राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की टीम संदेशखाली के लिए रवाना
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पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की घटना सामने आने के बाद से ही तमाम विपक्षी दल ममता सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। जहां एक तरफ सत्ता पक्ष भाजपा पर प्रदेश में माहौल खराब करने का आरोप लगा रहा है। वहीं तमाम विपक्षी दल राज्य में कानून व्यवस्था के ध्वस्त होने की बात कह रहे है। पश्चिम बंगाल की पूरी सियासत संदेशखाली के ईर्दगिर्द भटक रही है। संदेशखाली सियासी जंग का मैदान बना हुआ है। अब मामले की तह तक जाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की एक टीम भी संदेशखाली के लिए रवाना हुई है।
#WATCH | Kolkata, West Bengal: A team of National Commission for Scheduled Tribes leaves for Sandeshkhali pic.twitter.com/2ZjsdYu1Ur
— ANI (@ANI) February 22, 2024
तीन दिन का समय
संदेशखाली जाने से पहले राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष अनंत नायक ने कहा, ‘आयोग को संदेशखाली गांव से शिकायत मिली है। हम उसी संदर्भ में वहां जा रहे हैं। यह आयोग का नियम है कि हम पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगते हैं। हमने उन्हें तीन दिन का समय दिया है। हम शिकायत के आधार पर जमीनी हकीकत देखने जा रहे हैं। हम शिकायतकर्ता से मिलने जा रहे हैं।’
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