Class 10 Science Notes in Hindi PDF – Important Q & A Part -3
Class 10 Science Notes in Hindi - PDF - Important Questions & Answers Part-3
Class 10 Science Notes in Hindi – PDF – Important Questions & Answers Part-3
Class 10 Science Notes in Hindi – PDF – Important Questions & Answers Part-3
Class 10 Science Notes in Hindi – PDF – Important Q & A
आनुवंशिकी और प्रतिरक्षा एवं रक्त समूह
आनुवंशिकी
Class 10 Science Notes in Hindi – PDF – Important Questions & Answers Part-3
प्रश्न 1 – ( 1 ) मेंडल ने अपने प्रयोग के लिए मटर के पौधे को ही क्यों चुना ?
( 2 ) उदाहरण व चित्र द्वारा मंडल के प्रभाविता के नियम को समझाइए|
उत्तर – (1):-
(1) मेंडल द्वारा अपने प्रयोगों के लिए मटर के पौधे को ही चुना इसके निम्न कारण थे:-
- मटर के पुष्प में स्वपरागण और पर परागण दोनों संभव है ।
- मटर का पौधा 1 वर्षीय होता है अर्थात अपना जीवन चक्र 1 वर्ष में ही पूरा कर लेता है जिससे कम समय में कई पीढियों का अध्ययन किया जा सकता है ।
- मटर के पौधे में कई विपरीत ( विपर्यासी ) लक्षण पाए जाते हैं ।
- इसके फूलो में विपुन्सन विधि द्वारा कृत्रिम परपरागण आसानी से किया जा सकता है ।
( 2 ) प्रभाविता का नियम –
यह नियम एक संकर संकरण पर आधारित है | यदि एक शुद्ध प्रभावी और एक शुद्ध अप्रभावी लक्षण के बीच संकरण करवाया जाता है तो F1 पीढ़ी में हमेशा प्रभावी लक्षण ही दिखाई देते हैं अप्रभावी लक्षण प्रभावी लक्षणों के प्रभाव में छुप जाते हैं ।
उदाहरण – यदि एक शुद्ध लंबे पौधे ( TT ) का संकरण एक शुद्ध बोने पौधे ( tt ) से करवाया जाता है तो F1 पीढ़ी में सभी पौधे ( 100 % ) लंबे ही प्राप्त होते हैं यहा लम्बाई का कारक बोनेपन के कारक पर प्रभावी होता है |
प्रश्न 2- मेंडल का पृथक्करण या युग्मकों की शुद्धता का नियम क्या है ? इस नियम को उदाहरण व चित्र के द्वारा समझाइए
उत्तर –
मेंडल के नियम में F1 पीढी में देखा गया कि प्रभावी और अप्रभावी लक्षण साथ साथ प्रकट होते हैं । यहां यह लगता है कि अप्रभावी लक्षण प्रभावी लक्षणों के प्रभाव में समाप्त हो गए हैं लेकिन F2 पीढ़ी के लिए युग्मक बनते समय अप्रभावी लक्षणों के युग्मक प्रभावी युग्मकों से पृथक होकर अपना स्वतंत्र अस्तित्व दिखाते हैं यही प्रथक्करण या युग्मकों की शुद्धता का नियम कहलाता है
उदाहरण – यदि 1 शुद्ध लंबे और एक शुद्ध बोने पौधे में संकरण करवाया जाए तो F1 पीढ़ी में सभी पौधे लंबे प्राप्त होते हैं यहां दोनों युग्मक साथ साथ होते हुए भी एक दूसरे को संदूषित नहीं करते व F2 पीढ़ी के लिए युग्मक निर्माण के समय दोनों युग्मक पृथक होकर अपना अपना प्रभाव अगली पीढ़ी में दिखाते हैं जिसके फलस्वरुप F2 पीढ़ी में 25 % बोने पौधे भी प्राप्त होते हैं ।
प्रश्न 3- ( 1 ) मेंडलवाद क्या है ? स्वतंत्र अपव्यूहन का नियम लिखिए |
( 2 ) द्विसंकर संकरण को शतरंज पट्ट विधि के रेखीय अरेख द्वारा समझाइए |
उत्तर – ( 1 ) मेंडल वाद:–
1865 में ग्रेगर जॉन मेंडल द्वारा प्रतिपादित अनुवांशिकता के सिद्धांत को मेंडल वाद कहते हैं । यह सिद्धांत जीन के रूप में विभिन्न लक्षणों को पीढ़ी – दर – पीढ़ी संचरण के विषय में है ।
यदि दो या दो से अधिक विपरीत लक्षणों से युक्त पोधो का संकरण करवाया जाता है तो प्रत्येक जोड़े के लक्षण स्वतंत्र रुप से वंशानुगत होते हैं एक लक्षण का दूसरे की वंशानुगति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है । अर्थात प्रत्येक लक्षण के दोनों युग्मविकल्पी पृथक होते हैं । साथ ही एक दूसरे के प्रति स्वतंत्र व्यव्हार करते हैं । इसे स्वतंत्र अपव्यूहन का नियम कहते हैं।
द्विसंकर संकरण – यदि मटर के शुद्ध गोल व पीले बीज वाले पौधे का संकरण झुरींदार व हरे बीज वाले पौधे से करवाया जाये तो F1 पीढ़ी में गोल व पीले बीज वाले पादप प्राप्त होते हैं | F1 पीढ़ी को स्वपरागित करवाने से उत्पन्न F2 पीढी में 4 प्रकार के पौधे प्राप्त होते हैं जिनका लक्षण प्ररूप अनुपात 9 : 3 : 3 : 1 प्राप्त होता है |
Class 10 Science Notes in Hindi – PDF – Important Questions & Answers Part-3
प्रतिरक्षा एवं रक्त समूह
- प्रथम उत्पादित प्रतिरक्षी है । – IgM
- मां के दूध में पाया जाने वाला प्रतिरक्षी कौनसा है । – IgA
- प्रतिरक्षी कितने प्रकार के होते है । – 5 ( IgA , IgD , IgE , IgG , IgM )
- कौनसा प्रतिरक्षी प्लेसेन्टा ( आवल / अपरा ) को पार कर भ्रूण में पहुंच सकता है । – IgG
- मास्ट कोशिका पर पाये जाने वाला प्रतिरक्षी कौनसा है ? – IgE
- मनुष्य में कितने प्रकार की प्रतिरक्षी विधियां पाई जाती है ? – 2 ( स्वाभाविक व उपार्जित )
- प्रतिजन का आणविक भार कितना होना चाहिए ? – 6000 डाल्टन या उससे ज्यादा
- प्रतिरक्षी किस प्रकार के प्रोटीन होते है ? – गामाग्लोबुलिन प्रोटीन
- रक्त में उपस्थित कौनसी कोशिका गैसों के विनिमय में संलग्न होती है ? –लाल रक्त कणिका
- रक्त का वर्गीकरण किस वैज्ञानिक द्वारा किया गया ? – कार्ल लैड स्टिनर
- प्रतिजनों की उपस्थिति के आधार पर मानव में कितने प्रकार के रक्त समूह पाये जाते है ? – 4 ( ए , बी , एबी तथा ओ )
- किस रक्त समूह में ए व बी दोनों ही प्रतिजन उपस्थित होते है ? – एबी
- किस रक्त समूह में ए व बी दोनों ही प्रतिरक्षी उपस्थित नहीं होते है ? – एबी
- सर्वदाता रक्त समूह कौनसा है ? – ओ
- सर्वग्राही रक्त समूह कौनसा है ? – एबी
- Rh कारक क्या है ? – RBC की सतह पर पाया जाने वाला एक प्रतिजन है ।
- Rh कारक की खोज सर्वप्रथम किसमें की गई थी ? –मकाका रीसस नामक बंदर में
- विश्व के लगभग कितने प्रतिशत लोगो का रक्त Rh धनात्मक होता है ? – 85 %
- कौनसा Rh कारक सबसे महत्वपूर्ण है ? – Rh . D
- गर्भ रक्ताणुकोरकता का प्रमुख कारण है । – Rh बेजोड़ता
- रुधिर वर्ग को नियंत्रित करने वाले विकल्पियों के नाम लिखिए – ।A, IB, i
- यदि किसी व्यक्ति का जीन प्ररुप ii है तो उसका रक्त समूह कौनसा होगा ? – ओ
- रक्ताधान के दौरान बरती गई असावधानियों से कौनसे रोग हो सकते है ? – एच . आई.वी , एच.टी.एल.वी , हेपेटाइटस बी व सी , क्रुएफेल्ड्स – जेक्ब रोग ।
- पैराटोप क्या है ? – प्रतिरक्षी का वह भाग जो प्रतिजन से क्रिया करता है ।
- प्रतिरक्षी अणु का आकार कैसा होता है ? – Y आकार का
- भारत में अंगदान दिवस कब मनाया जाता है ? – 13 अगस्त को
- रक्ताधान क्या है ? – यह एक ऐसी विधि है जिसमें एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के परिसंचरण तंत्र में रक्त या रक्त आधारित उत्पादों जैसे प्लेटलेट , प्लाज्मा आदि को स्थानान्तरित किया जाता है ।
- रक्त के स्रोत के आधार पर रक्तदान कितने प्रकार का होता है ? –2 प्रकार का ( समजात आधान तथा समजीवी आधान । )
- हाल ही में देहदाान दान की घोषणा करने वाल दो व्यक्ति कौन है ? – साध्वी ऋतम्भरा और क्रिकेटर गौतम गंभीर ।