के. एच. मुनियप्पा
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देश में इन दिनों लोकसभा चुनावों को लेकर सियासत जोरों पर है। विभिन्न राजनैतिक दल अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर रहे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस ने कर्नाटक की कोलार लोकसभा सीट से के वी गौतम को उम्मीदवार घोषित किया था। गौतम बेंगलुरु सेंट्रल जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं। वहीं, अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के एच मुनियप्पा ने उनकी उम्मीदवारी पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने रविवार को कहा कि पार्टी को इस सीट से उम्मीदवार की घोषणा के लिए एक समझौता फार्मूला ढूंढना चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में इस सीट के लिए एक स्थानीय व्यक्ति को चुनना चाहिए था।
बता दें कि कर्नाटक सरकार में मंत्री मुनियप्पा कोलार सीट से अपने दामाद चिक्का पेद्दन्ना के लिए टिकट मांग रहे थे। उन्होंने इसके लिए जोरदार पैरवी भी की थी। वहीं, दूसरी ओर एमसी सुधाकर सहित पांच विधायकों ने इसका विरोध किया था। उन पांचों ने धमकी दी कि अगर पेद्दन्ना को टिकट दिया गया तो वे सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे।
अपने दामाद को कोलार से टिकट नहीं दिए जाने से नाराज मुनियप्पा ने दावा किया कि आलाकमान ने टिकट दिया था। उन्होंने चिक्का पेद्दन्ना (उनके दामाद) के पक्ष में फैसला किया था, लेकिन चूंकि हमारे (कोलार इकाई) के बीच कुछ मतभेद थे। ऐसे में उन्होंने कोलार सीट का फैसला मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर छोड़ दिया था। वे इस मुद्दे को हल करने में असमर्थ रहे और उन्होंने तीसरे व्यक्ति को उम्मीदवार के रूप में चुना है।
मुनियप्पा ने कहा कि इस तरह के मतभेद कई निर्वाचन क्षेत्रों में थे और नेतृत्व द्वारा उन्हें हल करने के प्रयास किए गए थे, लेकिन कोलार में ऐसा नहीं किया जा सका। अब मुझे किसी पर आरोप लगाने का कोई फायदा नहीं है, चुनाव नजदीक है। हालांकि राज्य नेतृत्व को एक स्थानीय व्यक्ति को उम्मीदवार बनाना चाहिए था और दोनों पक्षों को पार्टी के फैसले का पालन करने के लिए कहना चाहिए था।
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