Farmers Protest: Traffic Jam at Gurgaon-Delhi border at Sirhaul
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किसानों के आंदोलन से दिल्ली सहमी हुई है। दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों को लग रहा है कि यदि पिछली बार की तरह किसान दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर आकर जम गए, तो उनका जीना मुहाल हो जाएगा। यदि आंदोलन लंबा चला, तो इससे न केवल दिल्ली आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा, बल्कि आवश्यक वस्तुओं के दाम भी बढ़ जाएंगे। अभी की स्थिति में ही सब्जियों के दामों में अचानक बढ़ोतरी होने लगी है। दिल्ली के कल-कारखानों में आवश्यक कच्चे माल की सप्लाई बाधित होने से हजारों करोड़ का नुकसान हो चुका है। यदि आंदोलन लंबा चलता है तो इस नुकसान को झेलना मुश्किल हो जाएगा।
इस समय की स्थिति
केंद्र सरकार और किसानों के बीच चार दौर की वार्ता असफल होने के बाद 21 फरवरी को किसानों ने दिल्ली चलो का नारा दे दिया है। इस समय शंभू बॉर्डर पर किसानों का भारी जमावड़ा है। वे दिल्ली की ओर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पुलिस उन्हें रोकने की पूरी कोशिश कर रही है। किसानों-पुलिस बल के जवानों के बीच हल्की-फुल्की झड़पें शुरू हो गई हैं। यदि पुलिस बल किसानों को रोकने में असफल रहते हैं, तो किसान आगे बढ़ेंगे और इससे दिल्ली की स्थिति बेहद नाजुक हो सकती है।
आवागमन में सबसे बड़ी बाधा
अभी इस समय किसानों को दिल्ली में प्रवेश से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर-यूपी बॉर्डर पर फ्लाईओवर के नीचे के रास्ते बंद कर रखे हैं। फ्लाईओवर के ऊपर बीच-बीच में पुलिस बैरिकेडिंग गेट रखे होने से वाहनों का आवागमन बेहद धीमा हो गया है। गाजीपुर सब्जी मंडी के दोनों तरफ एनएच 24 फ्लाईओवर पर दो से तीन किलोमीटर लंबी वाहनों की लाइनें लग गई हैं। यदि आंदोलन आगे चलता है, तो इससे समस्या बहुत बढ़ सकती है।
सब्जियों के दाम बढ़े
सामान्य तौर पर इस समय सब्जियों का भाव नीचे रहता है। किसानों के खेतों में भारी मात्रा में हरी सब्जियां पैदा होती हैं और वे सीधे या बिचौलियों के माध्यम से इसे आजादपुर, गाजीपुर, केशोपुर सब्जी मंडी तक पहुंचाते हैं। इससे सब्जियों के भाव अपेक्षाकृत कम बने रहते हैं। अभी तक आलू के दाम दस रुपये प्रति किलो तक चल रहे थे, लेकिन किसानों के दिल्ली आने और बॉर्डर सील होने की खबरों के बीच आलू के दामों में अचानक बढ़ोतरी हो गई है। आलू के दाम अचानक 15 से 20 रुपये किलो तक बढ़ गए हैं। यानी सबसे प्रमुख सब्जी आलू के दामों में ही खुदरा मार्केट में डेढ़ से दो गुने तक की वृद्धि हो गई है।
यह असर टमाटर, मटर, शिमला मिर्च जैसी सब्जियों पर भी पड़ा है। टमाटर अब 20 की बजाय 30 रुपये किलो, मटर 20 की बजाय 40 रुपये किलो और शिमला मिर्च 80 से 100 रुपये किलो तक हो गया है। यदि आंदोलन आगे बढ़ा तो इससे आम लोगों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। खुद सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि अब सब्जी ले जाने के लिए उन्हें जो ऑटो, ट्रक ले जा रहे हैं, उन्हें सड़क बंद होने के कारण लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है, जिससे वे डेढ़ से दो गुने तक दाम वसूल रहे हैं। इसका असर सब्जियों की कीमतों पर पड़ रहा है।
कच्चे माल की कमी से भारी नुकसान
ट्रकों की आवाजाही पर असर पड़ने के कारण दिल्ली की फैक्ट्रियों में कच्चे माल की कमी हो गई है। इसके कारण कई जगहों पर फैक्ट्रियों का कामकाज लगभग ठप पड़ गया है, या बहुत सुस्त हो गया है। इससे फैक्ट्री मालिकों और मजदूरों को भारी नुकसान हो रहा है। यदि आंदोलन लंबा चलता है तो इससे बड़ा नुकसान हो सकता है।
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