CM Ashok Gehlot exclusive interview
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जयपुर के सिविल लाइंस में बना मुख्यमंत्री निवास। मरुप्रदेश की गुलाबी राजधानी से सत्ता संचालित करने वाले मुखिया का व्हाइट हाउस। प्रतीक्षा के लिए बने पिंक हाउस में गांधीजी की पदयात्रा दिखाती लंबी पेंटिंग है। साथ में सरदार पटेल और पंडित नेहरू भी हैं। अशोक गहलोत का खादी के कपड़े पहने फ्रेम किया हुआ कट आउट भी लगा है। जब व्हाइट हाउस के मुख्य कक्ष में दाखिल हुए तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चेहरे पर थकान और आत्मविश्वास एक साथ दिखाई दे रहे थे। थकान लंबे चुनाव प्रचार की, जो अब अंतिम पड़ाव पर है और आत्मविश्वास रिवाज बदल देने का।
राजनीति का ये जादूगर तमाम कयासों के बीच भी राजस्थान का रिवाज बदलने को लेकर आश्वस्त नजर आया। पूरे पांच साल उन्हें सचिन पायलट से जुड़े विवाद ने परेशान किया और उनसे जुड़े सवाल पर वे असहज भी हुए, पर एक मंझे हुए राजनेता की तरह उन्होंने उस सवाल को टाल दिया।
मुख्यमंत्री गहलोत को सांगानेर में प्रियंका की रैली में शामिल होना था। उनका हेलीकॉप्टर भी तैयार था, पर वे अमर उजाला को समय दे चुके थे और उन्होंने अपना वादा पूरी तरह निभाया भी। अमर उजाला डॉट कॉम के संपादक जयदीप कर्णिक ने उनसे कुछ सीधे सवाल किए। पढ़िए उन पर अशोक गहलोत के जवाब…
एकतरफ आपकी सात गारंटियां हैं, दूसरी तरफ मोदी जी की योजनाएं हैं। यह चुनाव अशोक गहलोत बनाम प्रधानमंत्री मोदी हो गया है। आप इसे किस तरह देखते हैं?
सीएम गहलोत: यह चुनाव राज्य का है। यहां मोदी जी की बात नहीं होनी चाहिए। यह कोई मोदी जी का चुनाव तो है नहीं और उनकी कोई गारंटी भी नहीं है। उनकी गारंटी तो 25 तारीख तक रहेगी। हमारी गारंटियां तो पांच साल तक रहेंगी। उनके पास खाली ईडी है, हमारे पास गारंटी है।
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की आंच बहुत पास तक आई। इसे किस तरह देखते हैं?
सीएम गहलोत: ईडी की गतिविधियां इन्हें ले डूबेगी। दो महीने से ये लोग आ रहे हैं। हमारी सरकार ने कानून पारित किए। योजनाएं लाए। गारंटियां दीं। उस पर ये लोग चर्चा ही नहीं करते। इनकी हिम्मत है तो मैं चुनौती देता हूं उस पर चर्चा करो। यह बताओ कि उसमें क्या कमी है, क्या खामी है। खाली घोषणाएं की हैं या धरातल पर आईं भी हैं। इस पर कोई चर्चा नहीं करेंगे। जो भी केंद्रीय मंत्री या उनके सारे नेता आ रहे हैं, वो खाली भड़काने वाले भाषण दे रहे हैं।
पेपर लीक युवाओं के बीच बड़ा मुद्दा है। आपके लिए क्या यह चुनौती नहीं है?
सीएम गहलोत: मैं नहीं मानता। हमने बच्चों की सेवा की है। हम उन्हें बाकायदा तीन लाख नौकरियां दे रहे हैं, जो किसी राज्य में नहीं हुआ है। आने-जाने का किराया दे रहे हैं, रहने का इंतजाम कर रहे हैं, जो कोई सरकार नहीं करती। हमने खान-पान का इंतजाम किया। हमने व्यक्तिगत तौर पर उनकी चिंता की है। पेपर लीक तो गुजरात में बहुत है। कल ही मैं पढ़ रहा था कि एक-एक पेपर तीन-तीन बार लीक हुआ। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में पेपर लीक हो रहा है। हिंदुस्तान भर में पेपर लीक हो रहे हैं, लेकिन कार्रवाई सिर्फ राजस्थान में हो रही है। हमने लोगों को गिरफ्तार किया, उनकी इमारतों को गिरा दिया। साथ ही आजीवन कारावास के प्रावधान के साथ कानून पारित किया। इसके बाद कोई पेपर लीक नहीं हुआ। कार्रवाई हमने की है। बच्चे सब समझते हैं। ये भाजपा वाले इन्हें भड़काते हैं। इन्हें भ्रम है कि ये मुद्दा बनेगा। हां, तकलीफ होती है। कोई तैयारी करेगा और पेपर लीक होगा तो तकलीफ होगी। उनकी तकलीफ, हमारी तकलीफ है।
अमर उजाला के चुनावी रथ ‘सत्ता के संग्राम’ में जब कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि दूसरे राज्यों में भी पेपर लीक हो रहे हैं तो युवाओं ने उन्हें टोका कि इससे राजस्थान की चिंताएं कम नहीं हो जातीं।
सीएम गहलोत: युवाओं ने बिल्कुल ठीक कहा। दूसरे राज्यों में क्या हो रहा है, उससे हमें क्या मतलब है। जो लोग इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें हक नहीं है। उनके अपने राज्यों में पेपर लीक हो रहे हैं, वो वहां क्या कर रहे हैं? प्रधानमंत्री गुजरात में क्या कर रहे हैं? योगी जी यूपी में क्या कर रहे हैं? जबकि हमने राजस्थान में कार्रवाई करके दिखाई है।
लोग कहते हैं कि तस्वीर में तो अशोक गहलोत सचिन पायलट साथ दिखाई देते हैं, लेकिन सच में एकसाथ नहीं हैं। क्या वाकई वे आपके साथ हैं?
सीएम गहलोत: अभी हर कांग्रेसी एकजुट है, होना भी चाहिए। आज कांग्रेस का एकजुट होना देश हित में है, राजस्थान के हित में है और कांग्रेस के हित में है। देश में हालात गंभीर हैं। लोकतंत्र की धज्जियां उड़ रही हैं। संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं। ऐसे माहौल में हर कांग्रेसी का यह कर्तव्य और धर्म है कि वह सारे मतभेद भुलाकर एकजुट होकर काम करे और पार्टी को मजबूत करे।
यह आह्वान आप सचिन पायलट से कर रहे हैं?
सीएम गहलोत: …यह आह्वान सभी से कर रहा हूं। प्रदेश ही नहीं, देशभर के कांग्रेसजनों से मैं यह आह्वान कर रहा हूं। फासीवादी तत्वों ने जिस तरह के हालात बना रखे हैं, लोकतंत्र की हत्या हो रही है। न्यायपालिका को दबाव में ले लिया है। एजेंसियों को बर्बाद कर रहे हैं। चाहे आयकर विभाग हो, सीबीआई हो या ईडी हो, देश हित में उनकी विश्वसनीयता बनाए रखना जरूरी है। ये देश की प्रमुख एजेंसियां हैं, लेकिन एकतरफा कार्रवाई करके ये उनकी विश्वसनीयता खत्म कर रहे हैं। जिन लोगों ने आर्थिक अपराध किए हैं, जिनके कारण देश को आर्थिक नुकसान हो रहा है, ये एजेंसियां उनके घरों में नहीं जा रहीं।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को मंच से ‘पनौती’ कह दिया। वे कह रहे हैं कि विश्व कप फाइनल में भारत मोदी जी की वजह से हार गया।
सीएम गहलोत: यह भी देखिए कि मोदी जी क्या बोलते हैं। राहुल जी तो उनके बारे में कुछ नहीं बोलते। प्रधानमंत्री की भाषा उनके पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है।
रिवाज बदलने को लेकर कितने आश्वस्त हैं?
सीएम गहलोत: केरल में अगर 70 साल बाद रिवाज बदल सकता है तो राजस्थान में तो 30 साल ही हुए हैं। वहां सिर्फ इसलिए रिवाज बदल गया और कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता में वापस आ गई क्योंकि वहां सरकार ने कोरोना में अच्छा काम किया। ऐसे में हमने तो कोरोना में भी अच्छा काम किया। इसके साथ हमने बाकी काम भी किए। अच्छे से अच्छे कानून बनाए। योजनाएं बनाईं। गारंटियां दी हैं। यह बात लोगों की जुबान पर आ गई। धरातल पर उतर गई। हम पूरी उम्मीद किए बैठे हैं कि केरल में रिवाज बदल गया है तो यहां पर क्यों नहीं बदलेगा? राजस्थान की जनता कम समझदार नहीं है। जब मैं 1998 में मुख्यमंत्री बना था, तब 156 सीटें आईं थीं। इस बार के माहौल के अनुरूप तो हम 156 की तरफ ही बढ़ते जा रहे हैं। देखते हैं कि कितनी सीटें आती हैं।
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