हाफिज सईद
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पाकिस्तान में आठ फरवरी को आम चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में पड़ोसी मुल्क में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी समेत कई पार्टियां चुनावी मैदान में हैं। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है कि एक नई पार्टी पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग आम चुनावों में हिस्सा ले रही है। दरअसल, इस राजनीतिक दल को मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठनों का नया चेहरा माना जाता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस संगठन द्वारा पाकिस्तान के विभिन्न शहरों से नामांकित कुछ उम्मीदवार ऐसे हैं जो या तो हाफिज सईद के रिश्तेदार हैं या अतीत में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा या मिल्ली मुस्लिम लीग से जुड़े रहे हैं।
31 साल की सजा
पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालतों ने टेरर फंडिंग के कई मामलों में हाफिज सईद को कुल 31 साल की सजा सुनाई है। वह फिलहाल लाहौर की एक जेल में बंद है। उसे 10 दिसंबर 2008 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘वैश्विक आतंकवादियों’ की सूची में शामिल किया गया था। पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा और उसके सहयोगी दलों और संस्थानों को भी सूचीबद्ध किया है, जिनमें खैर नास इंटरनेशनल ट्रस्ट, फलाह इंसानियत फाउंडेशन, अल-अनफाल ट्रस्ट, खमताब खालिक इंस्टीट्यूशन, अल-दावत अल-अरशद, अल-हमद ट्रस्ट, अल-मदीना फाउंडेशन और म्यू अज़ बिन जबल एजुकेशनल ट्रस्ट प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल हैं।
भारत ने लिया संज्ञान
पिछले साल 29 दिसंबर को भारत ने पाकिस्तान से सईद के प्रत्यर्पण के लिए कहा था। इस बीच, हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद के भी पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की खबर सामने आ रही हैं। इस पर भारत ने संज्ञान लिया है। भारत का कहना है कि कट्टरपंथी आतंकी संगठनों को पड़ोसी देश में ‘मुख्यवास’ में लाना कोई नई बात नहीं है और यह लंबे समय से उनकी सरकारी नीति का हिस्सा रहा है।
पार्टी ने किया इनकार
पाकिस्तान में धार्मिक पार्टियों पर नजर रखने वाले विश्लेषकों के हवाले से एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मरकजी मुस्लिम लीग, हाफिज सईद की जमात-उद-दावा का नया राजनीतिक चेहरा है। हालांकि, पार्टी के एक प्रवक्ता ने सईद के संगठनों के साथ किसी भी तरह के जुड़ाव से इनकार किया है।
दामाद भी चुनावी मैदान में
रिपोर्ट में कहा गया है कि हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद मरकजी मुस्लिम लीग पार्टी से चुनाव में भाग ले रहा है और लाहौर में नेशनल असेंबली निर्वाचन क्षेत्र एनए-122 से चुनाव लड़ रहा है। यह वही निर्वाचन क्षेत्र है, जहां से पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज नेता और पूर्व संघीय मंत्री ख्वाजा साद रफीक भी चुनाव लड़ रहे हैं। इसी तरह सईद का दामाद हाफिज नेक गुज्जर मरकजी मुस्लिम लीग के टिकट पर प्रांतीय विधानसभा क्षेत्र पीपी-162 से चुनाव लड़ रहा है।
2018 में भी की गई थी कोशिश
पिछले दिनों जमात-उद-दावा से जुड़े कुछ लोगों ने ‘मिल्ली मुस्लिम लीग’ पार्टी से 2018 के चुनाव में भाग लेने की कोशिश की थी, लेकिन पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने तत्कालीन सरकार के विरोध के बाद संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था और पंजीकरण के लिए उसके आवेदन को खारिज कर दिया था। आवेदन खारिज होने के बाद पार्टी के उम्मीदवारों को अल्लाहु अकबर तहरीक नामक एक अज्ञात पार्टी से चुनाव में भाग लेना पड़ा था, जिसे चुनाव में कोई बड़ी सफलता नहीं मिल सकी थी।
इन पर भी प्रतिबंध
पाकिस्तान में प्रतिबंधित दलों की सूची में ‘मिल्ली मुस्लिम लीग’ का नाम शामिल नहीं है, लेकिन 2018 में अमेरिकी वित्त विभाग ने विदेश विभाग की मंजूरी के साथ इस पार्टी को प्रतिबंधित घोषित कर दिया और उससे जुड़े सात लोगों को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में शामिल कर लिया। बता दें, अमेरिका द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किए गए लोगों में सैफुल्ला खालिद, मुजम्मिल इकबाल हाशमी, मुहम्मद हारिस डार, ताबिश कय्यूम, फैयाज अहमद, फैसल नदीम और मुहम्मद एहसान शामिल हैं। उन पर प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा का हिस्सा होने का आरोप है।
इन सीटों के लिए उम्मीदवार
मिल्ली मुस्लिम लीग के जिन सात सदस्यों पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया है, उनमें से चार सदस्य पंजाब और सिंध विधानसभाओं की सीटों के लिए मकाजी मुस्लिम लीग के उम्मीदवार हैं। मुहम्मद फैयाज अहमद और फैसल नदीम शेख सिंध प्रांत से प्रांतीय असेंबली सीटों पीएस-43 और पीएस-64 से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि मुहम्मद हारिस डार और मुजमल इकबाल हाशमी पंजाब प्रांत में नेशनल असेंबली क्षेत्रों एनए-129 और एनए-77 से चुनाव लड़ रहे हैं।
किसी भी देश को बिना सबूत…
इसी सूची में शामिल ताबिश कय्यूम वर्तमान में मरकजी मुस्लिम लीग का मुख्य प्रवक्ता है, जबकि सैफुल्ला खालिद भी उसी पार्टी का हिस्सा है, लेकिन वह किसी पद पर नहीं है। अमेरिका द्वारा जमात के कुछ सदस्यों को आतंकवादी घोषित करने पर मरकजी मुस्लिम लीग के एक अन्य प्रवक्ता हंजला इमाद ने कहा, ‘किसी भी देश को बिना सबूत या कानूनी प्रक्रियाओं के लोगों को आतंकवादी घोषित करने का अधिकार नहीं है।हमारा कोई भी उम्मीदवार किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल नहीं है और किसी भी प्रतिबंधित पार्टी का हिस्सा नहीं है।’
कार्यवाहक सरकार की कोई भूमिका नहीं
पाकिस्तान के कार्यवाहक सूचना मंत्री मुर्तजा सोलंगी ने संसदीय राजनीति में जमात-उद-दावा का हिस्सा रहे लोगों की भागीदारी के बारे में कहा कि विशेष रूप से आम चुनावों के संबंध में बड़े नीतिगत फैसले लेने का अधिकार कार्यवाहक सरकार को नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चुनाव आयोग पंजीकृत पार्टियों को चुनाव लड़ने की इजाजत देता है और किसी पार्टी को चुनाव लड़ने से रोकने में कार्यवाहक सरकार की कोई भूमिका नहीं है।
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