Than Singh Ki Pathshala
– फोटो : अमर उजाला
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लालकिला के पार्किंग परिसर में गरीब बच्चों के लिए चल रही थान सिंह की पाठशाला ने देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी सुर्खियां बटोर ली हैं। अब इनकी पाठशाला की चर्चा विदेशों में भी होने लगी है। पिछले दिनों जर्मनी के एक अखबार में उनकी पाठशाला की खबर क्या छपी, वहां मौजूद कुछ लोगों ने पाठशाला को देखने की इच्छा जाहिर कर दी।
बस फिर क्या था जर्मन दूतावास के जरिये थान सिंह से संपर्क साधा गया। बातचीत होने के बाद 25 नवंबर को 40 सदस्यों का एक प्रतिनिधि मंडल पाठशाला देखने जर्मनी से दिल्ली पहुंच गया। विदेशी मेहमानों ने न सिर्फ बच्चों से बातचीत की बल्कि उनके जरिये प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी खूब लुत्फ उठाया।
विदेशी मेहमान थान सिंह के जुनून देखकर काफी प्रभावित हुए। दरअसल खुद कभी झुग्गी बस्ती में रहकर अपनी मेहनत से खुद की किस्मत बदलने वाले थान सिंह नन्हे-मुन्ने बच्चों को शिक्षा से जोड़कर उनका भविष्य सुधारना चाहते हैं। उनकी मेहनत रंग भी ला रही है और वह करीब 90 बच्चों को अपनी पाठशाला में पढ़ाकर स्कूलों में दाखिला दिला चुके हैं।
शुरुआत उन्होंने महज चार बच्चों से की थी, लेकिन धीरे-धीरे कारवां बढ़ता चला गया। उनकी पाठशाला में बच्चे बढ़े तो माता सुंदरी कॉलेज की कुछ छात्राओं ने खुद पहल करते हुए इन गरीब बच्चों को पढ़ाने में थान सिंह की मदद का बीड़ा उठाया। अभी चार छात्राएं थान सिंह की पाठशाला में बच्चों को पढ़ा रही हैं। जर्मनी से आए प्रतिनिधि मंडल की मेहमान नवाजी के लिए एसीपी विजय सिंह के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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