राजस्थान में अपराध
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राजस्थान के उदयपुर जिले में 10 साल की बच्ची से दुष्कर्म और उसके शरीर को 10 टुकड़े करने की वारदात ने पूरे राजस्थान की रूह को कंपा दिया था। भीलवाड़ा जिले में एक मासूम बच्ची को कोयले की भट्टी में झोंकने की वारदात ने एक बार फिर राजस्थान को शर्मसार कर दिया। रही सही कसर उदयपुर और प्रतापगढ़ जिले में महिलाओं के नग्न परेड ने पूरा कर दिया था।
महिला अपराध और महिला सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल उठाए गए और तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत पर महिला अपराध को नहीं रोक पाने के लिए दोषी भी ठहराया गया। महिला अपराध और महिला सुरक्षा का मुद्दा राजस्थान में इतना बड़ा था कि इसकी गूंज राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में भी दिखाई दी।
चुनावी रैली में पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी रैलियों में लगातार महिला सुरक्षा को लेकर अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रस सरकार पर जुबानी हमला किया। एनसीआरबी के आंकड़ों ने राजस्थान में महिला अपराध की भयावह तस्वीर पेश की। यही वजह थी कि राजस्थान में महिला सुरक्षा के मुद्दे ने चुनाव का लगभग एजेंडा सेट कर दिया था।
बढ़ते महिला अपराध और महिला की सुरक्षा में अक्षम दिखी गहलोत सरकार ने सत्ता परिवर्तन की इबारत लिख दी थी। इस चुनाव में पुरुषों के मुकाबले महिला ने वोटरों अधिक वोट किया। नतीजन महिला सुरक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस को महिलाओं का साथ नहीं मिला और उसे सत्ता से बाहर होना पड़ा।
10 साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद शव के 10 टुकड़े
मार्च, 2023 में उदयपुर में 10 साल की बच्ची का दुष्कर्म और फिर उसके शरीर के 10 टुकड़े करने की वारदात सामने आई थी। इस घटना ने उदयपुर ही नहीं, पूरे राजस्थान को हिलाकर रख दिया था। इस घटना को लेकर बीजेपी ने पुरजोर तरीके से कांग्रेस सरकार को घेरा था। कई बड़े मंत्री पीड़िता के गांव पहुंचे थे।
क्लास चार में पढ़ने वाली नौ साल की मासूम 29 मार्च को शाम करीब चार बजे स्कूल से आकर खेत जाने के लिए निकली थी। लेकिन, मासूम खेत में नहीं पहुंची। पुलिस को मासूम का शव के घर से करीब 200 मीटर दूर खंडहर में मिला। पुलिस को मासूम के शव के टुकड़े एक बोरे से बरामद किए थे। पोस्टमॉर्टम में मासूम से दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी।
उदयपुर की दो बड़ी घटनाएं
जुलाई, 2023 में उदयपुर में महिला अत्याचार की दो घटनाएं हुईं। पहली घटना में महिला को नग्न कर पुरुषों ने गांव में घुमाया और वीडियो बनाकर वायरल भी किया। पीड़ित विधवा महिला के साथ पुरुष और महिलाएं मारपीट कर रही थीं और फिर उसके कपड़े फाड़े और उसे नग्न कर दिया। आरोपी महिलाओं को शक था कि उसके पति के साथ विधवा का प्रेम-प्रसंग चल रहा है।
दूसरी वारदात उदयपुर शहर के सुखेर थाना क्षेत्र में हुई, जहां एक प्रेमी युगल को रस्सी से बांधकर उनको नग्न कर गांव में घुमाया गया। यह वारदात भी जुलाई में हुई थी। बताया जाता है कि मामले पति ने अपनी पत्नी को प्रेमी संग देखा था, जिसके बाद उन दोनों के साथ मारपीट की और रस्सी से बंधकर उन्हें नग्न कर घुमाया।
भीलवाड़ा में बच्ची को कोयले की भट्टी में झोंका
अगस्त, 2023 में भीलवाड़ा जिले की घटना ने सबको हिला दिया, जहां एक नाबालिग बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म के बाद फावड़े से उसके शव को छोटे-छोटे टुकड़े में काटकर बोरे में भरकर कोयल की भट्टी में जला दिया। मृतका के कुछ ही अवशेष ही पुलिस को मिल सके। मृतका खेत पर बकरी चराने गई थी, घटना ने प्रदेश में महिलाओं के जहन में खौफजदा कर दिया।
प्रतापगढ़ में आदिवासी महिला को निर्वस्त्र कर घुमाया
अगस्त, 2023 में प्रतापगढ़ जिले में एक महिला को नग्न कर पूरे गांव में परेड करने का मामला सामने आया। पूरी घटना का वीडियो भी सामने आया था। पीड़ित महिला के पूर्व ससुर और उसके परिजनों ने ही वारदात को अंजाम दिया था। घटना जिले के निचलकोटा गांव की थी। पीड़िता और आरोपी दोनों आदिवासी समुदाय से थे। पुलिस ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छह टीमें बनाकर उन्हें गिरफ्तार किया।
राजस्थान में आर्थिक अपराध का ग्राफ
राजस्थान में आर्थिक अपराध का ग्राफ 17.22 फीसदी की दर से ऊपर की तरफ गया है। राजधानी जयपुर भी आर्थिक अपराध के लिहाज से देश में टॉप पर पहुंच गया है। यह खुलासा पिछले दिनों जारी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की साल 2022 की रिपोर्ट में हुआ है। आंकड़े इस बात की भी गवाही देते हैं कि राजस्थान आर्थिक अपराध के लिहाज से लगातार तीन साल से देश में टॉप पॉजिशन पर है।
क्या कहता है नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो
- देश में साल 2022 में आर्थिक अपराध के 1,93,385 केस सामने आए हैं
- यह आंकड़ा साल 2021 के मुकाबले 11.1 फीसदी बढ़ा है
- राजस्थान में साल 2022 में आर्थिक अपराध के 27,848 केस दर्ज हुए, जबकि साल 2021 में ऐसे 23,757 और 2020 में 18,528 मुकदमे दर्ज हुए
- साल 2021 के मुकाबले 2022 में प्रदेश में आर्थिक अपराध का आंकड़ा 17.22 फीसदी बढ़ा है, इससे उलट नगालैंड, सिक्किम और मध्यप्रदेश में आर्थिक अपराध के सबसे कम मामले सामने आए हैं
- वहीं, बात अगर शहरों की करें तो आर्थिक अपराध की सबसे ज्यादा घटनाएं प्रदेश की राजधानी जयपुर, लखनऊ और पटना में दर्ज हुई हैं
- आर्थिक अपराध के लिहाज से भारत का 193 देशों की सूची में 48वां स्थान है
- जबकि अगर न्यायिक प्रक्रिया की बात करें तो आर्थिक अपराध से जुड़े महज 25 फीसदी मामलों में ही पुलिस कोर्ट में चालान पेश कर पाई है
- केवल चार फीसदी मामलों में ही कोर्ट ने फैसला सुनाया है
आर्थिक अपराध क्या है
ठगी, चीटिंग और फ्रॉड आर्थिक अपराध में आते हैं। इनमें बैंक, एटीएम, डेबिट कार्ड-क्रेडिट कार्ड और यूपीआई से जुड़े फ्रॉड प्रमुख हैं। इसके साथ ही दस्तावेजों की जालसाजी, जाली नोट से जुड़े मामले, जाली स्टाम्प से जुड़े मामले और रुपये के लेन-देन व प्रॉपर्टी के मामलों में विश्वासघात के मामले भी आर्थिक अपराध में शामिल हैं। ऐसे मामले भारतीय दंड संहिता की धारा-406 से 409, 231 से 243, 255, 489ए से 489ई और 420, 465, 468 व 471 के तहत दर्ज होते हैं।
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