Nano Technology Notes in Hindi

Nano Technology Notes in Hindi

Nano Technology Notes in Hindi

नैनो-प्रौद्योगिकी  Nano Technology

 

परिचय/introduction

“नैनो” शब्द ग्रीक भाषा से व्युत्पन्न हुआ है, जिसका तात्पर्य है बौना (Dwarf)

नैनो टेक्नोलॉजी में 1 से 100 नैनो मीटर के बुणों तथा इसी मापक्रम की संस्चनाओं का अध्ययन किया जाता है।

नैनो टेक्नोलॉजी में नैनो आकार के कणों का प्रसंस्करण /Processing एवं पुनः व्यवस्थापन / Rearrangement कर नैनो पदार्थों का विनिर्माण (Manufacturing) करते हैं।

1959 में “रिचर्ड फिलिप फिनमैन ने अपने प्रसिद्ध भाषण “There is plenty of Room at the bottom” में नैनो प्रौद्योगिकी की संकल्पना प्रस्तुत की।

1974 में, “प्रो. नोरियो तानिगुची’ ने नैनो टेक्नोलॉजी शब्द दिया।

1980 के दशक में “किम एरिक ड्रेक्सलर की पुस्तक “Engines of Creations: the coming Era of Nanotechnology के द्वारा नैनो टेक्नोलॉजी को प्रसिद्धि प्राप्त हुई।

हेनरिक रोहरेर एवं गर्ड बिन्नीग ने 1980 के दशक के प्रारंभ में STM/ Scanning Tunneling Microscope का आविष्कार किया जिसकी सहायता से अब नैनो कणों को देखना व उनका प्रबंधन करना संभव हो पाया।

  • Father of Nanotechnology:- रिचर्ड फिलिप फिनमैन 
  • Father of Nanotechnology in India:-  प्रो. C.N.R. राव 

Top Down Approach / टॉप डाउन एप्रोच

    •  बड़े आकार के पदार्थों / कणों को विभक्त कर / तोड़ते हुए सूक्ष्म नैनो स्तर के कणों में बदलना
    • प्रो. नोरियो तानिगुची ने बताया।

Bottom Up Approach / बॉटम अप  एप्रोच

    •  परमाणुओं/Atoms एवं अणुओं (molecules) का पुनः व्यवस्थापन कर नैनो पदार्थों का निर्माण ।
    • किम एरिक ड्रेक्सलर ने बताया।
  • नैनो तकनीक की संकल्पना के अनुसार 10-9 मीटर या नैनो मीटर वह सीमा / Margin है, जहाँ पदार्थ के भौतिक एवं रासायनिक गुणों में बड़ा परिवर्तन देखा जाता है। 
  • नैनो मीटर ही पदार्थ के कणों के लिए वह स्तर हैं, जहाँ ये अपनी स्वाभाविक प्रकृति के विपरीत व्यवहार करते हैं।

Top-down-and-bottom-up-synthesis-of-nanofabrication

Nano Technology Notes in Hindi - नैनो सरंचनाओं का वर्गीकरण

नैनो सरंचनाओं का वर्गीकरण

नैनो स्केल (1 से 100 नैनोमीटर) पर विभिन्न विमाओं/dimensions के आधार पर नैनी संस्चनाऐं 4 प्रकार की है।

A) शून्य विमीय नैनो पदार्थ – ऐसे पदार्थों की तीनों विमाएँ नैनो स्केल की। Ex: क्वाण्टम डॉट्स, फुलरीन, नैनो कण।

B) एक विमीय नैनो पदार्थ – इनकी केवल एक विमा नैनो स्केल से बाहर Ex- नैनो पाईप्स, कार्बन नैनो ट्यूब्स् ।

C) द्विविमीय नैनो पदार्थ –  इन पदार्थों की 2 विमाएं नैनो स्केल  से बाहर । Ex: ग्रेफीन, नैनो फ़िल्म्स् व कोटिंग्स।

D) त्रिविमीय नैनो पदार्थ –  इनकी तीनों ही विमाएँ नैनो स्केल से बाहर । Ex: नैनो क्रिस्टल, नैनो वायर के बंडल।

मिहैल रोक्को के अनुसार नैनो पदार्थों के विकास के आधार पर इन्हें 4 पीढ़ीयों / generations में बांटा गया है:

  1.  निष्कृिय नैनो संरचनाएँ- ये प्रथम पीढ़ी के नैनो उत्पाद जो केवल एक ही कार्य करने की क्षमता दशीते हैं। Ex: – सौंदर्य प्रसाधन, दवाएँ, एयरोसॉल व एयरोजैल।
  2. सक्रिय नैनो संरचनाएँ – ये द्वितीय पीढ़ी की नैनो संस्चनाएं, जिनमें विशेष जैविक, भौतिक व रासायनिक गुग विकसित किए गए। Ex:- लक्षित दवाएं, नैनो बायोटेक्नॉलॉजी का विकास, नैनो इंजीनियरिंग व इलेक्ट्रिकल  उत्पादों का विकास ।
  3. नैनो-सिस्टम्स् : ये तीसरी पीढ़ी की नैनो संरचनाएँ, जिनमें नैनो आकार की मशीनों का निर्माण किया जाने लगा।  Ex:- नैनो रोबोट्स (नैनो बोट्स), 3-D नेटवर्किंग, नैनो क्रिस्टल, मानव मस्तिष्क – मशीन इन्टरफेस
  4. आणविक नैनो सिस्टम – ये चतुर्थ पीढ़ी के नैनो उत्पाद, जिनमें अणुओं एवं परमाणुओं के स्तर नैनो सिस्टम्स् का विकास किया गया। Ex:- मॉलीक्यूलर इलेक्ट्रॉनिक्स, DNA नैनो टेक्नॉलॉजी आण्विक विनिर्माण ।

कार्बन नैनो ट्यूब्स् : Carbon Nano Tubes - CNT



  •  कार्बन नैनो डयूब्स /CNT का सर्वप्रथम निर्माण जापान के सुमियो इज़िमा ने कार्बन के अपररुप / Allotrope फुलरीन की सहायता से किया।
  • ये  CNT अत्यन्त पतली (नैनो मीटर कोटि) की नीलकीय संरचनाएं है, जिनकी मजबूती स्टील से कई गुना अधिक होती है।
  • ये विद्युत एवं ऊष्मा की चालक/ Conductor होती है |
  • CNT को कैमरे की फ़्लैश लाईट के संपर्क में लाने पर ये विस्फोट कर सकती है।
  • CNT जैव-निम्नीकरणीय / Biodegradable होती हैं।

 

CNT का उपयोग निम्नलिखित प्रकार से किया जाता है –

 

  •  ड्रग डिलीवरी ।
  •  सेल / बैटरी निर्माण ।
  •  कृत्रिम अंग निर्माण में (जैसे : रक्त केशिका / Blood Capillaries)
  •  नैनो बायोसेंसर्स निर्माण में।
  • अंतरिक्ष एवं रक्षा प्रौद्योगिकी

नोट :-

  •  भारत में कैडमियम सेलेनाईड तथा गैलियम-आर्सेनाईड के द्वारा CNT का निर्माण किया जा रहा है।
  •  हमारे यहाँ वनस्पति तेलों, तारपीन तेल से भी IIT में इन CNT का निर्माण किया गया है।
  •  ग्रेफीन (द्विविमीय पदार्थ) से भी CNT निर्माण किया जाता है।

 

नेनो टेक्केनोलॉजी बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  • इस तकनीक को नैनो तकनीक के रूप में जाना जाता है क्योंकि परमाणुओं और अणुओं के आयामों को नैनोमीटर में मापा जाता है। नैनोमैटेरियल्स परिणामी सामग्री हैं।
  • नैनोटेक्नोलॉजी भौतिक घटनाओं का अध्ययन है और 1 से 100 नैनोमीटर (NM) की भौतिक आकार सीमा में उपन्यास गैजेट्स और भौतिक संरचनाओं का विकास है, जहां एक नैनोमीटर एक मीटर के एक अरबवें हिस्से के बराबर होता है।
  • सामग्री और निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर, दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी, दवा और स्वास्थ्य, पर्यावरण और ऊर्जा भंडारण, रासायनिक और जैविक प्रौद्योगिकियां, और कृषि सभी नैनो प्रौद्योगिकी से प्रभावित हैं।