Rajasthan GK in hindi PDF District – Rajsamand
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Rajasthan GK in Hindi – Rajasthan GK Notes in Hindi- Rajasthan District Rajsamand GK
Rajasthan GK in Hindi
Rajasthan GK in Hindi – Rajasthan GK pdf – Rajasthan GK Notes in Hindi- Rajasthan District Rajsamand GK
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Rajasthan GK
Rajasthan GK in Hindi – Rajasthan GK pdf – Rajasthan GK Notes in Hindi- Rajasthan District Rajsamand GK
- राजस्थान शब्द का अर्थ है: ‘राजाओं का स्थान’ क्योंकि ये राजपूत राजाओ से रक्षित भूमि थी इस कारण इसे राजस्थान कहा गया था।
- राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है।
- इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है।
- राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132139 वर्ग मील) है।
- 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं।
- जयपुर राज्य की राजधानी है।
- 18 मार्च 1948 को शुरू हुई राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया कुल सात चरणों में एक नवंबर 1956 को पूरी हुई। इसमें भारत सरकार के तत्कालीन देशी रियासत और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल और उनके सचिव वी॰ पी॰ मेनन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी। इनकी सूझबूझ से ही राजस्थान के वर्तमान स्वरुप का निर्माण हो सका।
- भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है।
- विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर सम्मिलित करती है।
- पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, विश्व प्रसिद्ध रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है।
- केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर का दर्जा (1985) पाने वाला एकमात्र अभ्यारण्य।
Rajasthan GK in Hindi District – Rajsamand
राजसमंद- जिला
प्रशासनीक इकाई – राजसमंद
- तहसील – 9 पंचायत समिति – 7 संभाग – उदयपुर
- राजसमंद 10 अप्रैल 1991 में उदयपुर से अलग हो कर स्वतंत्र जिला बना |
- राजसमंद का नाम राजसमंद झील से लिया गया है ।
- इस शहर का प्राचिन नाम राजनगर था ।
महत्वपुर्ण तथ्य –
- राजसमंद राजस्थान में लिंगानुपात के मामले में दुसरे स्थान पर है ।
- राजस्थान में पशु घनत्व की दृष्टि से राजसमंद दुसरे स्थान पर है ।
- राजसमंद एक अंतर्वी जिला है जिसकी सीमा किसी भी राज्य या देश से नहीं लगती ।
- नाल – मेवाड़ क्षेत्र में विशेष कर राजसमंद में , अरावली पर्वत माला के अन्तर्गत आने वाले दरों को नाल कहते हैं ।
- भौगोलिक नाम : भोराट का पठार – कुंभलगढ़- राजसमंद तथा गोगुदा ( उदयपुर ) के मध्य स्थित इस पठार को मेवाड़ का पठार भी कहते हैं गिलुण्ड गिजुन्द्र सभ्यता – राजसमंद ।
- राजसिंह 16.52-80 ) – दो मुगल शासकों ( शाहजहां व औरंगजेब ) के समकालीन ।
- बनास नदी राजसमंद जिले की खमनौर की पहाड़यों से निकलती है ।
- कोठारी नदी – राजसमंद जिले के दिवेर से निकलती है । इस पर भीलवाड़ा के मांडलगढ़ कस्बे में मेजा बांध बना है
- खारी नदी – यह नदी राजसमंद के बिजराल गांव से निकलती है । इस नदी के किनारे भीलवाड़ा का आसीद कस्बा राजसमंद झील महाराणा राजसिंह द्वार 1662 बनाई गई झील ।
- राजसमंद झील में गोमती नदी का पानी आकर गिरता है । इस झील के किनारे नौ चैकी पाल है , जिस पर मेवाड़ का इतिहास रणछोड़ भट्ट द्वारा संस्कृत भाषा में लिखा गया यह विश्व का सबसे बड़ा शिलालेख है ।
- नंद समंद झील – मिठे पानी की झील ।
- कुंभलगढ़ अभ्यारण्य – उदयपुर , राजसमंद , पाली ।
- रावली टाइगट अभ्यारण्य -राजसमंद , पाली व अजमेर ।
- कुम्भलगढ़ – मेवाड़ व मारवाड़ की सीमा पर सादड़ी के निकट अरावली पर्वत पर स्थित दुर्ग , जिसका निर्माण महाराणा कुम्भा ने 1448-58 के मध्य करवाया , इसका शिल्पी मंडन था । इसी दुर्ग में महाराणा कुम्भा का निवास स्थान था , जिसे कटारगढ़ कहते हैं । इसे ऊचाई पर स्थित होने के कारण मेवाड़ की आंख भी कहा जाता है । इस किले की ऊंचाई के बारे में अबुल फजल ने कहा की ” यह इतनी बुलन्दी पर बना हुआ है कि नीचे से ऊपर की ओर देखने पर सिर से पगड़ी गिर जाती कर्नल जेम्स टाड ने इसकी तुलना एटुस्कन से की है ।
- कुम्भलगढ़ के दुर्ग की दिवार भारत की महान दिवार ‘ के नाम से जानी जाती है कुम्भलगढ़ के अन्य नाम कुम्भलमेरू , कमलमीर , माहोर , कुम्भपुर ।
- हल्दीघाटी – इस स्थान पर 21 जुन 1576 को महाराणा प्रताप व अकबर के सेनापति मानसिंह के मध्य युद्ध हुआ । युद्ध में बहे रक्त के कारण इस स्थल को रक्त तलाई के नाम से भी जाना जाता है । जेम्स टाड ने इसे मेवाड़ की थर्मोपोली कहा ।
- महाराणा प्रताप के स्वामी भक्त घोड़े की यहां समाधि है ।
- दिवेर – यहां महाराणा प्रताप व मुगल सेना के मध्य युद्ध छापामार हुआ जिसमें महाराणा प्रताप की विजय हुई । कर्नल जेम्स टाड ने इसे मेवाड़ का मेरायन की उपमा दी थी ।
- श्री नाथजी मंदिर – यह वल्लभ सम्प्रदाय का प्रमुख धार्मिक स्थल है । यहां की पिछवाइयां प्रसिद्ध है ।
- द्वारकाधीश मंदिर – कांकरोली कस्बे में राजसमंद झील के किनारे वल्लभ संप्रदाय का द्वारकाधीश का प्रसिद्ध मंदिर है ।
- यह जिला राजस्थान में पर्यटन विकास की दृष्टि से मेवाड़ सर्किट में आता है ।
- टेरीकोटा ( मिट्टी के बर्तन व खिलौने ) – मोलेला , राजसमंद ।
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