इंटरेनट डेस्क। राजस्थान में विधानसभा चुनाव में चार महीने का समय बचा है और उसके पहले कांग्रेस के दो दिग्गजों में सुलह की खबरे खूब चल रही है। पिछले दो सालों से पायलट और गहलोत में आपसी फूट कई बार सामने आई पर इस बार दोनों में सुलह हो गई और पायलट ने कह दिया की अब मिलकर चुनावा लड़ेंगे। इसका दावा खुद सचिन पायलट भी कर चुके है।
यह फैसला सचिन ने दिल्ली में हुई आलाकमान और राजस्थान कांग्रेस के 30 नेताओं की बैठक हो जाने के बाद लिया है। हालांकि पायलट को क्या मिलने जा रहा है और क्या नहीं ये तो अभी किसी को पता नहीं है, लेकिन मीडिया रिपोटर्स की माने तो कांग्रेस उन्हें महासचिव बनाने जा रही है और वो खरगे की टीम में जा रहे है। लेकिन उनकी दखल विधानसभा चुनावों में भी रहेगी।
ऐसे में माना जा रहा है की अगर इस बार गहलोत सरकार को रिपीट करने में कामयाब हो जाते है तो एक बार फिर से उन्ही को सीएम बनने का मौका मिलेगा और वो इसलिए की सचिन ने पिछली बार प्रदेश में पार्टी प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते ये दावा किया था की उनके ही दम पर पार्टी वापस सरकार बनाने में कामयाब हुई है। ऐसे मंे अगर सचिन दिल्ली चले जाते है तो राजस्थान में एक बार फिर से गहलोत ही मुखिया होंगे।
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