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केंद्र सरकार सोमवार को लोकसभा में लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण बिल पेश करेगी। इसमें ऐसे आरोपियों, संस्था व माफिया के खिलाफ कड़े प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत दस साल की सजा और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगा सकेंगे। इससे नकल माफिया पर नकेल कसने में मदद मिलेगी।
राष्ट्रपति ने दिया था संकेत
प्रतिभाओं को संरक्षण देने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में सख्त रुख अपनाने का संकेत दिया था। प्रस्तावित कानून का सारा जोर व्यक्तियों, संगठित माफिया व पेपर लीक, पेपर हल करने, प्रतिरूपण, कंप्यूटर संसाधनों के हैकिंग में लगे संस्थानों पर नकेल कसना है। बिल में पर्चा लीक करने, दूसरे की जगह परीक्षा देने, प्रश्नपत्र हल करने या इसमें मदद करने, परीक्षा केंद्र के बजाय अन्य जगह पर परीक्षा कराने, परीक्षा में गड़बड़ी की रिपोर्ट नहीं करने पर तीन से पांच साल की जेल की सजा और दस लाख रुपये तक का जुर्माना तय किया है। कंप्यूटर आधारित केंद्रों पर परीक्षा का संचालन करने वालों को कदाचार साबित होने पर एक करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।
संस्थाओं को भुगतनी होगी लागत
धांधली के कारण परीक्षा रद्द हुई तो इसका खर्चा दोषी पाए गए सेवा प्रदाताओं व संस्थाओं को भुगतना होगा। इसके अलावा शीर्ष प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए राष्ट्रीय मानक भी तैयार किए जाएंगे।
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