You are currently viewing Praxis Tech School डिजिटल कल के लिए तैयार कर रहा है लीडर्स, डेटा साइंस में छात्रों को बना रहा है निपुण

आज AI, मशीन लर्निंग और ब्लॉकचेन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का बिजनेस ऑपरेशन में जिस तरह से इस्तेमाल किया जा रहा है, उससे कंपनियों की एफिशिएंसी और प्रोडक्टिविटी में काफी सुधार हुआ है। लेकिन इसके जरिए नए साइबर जोखिम भी सामने आ रहे हैं। 2023 के हाल के अनुमानों के मुताबिक डेटा की चोरी करने वाले लोग क्लाउड कॉन्फिगरेशन और मशीन लर्निंग मॉडल का गलत तरीके से फायदा उठा रहे हैं, सॉफ्टवेयर में सेंधमारी कर रहे हैं, यहां तक कि ब्लॉकचेन का इस्तेमाल करके एक्सटॉर्शन की योजनाएं बना रहे हैं।

इस तरह की संकट की स्थिति में डेटा साइंस करने वाले छात्रों के लिए करियर में एक शानदार संभावना है। वह डेटा डिफेंडर की भूमिका निभा सकते हैं। वह साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल्स के रूप में तकनीक के खतरों से निपटने के लिए अपने एनालिटिकल स्किल्स, स्टैटिकल नॉलेज और कोडिंग क्षमताओं का उपयोग कर सकते हैं। 

ये रहे कुछ प्रमुख हाई-डिमांड वाले रोल 

क्लाउड सिक्योरिटी इंजीनियर: क्लाउड कॉन्फिगरेशन और उपयोग पैटर्न में होने वाली दखल, ये कुछ ऐसे संकेत हैं, जिससे पता चलता है कि डेटा ब्रीच हुई है। इसके लिए क्लाउड प्लेटफॉर्म, इंफ्रास्ट्रक्चर-ए-कोड, कंटेनर ऑर्केस्ट्रेशन जैसी स्किल की आवश्यकता है। 

AI एथिक्स  और सिक्योरिटी रिसर्चर: AI सिस्टम का सुरक्षित और सही तरीके से विकास हो, इसके लिए जिस स्किल्स की आवश्यकता है, वो है मशीन लर्निंग, मॉडल ऑडिटिंग और एडवर्सल ML तकनीक। 

ब्लॉकचेन फोरेंसिक इन्वेस्टिगेटर: धोखाधड़ी, रैंसमवेयर पेमेंट या आइडेंटिफाई फ्रॉड की पहचान करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन का पता लगाना। इसके लिए क्रिप्टोकरेंसी, ब्लॉकचेन एनालिसिस टूल, साइबर इन्वेस्टिगेशन में स्किल्स की आवश्यकता है। 

इंटेलिजेंस एनालिस्ट: डेटा एग्रीगेशन और स्टैटिकल मॉडलिंग के माध्यम से उभरते साइबर अपराधों की सक्रिय रूप से पहचान करना। इसमें डेटा इंजीनियरिंग, स्टैटिकल एनालिसिस और कम्युनिकेशन की आवश्यकता है। 

अब खेल का मैदान बदल गया है। साइबर अपराधी नई तकनीकों में सेंधमारी के लिए कभी न देखी गई तकनीकों की मदद ले रहे हैं और लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लेकिन जहां खतरा है, वहां समस्या का समाधान निकालने वाले जुनूनी लोग भी हैं और उनके लिए शानदार अवसर भी। 

एक डेटा साइंस स्टूडेंट के रूप में, अगर आपके पास डिजिटल युग में साइबर अपराधों का सामना करने के लिए जबरदस्त कौशल है, तो आप अग्रिम पंक्ति में शामिल हैं और बिजनेस और कस्टमर्स की समान रूप से सुरक्षा के लिए आसान सिस्टम बनाने में मदद कर सकते हैं। अब समय आ गया है कि आपके कौशल को विकसित किया जाए और इस तेजी से बढ़ते करियर क्षेत्र की चुनौती का उत्तर दिया जाए।

ऐसे कई शैक्षणिक संस्थान हैं, जो डेटा साइंस में प्रोग्राम की पेशकश करते हैं। बता दें कि प्रैक्सिस टेक स्कूल (Praxis Tech School) के कोलकाता और बेंगलुरु कैंपस को भारत का नंबर 1 डेटा साइंस संस्थान का दर्जा दिया गया है।

डेटा साइंस में अग्रणी रहे इस संस्थान ने पिछले 10 वर्षों से जेनरेटिव AI और मशीन लर्निंग के साथ डेटा साइंस (PGPDS) में 9 महीने का फुल-टाइम पोस्ट-ग्रेजुएट प्रोग्राम की पेशकश करके एक गहरी प्रतिष्ठा स्थापित की है।

इस प्रोग्राम को इंडस्ट्री नॉलेज भागीदारों के साथ मिलकर डिजाइन किया गया है। इसमें करिकुलम का लेटेस्ट डेवलपमेंट अपडेट किया गया है। यह प्रोग्राम डेटा साइंस, इसके एप्लीकेशन और जरूरी टूल्स में बेहतर ट्रेनिंग प्रदान करता है। PGPDS प्रोग्राम कोलकाता और बेंगलुरु कैंपस में ऑफर किया गया है। अधिक जानकारी के लिए, www.praxistech.school पर जाएं।

Praxis Tech School अपने वर्कफ्लो में एनालिटिक्स को समझने और उसे लागू करने के लिए मैनेजर के लिए कॉर्पोरेट ट्रेनिंग वर्कशॉप भी प्रदान करता है।

डेटा साइंस स्किल्स की कमी एक महत्वपूर्ण चुनौती है, लेकिन यह भारत के लिए उभरती टेक्नोलॉजी पर ध्यान केंद्रित करने, कौशल विकास को प्रोत्साहित करने और तकनीक में अग्रणी वैश्विक प्लेयर के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने का अवसर भी देती है। Praxis Tech School ने इस बदलाव को जल्दी ही पहचान लिया था और अपने प्रोग्राम कोर्स के साथ इस अंतर को भरने के लिए काम किया, जिससे डिजिटल कल के लिए लीडर्स तैयार हो सकें।

Note: The article is written by the Brand Desk.

#Praxis #Tech #School #डजटल #कल #क #लए #तयर #कर #रह #ह #लडरस #डट #सइस #म #छतर #क #बन #रह #ह #नपण