कलाकार योगीराज
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अयोध्या में श्री रामलला की मूर्ति को आकार देने वाले शिल्पकार योगीराज अब कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप को साकार करेंगे। इसमें महाभारत के दौरान अर्जुन से संवाद में श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप को दर्शाया जाएगा। इसमें अर्जुन और चार घोड़ों के साथ रथ भी दिखाई देगा। इस मूर्ति को भी श्रीराम की मूर्ति की तर्ज पर ही नेपाल के गंडक नदी से निकाले गए शालीग्राम पत्थर से ही तैयार किया जाएगा। धर्मनगरी को विशेष पहचान देने वाले एवं एशिया के सबसे ऊंचे माने जाने वाले ब्रह्मसरोवर के पूर्वी किनारे पर निर्माणाधीन 18 मंजिला ज्ञान मंदिर के गर्भ गृह में श्रीकृष्ण की उक्त मूर्ति स्थापित की जाएगी।
श्री ब्रह्मपुरी अन्नक्षेत्र ट्रस्ट ज्ञान मंदिर के संस्थापक स्वामी चिरंजीवपुरी महाराज का कहना है कि तीन एकड़ भूमि में 18 मंजिला ज्ञान मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। मंदिर के गर्भगृह में श्रीकृष्ण का अर्जुन को संदेश देते हुए विराट स्वरूप विराजमान किया जाएगा, जिसके लिए मूर्तिकार अरुण योगीराज से चर्चा हो चुकी है। इसके लिए ट्रस्ट ने योजना तैयार कर ली है। जल्द ही प्रख्यात शिल्पकार अरुण योगीराज भी मंदिर का अवलोकन करेंगे।
मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा यह मूर्ति बनाए जाने का प्रस्ताव स्वीकार किए जाने के बाद ट्रस्ट की ओर से नेपाल में भी संपर्क साधा जा रहा है, ताकि वहां गंडक नदी से निकले इस विशेष शालीग्राम पत्थर को लाया जा सके। फिलहाल मंदिर निर्माणाधीन है और 50 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। अरुण योगराज के यहां पहुंचने के बाद ही तय किया जाएगा कि आखिरकार मूर्ति को कितने समय में तैयार कर लिया जाएगा और इसका आकार क्या होगा।
सुभाष चंद बोस व शंकराचार्य की भी बना चुके प्रतिमा
प्रख्यात मूर्तिकार अरुण योगीराज कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले हैं। उन्होंने ही सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की प्रतिमा भी बनाई है, जिसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती से पहले नई दिल्ली में इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के पीछे की छतरी में स्थापित किया गया। केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा भी योगीराज ने ही बनाई है।
जल्द सिरे चढ़ेगी योजना : चिंरजीवपुरी
श्री ब्रह्मपुरी अन्नक्षेत्र ट्रस्ट ज्ञान मंदिर के संस्थापक स्वामी चिरंजीवपुरी के अनुसार, 18 मंजिला ज्ञान मंदिर कई मायनों में खास होगा। इसमें गीता के 18 अध्याय, 18 अक्षोहिणी सेना, महाभारत के 18 दिनों का युद्ध, कुरुक्षेत्र में पवित्र नदी सरस्वती का स्वरूप भी इस मंदिर में देखने को मिलेगा।
शालीग्राम पत्थर से ही बनेगी मूर्ति : गोयल
ट्रस्ट के प्रधान राजेश गोयल का कहना है कि मूर्तिकार अरुण योगीराज से चर्चा के बाद नेपाल में शालीग्राम पत्थर के लिए लगातार संपर्क किया जा रहा है। यह मूर्ति श्रीराम की मूर्ति की तर्ज पर शालीग्राम पत्थर से ही बनवाने की योजना है। जल्द इसे सिरे चढ़ाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शालिग्राम पत्थर भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है और कई हिन्दू घरों में इनकी नित विशेष पूजा की जाती है।
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