You are currently viewing Rajasthan Poll 2023:कांग्रेस, भाजपा और बागी, दोनों पार्टियों के कई क्षत्रप चुनाव मैदान में, मुश्किल में कौन? – Rajasthan Election 2023 Congress Bjp And Rebellion Leaders Political Equation For Assembly Election

Rajasthan Election 2023 Congress BJP and Rebellion Leaders Political Equation for Assembly Election

बागी दे रहे पार्टी के प्रत्याशियों को टक्कर।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


नामांकन वापसी के बाद राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से करीब 80 पर त्रिकोणीय से लेकर पंचकोणीय मुकाबला होता दिख रहा है। प्रदेश के दो बड़े दलों की बात करें तो भाजपा 22 सीटों और कांग्रेस 16 सीटों पर बागियों की चुनौती का सामना करती दिख रही है। दरअसल, भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होने के बाद से ही बागी पार्टी के लिए चुनौती बने हुए थे। हालांकि, पार्टी कई प्रमुख बागियों मनाने सफल रही, लेकिन कई सीटों पर पेंच फंसा ही रह गया।

भाजपा के ये बागी आखिरकार मान गए

झोटावाडा से पूर्व मंत्री राजपाल सिंह, सुमेरपुर से पूर्व विधायक मदन राठौड, सिविल लाइंस से रणजीत सिंह सोडाला, सादुलशहर से केके विश्नोई, कामां से मदनमोहन सिंहल और भरतपुर से गिरधारी तिवाडी ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। 

ये बडे चेहरे मैदान में

भाजपा 22 सीटों पर बागियों का सामना कर रही है। लेकिन, हम यहां कुछ बड़े चेहरों की ही बात करेंगे। आइए, जानते हैं कौन किस सीट से चुनाव मैदान में है…।

  • डीडवाना: युनूस खान भाजपा सरकार में दमदार मंत्री रह चुके हैं और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते हैं। इस सीट पर भाजपा ने जितेंद्र सिंह जोधा को उतारा है जो पिछली बार भी प्रत्याशी थे, लेकिन चुनाव हार गए थे। 
  •  चित्तौडगढ़: चंद्रभान सिंह आक्या ने बगावत का सबसे पहला और दमदार बिगुल फूंका था। आक्या मौजूदा विधायक हैं। भाजपा की ओर से इन्हें मनानें की सारी कोशिशें फेल रहीं। उन्होंने अपना नाम वापस नहीं लिया। भाजपा ने यहां से पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक नरपत सिंह राजवी को मैदान में उतारा है। हालांकि, राजवी का टिकट भी गया था। लेकिन, बाद में उन्हें इस सीट से प्रत्याशी बनाया गया।
  • शाहपुरा: करीब 90 साल के कैलाश मेघवाल भाजपा के दिग्गज नेता रहे हैं। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष भी हैं।  केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के खिलाफ बयान देने पर पार्टी ने इन्हें निलंबित कर दिया था। अब ये भाजपा प्रत्याशी लालाराम बैरवा के लिए बड़ी चुनौती माने जा रहे हैं।
  • बाड़मेर: प्रियंका चौधरी एक मजबूत चेहरा मानी जा रही हैं। यहां से भाजपा ने दीपक कडवासरा को मैदान में उतारा है।
  • शिव: रविन्द्र सिंह भाटी को पश्चिमी राजस्थान का उभरता हुआ युवा चेहरा माना जाता है है। कुछ दिन पहले ही भाजपा के बड़े नेता सम्मान के साथ इन्हें पार्टी में लाए थे। शिव सीट से भाटी का टिकट भी पक्का माना जा रहा था, लेकिन अंत में स्वरूप सिंह खारा को टिकट दे दिया गया। अब भार्टी निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। 
  • लाडपुरा: भवानी सिंह राजावत विधायक रह चुके हैं और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबियों में से एक हैं। पिछली बार भी राजावत का टिकट कटा था। इस बार उन्होंने टिकट फाइनल होने से पहले ही नामांकन भर दिया था, लेकिन पार्टी ने मौजूदा विधायक कल्पना राजे को रिपीट कर दिया।
  • झुंझुनूं: राजेन्द्र भांभू इस सीट पर पिछली बार भी प्रत्याशी थे और इस बार पूरी दमदारी से लगे हुए थे। पार्टी ने बबलू चैधरी को टिकट दिया तो बागी हो गए।
  • सवाई माधोपुर: आशा मीणा पिछली बार चुनाव लड़ना चाह रही थी, लेकिन एक बडे नेता के आश्वासन के बाद रूक गईं। इस बार पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरी हैं और पार्टी के प्रत्याशी सांसद किरोड़ी लाल मीणा के लिए सामने चुनाव मैदान में हैं।  
  • सांचैर: जीवाराम चैधरी ने टिकट नहीं मिलने पर बगावती रुख अपनाया है। पार्टी ने सांसद देवजी पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है। 2018 में इस सीट से दानाराम चैधरी मैदान में थे। वे भी टिकट मांग रहे थे। लेकिन अब दोनों मिलकर पटेल के लिए चुनौती बनते दिख रहे हैं।
  • कोटपूतली: मुकेश गोयल पिछली बार इसी सीट से प्रत्याशी थे, लेकिन हार गए। संगठन में अच्छी पकड रखते हैं, इसके बाद भी टिकट नहीं मिल पाया। पार्टी ने हंसराज पटेल को उम्मीदवार बनाया है।  अब ये सीट फंसी हुई दिख रही है।
  • खंडेला: बंशीधर बाजिया पहले विधायक रह चुके हैं। इस बार भी टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने कांग्रेस के बागी सुभाष मील को टिकट दे दिया। अब सीट पर रोचक मुकाबला होता दिख रहा है।
  • झोटावाड़ा:  भाजपा इस सीट पर पूर्व मंत्री राजपाल सिंह को मनाने में सफल रही, लेकिन पार्टी के एक और बागी आशा सिंह सुरपुरा मैदान में डटे हुए हैं और प्रत्याशी सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के लिए चुनौती बने हुए हैं।
  • रामगढ़: अलवर जिले ही इस सीट से सुखवंत सिंह पिछली बार भी प्रत्याशी थे, लेकिन कांग्रेस की साफिया जुबेर से चुनाव हार गए थे। इस बार पार्टी ने जय आहूजा को टिकट दिया तो सुखवंत बागी होकर मैदान में उतर आए हैं। 

Rajasthan Poll 2023: कांग्रेस, भाजपा और बागी, दोनों पार्टियों के कई क्षत्रप चुनाव मैदान में, मुश्किल में कौन? Rajasthan Election 2023 Congress BJP and Rebellion Leaders Political Equation for Assembly Election

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