की जाएगी। मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने बताया कि 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की मदद से पुलिस आरोपियों तक तक पहुंची।
यह था लूट का मामला:..
सिविल लाइंस इलाके में रात करीब 9.30 बजे कारोबारी का कलेक्शन एजेंट चांदनी चौक से 50 लाख रुपये की पेमेंट लेकर खजूरी जा रहा था। इस बीच बाइक सवार दो बदमाशों ने पिस्टल दिखाकर पीड़ित से रुपयों का बैग लूट लिया। बाद में आरोपी फरार हो गए। सिविल लाइंस थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। मामले की जांच के लिए तीन अलग-अलग टीमों का गठन किया गया। पहली टीम सिविल लाइंस थाना प्रभारी राजीव कुमार, दूसरी टीम स्पेशल स्टाफ में तैनात एसआई रोहित सारस्वत और तीसरी टीम एसीपी कोतवाली विजय कुमार व अन्यों की गठित कर दी गई। सबसे पहले घटना स्थल से चांदनी चौक, शाहबाद डेयरी तक करीब 500 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए।
ऐसे पकड़े गए आरोपी…
चांदनी चौक में जहां पीड़ित राजेश ने जहां से पेमेंट लिया था, वहां पुलिस को दो संदिग्ध युवक दिखाई दिए। उनके साथ लुटेरे भी दिखे। दोनों ने लुटेरों को टारगेट दिखाया और मेट्रो में सवार होकर शाहबाद डेयरी आ गए। पुलिस ने दोनों की पहचान कर सबसे इन दोनों आरोपी गौरव और राहुल को गिरफ्तार किया। दोनों ने बताया कि इनको चांदनी चौक में कैश मूवमेंट की अच्छी जानकारी रहती है। यह सूचना उन्होंने लूट की मास्टर माइंड मोनिका को दी थी। पुलिस की टीम फौरन मुर्थल, सोनीपत पहुंची और उसने मोनिका उर्फ मोना को दबोच लिया। यह सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर थी। इसके इंस्टाग्राम पर ठीक-ठीक फॉलोअर हैं। मोनिका इंस्टाग्राम के अलावा फेसबुक पर भी रील डालती है। उसकी दिल्ली, हरियाणा और पश्चिम उत्तर-प्रदेश के गैंगस्टरों से ठीक-ठाक पहचान है। उसने जेल के संपर्क के जरिये अमित और अजय का इंतजाम किया।
उत्तराखंड के चंपावत भारत-नेपाल से पकड़े गए दो आरोपी…
मोना ने बताया कि वह पुलिस से बचने के लिए जांगी एप और वर्चुअल नंबरों का इस्तेमाल करती है। इससे पुलिस उनकी लोकेशन ट्रेस नहीं कर पाती है। पूछताछ के बाद वारदात में अजय, अमित और करन के नाम भी सामने आए। जांच के बाद पता चला कि वारदात को अजय और करन ने अंजाम दिया था। अजय ने लूट की रकम से ब्रेजा कार खरीदी है। पुलिस से बचने के लिए वह उत्तराखंड भाग गया है। जांच के दौरान अजय सुम्मो की आखिरी लोकेशन भारत-नेपाल बॉर्डर की मिली। वहीं अमित की लोकेशन पंजाब की आई। एसआई रोहित सारस्वत और उनकी टीम को चंपावत, उत्तराखंड भेजा गया।
25 किमी अंदर जंगल में छिपे थे आरोपी
टीम आरोपियों की तलाश में करीब 25 किलोमीटर जंगल में गई। वहां वन विभाग के अधिकारियों की मदद से घने जंगल में टीम पहुंची। वहां पता चला कि अजय और करन एक गेस्ट हाउस में रुके थे, लेकिन टीम के पहुंचने पहले ही आरोपी वहां से भागकर और अंदर घने जंगल में चले गए। लोकल गार्ड से गाड़ी का पता चला। बाद में अंदर एक झोपड़ी में छिपे दोनों आरोपियों को दबोच लिया गया। आरोपियों के पास से कार बरामद हुई। वहीं छानबीन में पता चला कि अमित गैंगस्टर एक्ट के मामले में जमानत पर था। उसने अपनी जमानत रद्द करवाई और डासना जेल में जाकर सरेंडर कर दिया। पुलिस उसको औपचारिक गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है।
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