Notes in Hindi for Competitive Exams pdf – Indian Constitution-Parliament of India- Rajya Sabha – Lok Sabha -15
Notes in Hindi pdf – Indian Constitution - Parliament of India - Rajya Sabha - Lok Sabha
Notes in Hindi – Indian Constitution – Parliament of India – Rajya Sabha – Lok Sabha
Notes in Hindi – Indian Constitution – Parliament of India – Rajya Sabha – Lok Sabha
Indian Constitution in Hindi
संघीय संसद – राज्यसभा (Rajya Sabha) और लोकसभा(Lok Sabha)
भारतीय संविधान – संघीय संसद (Federal Parliament)
Notes in Hindi – Indian Constitution -Parliament of India – Rajya Sabha – Lok Sabha
- भारत की संसद राष्ट्रपति , राज्य सभा (Rajya Sabha) तथा लोक सभा (Lok Sabha) से मिलकर बनती है । →
- संसद के निम्न सदन को लोक सभा (LokSabha) एवं उच्च सदन को राज्य सभा (Rajya Sabha) कहते हैं ।
राज्य सभा (Rajya Sabha)
- राज्य सभा के सदस्यों की अधिक से अधिक सदस्यों की संख्या 250 हो सकती है ।
- राज्य राज्य – वर्तमान समय में यह संख्या 245 है । इनमें संख्या 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं । ये ऐसे व्यक्ति होते हैं जिन्हें कला , साहित्य , विज्ञान , समाजसेवा या सहकारिता के क्षेत्र में विशेष ज्ञानी या अनुभवी है । शेष 233 सदस्य संघ की इकाइयों का प्रतिनिधित्व करते हैं ।
- राज्य सभा की सदस्यता के लिए न्यूनतम उम्र – सीमा 30 वर्ष है ।
- राज्य सभा के सदस्य के लिए जरूरी है कि उसका नाम उस राज्य के किसी निर्वाचन सूची में हो , जिस राज्य से वह राज्य सभा का चुनाव लड़ना चाहता है ।
- राज्य सभा एक स्थायी सदन है जो कभ नहीं होती । इसके सदस्यों का कार्यकाल छह वर्ष का होता है । इसके एक तिहाई सदस्य प्रति दो वर्ष बाद सेवा – निवृत्त हो जाते हैं ।
- भारत का उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पदेन सभापति होता है ।
- राज्य सभा अपने सदस्यों में से किसी एक को 6 वर्ष के लिए उपसभापति निर्वाचित करती है ।
- मंत्रिपरिषद् राज्य सभा के प्रति उत्तरदायी नहीं होती है ।
- केवल राज्य सभा को राज्य – सूची के किसी विषय को राज्य सभा में उपस्थित तथा मतदान देनेवाले सदस्यों के कम से कम दो तिहाई सदस्यों द्वारा समर्पित संकल्प द्वारा राष्ट्रीय महत्त्व का घोषित करने का अधिकार है । ( अनुच्छेद 249 )
- केवल राज्य सभा को राज्य सभा में उपस्थित तथा मतदान देने वाले सदस्यों के कम से कम दो तिहाई सदस्यों के बहुमत से अखिल भारतीय सेवाओं का सृजन का अधिकार है । ( अनुच्छेद 312 )
- धन विधेयक के संबंध में राज्य सभा को केवल सिफारिशें करने का अधिकार है , जिसे मानने के लिए लोक सभा बाध्य नहीं है । इसके लिए राज्य सभा को 14 दिन का समय मिलता है । यदि इस समय में विधेयक वापस नहीं होता तो पारित समझा जाता है ।
- राज्य सभा धन विधेयक को न अस्वीकार सकती है और न ही उसमें कोई संशोधन कर सकती है ।
- राष्ट्रपति वर्ष में कम से कम दो बार राज्य सभा का अधिवेशन आहूत करता है । राज्य सभा के एक सत्र की अन्तिम बैठक तया अगले सत्र की प्रथम बैठक के लिए नियत तिथि के बीच माह से अधिक का अन्तर नहीं होना चाहिए ।
- राज्य सभा का पहली बार गठन 3 अप्रैल , 1952 ई ० को किया गया था । इसकी पहली बैठक 13 मई , 1952 को हुई थी ।
- राज्य सभा में प्रतिनिधित्व नहीं है : अंडमान – निकोबार , चण्डीगढ़ , दादर व नागर हवेली , दमण व दीव और लक्षद्वीप का ।
- राज्य सभा के प्रथम – उपसभापति – श्री एस . वी . कृष्णामूर्तिराव
राज्यों एवं संघीय क्षेत्रों में राज्य सभा के सदस्यों की संख्या
# | राज्य | सीटों की संख्या | # | राज्य | सीटों की संख्या | |
1 | अरूणाचल प्रदेश(AR ) | 1 | 17 | नागालैंड(NG ) | 1 | |
2 | असम (AS ) | 7 | 18 | नाम निर्देशित(NOM. ) | 12 | |
3 | आंध्र प्रदेश(AP ) | 11 | 19 | पंजाब(PB ) | 7 | |
4 | उत्तर प्रदेश(UP ) | 31 | 20 | पुडुचेरी(PUD ) | 1 | |
5 | उत्तराखंड(UTK ) | 3 | 21 | पश्चिमी बंगाल(WB ) | 16 | |
6 | ओडिशा(OR ) | 10 | 22 | बिहार(BR ) | 16 | |
7 | कर्नाटक(KAR ) | 12 | 23 | मेघालय(MGH ) | 1 | |
8 | केरल(KR ) | 9 | 24 | मणिपुर(MN ) | 1 | |
9 | गुजरात(GJ ) | 11 | 25 | मध्य प्रदेश(MP ) | 11 | |
10 | गोवा(GOA ) | 1 | 26 | महाराष्ट्र(MH ) | 19 | |
11 | छत्तीसगढ़(CHT ) | 5 | 27 | मिज़ोरम(MZ ) | 1 | |
12 | जम्मू-कश्मीर(J & K ) | 4 | 28 | राजस्थान(RJ ) | 10 | |
13 | झारखंड(JHK ) | 6 | 29 | राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र,दिल्ली(DL ) | 3 | |
14 | तमिलनाडु(TN ) | 18 | 30 | सिक्किम(SK ) | 1 | |
15 | त्रिपुरा(TR ) | 1 | 31 | हरियाणा(HR ) | 5 | |
16 | तेलंगाना(TG ) | 7 | 32 | हिमाचल प्रदेश(HP ) | 3 | |
योग: 245 |
Notes in Hindi – Indian Constitution – Parliament of India – Rajya Sabha – Lok Sabha
लोक सभा (Lok Sabha)
- लोक सभा संसदका प्रथम या निम्न सदन है, जिसका सभापतित्व करने के लिए एक अध्यक्ष होता है ।
- लोक सभा अपनी पहली बैठक के पश्चात यथाशीघ्र अपने दो सदस्यों को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में चुनती है । ( अनुच्छेद 93 )
- मूल संविधान में लोक सभा की सदस्य संख्या 500 निश्चित की गयी है । अभी इसके सदस्यों की अधिकतम सदस्य संख्या 552 हो सकती है । इनमें से अधिकतम 530 राज्यों के निर्वाचन के क्षेत्रों अधिकतम 20 सदस्य संघीय क्षेत्रों से निर्वाचित किए जा सकते हैं एवं राष्ट्रपति आंग्ल भारतीय वर्ग के अधिकतम दो सदस्यों का मनोनयन कर सकते हैं ।
- वर्तमान (17 वीं लोक सभा) में लोक सभा की सदस्य संख्या 552 है । इन सदस्यों में 530 सदस्य राज्यों में 20 सदस्य कंन्द्र शासित प्रदेशों में निर्वाचित होते हैं तथा दो आंग्ल भारतीय वर्ग के प्रतिनिधि के रूप राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत होते हैं ।
- 2001 ई ० में संमद द्वारा पारित 84 वें संविधान संशोधन विधेयक के अनुसार लोक सभा एवं विधान सभाओं की सीटों की संख्या 2026 ई ० तक यथावत रखने का प्रावधान किया गया है ।
- लोक सभा के सदस्यों का चुनाव गुप्त मतदान के द्वारा वयस्क मताधिकार ( 18 वर्ष ) के आधार पर होता है ।
- 61 वें संवैधानिक संशोधन ( 1989 ई ० ) के अनुसार भारत में अब 18 वर्ष की आयु प्राप्त व्यक्ति को वयस्क माना गया है ।
- अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों हेतु लोक सभा में 2010 ई ० तक स्थानों को सुरक्षित कर दिया गया है । [79 वें संवैधानिक संशोधन ( 1909 ई ० ) के द्वारा )
लोक सभा की सदस्यता के लिए अनिवार्य योग्यताएँ निम्न है:-
( i ) वह व्यक्ति भारत का नागरिक हो ।
( ii ) उसकी आयु 25 वर्ष या इससे अधिक हो ।
( iii ) भारत सरकार अथवा किसी राज्य सरकार के अन्तर्गत वह कोई लाभ के पद पर नहीं हो ।
( iv ) वह पागल तथा दिवालिया न हो ।
- लोक सभा का अधिकतम कार्यकाल सामान्यत 5 वर्ष का होता है । मंत्रीपरिषद् लोक सभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है । [ अनुच्छेद 75 ( 3 ) ]
- प्रधानमंत्री के परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति के द्वारा लोक सभा को समय से पूर्व भी भंग किया जा सकता है , ऐसा अबतक 8 बार ( 1970 ई ० , 1977 ई ० , 1979 ई 0 , 1984 ई ० , नव ० 1989 ई ० , मार्च 1991 ई ० , दिस 0 1997 ई ० तथा अप्रैल 1999 ई ० ) किया गया है ।
- आपातकाल की घोषणा लागू होने पर विधि द्वारा संसद लोक सभा के कार्यकाल में वृद्धि कर सकती है , जो एक बार में एक वर्ष से अधिक नहीं होगी । 1976 ई ० में लोक सभा का कार्यकाल दो बार एक एक वर्ष के लिए बढ़ाया गया था ।
- लोक सभा एवं राज्य सभा के अधिवेशन राष्ट्रपति के द्वारा ही बुलाए और स्थगित किए जाते हैं । लोक सभा की दो बैठकों में 6 माह से अधिक का अन्तर नहीं होना चाहिए ।
- लोक सभा की गणपूर्ति या कोरम कुल सदस्य संख्या का दसवाँ भाग ( 55 सदस्य ) होता है ।
- संविधान के अनुच्छेद 108 में संसद के संयुक्त अधिवेशन की व्यवस्था है । संयुक्त अधिवेशन राष्ट्रपति के द्वारा निम्न तीन स्थितियों में बुलाया जा सकता है । विधेयक एक सदन से पारित होने के बाद जब दूसरे सदन में जाए : तब यदि ( i ) दूसरे सदन द्वारा विधेयक अस्वीकार कर दिया गया हो . ( ii ) विधेयक पर किए जानेवाले संशोधनों के बारे में दोनों सदन अन्तिम रूप से असहमत हो गए हैं , ( iii ) दूसरे सदन को विधेयक प्राप्त होने की तारीख से उसके द्वारा विधेयक पारित किए बिना 6 मास से अधिक बीत गए हों ।
- संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता लोक सभा के अध्यक्ष के द्वारा की जाती है । संयुक्त बैठक से अध्यक्ष की अनुपस्थिति के दौरान सदन का उपाध्यक्ष या यदि यह भी अनुपस्थित है , तो राज्य सभा का उपसभापति या यदि , वह भी अनुपस्थित है , तो ऐसा अन्य व्यक्ति पीठासीन होगा , जो उस बैठक में उपस्थित सदस्यों द्वारा अवधारित किया जाए ।
- धन विधेयक के संबंध में लोक सभा का निर्णय अन्तिम होता है । इस संबंध में संयुक्त अधिवेशन की व्यवस्था नहीं है ।
- संविधान संशोधन विधेयक पर भी संयुक्त अधिवेशन की व्यवस्था नहीं है : सविधान संशोधन विधेयक दोनों सदनों में अलग अलग पारित होना चाहिए ।
#प्रथम लोकसभा का कार्यकाल 17 अप्रैल , 1952 से 4 अप्रैल 1957 तक रहा ।
#प्रथम लोक सभा अध्यक्ष श्री जी ० बी ० मावलंकर एवं उपाध्यक्ष श्री अनंतशयनम थे ।
नोट : क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से सबसे बड़ा लोकसभा क्षेत्र लदाख ( जम्मू कश्मीर ) एवं सबसे छोटा लक्षद्वीप है
लोक सभा के पदाधिकारी:-
- लोकसभा अध्यक्ष –
- लोकसभा अध्यक्ष, भारतीय संसद के निम्नसदन, लोकसभा का सभापति एवं अधिष्ठाता होता है। उसकी भूमिका वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित किसी भी अन्य शासन-व्यवस्था के वैधायिकीय सभापति के सामान होती है। उसका निर्वाचन लोकसभा चुनावों के बाद, लोकसभा की प्रथम बैठक में ही कर लिया जाता है। वह संसद के सदस्यों में से ही पाँच साल के लिए चुना जाता है। उससे अपेक्षा की जाती है कि वह अपने राजनितिक दल से इस्तीफा दे दे, ताकि कार्यवाही में निष्पक्षता बनी रहे। वर्त्तमान लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला है, जोकि अपनी पूर्वाधिकारी, सुमित्रा महाजन के बाद, इस पद पर आसीन हैं। यह 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष है|
निर्वाचन
लोकसभा अध्यक्ष का निर्वाचन लोकसभा के सदस्यों के द्वारा किया जाता है। निर्वाचन की तिथि राष्ट्रपति के द्वारा निश्चित की जाती है। राष्ट्रपति के द्वारा निश्चित की गयी तिथि की सूचना लोकसभा का महासचिव सदस्यों को देता है। निर्वाचन की तिथि के एक दिन पूर्व के मध्याह्न से पहले किसी सदस्य द्वारा किसी अन्य सदस्य को अध्यक्ष चुने जाने का प्रस्ताव महासचिव को लिखित रूप में दिया जाता है। यह प्रस्ताव किसी तीसरे सदस्य द्वारा अनुमोदित होना चाहिए। इस प्रस्ताव के साथ अध्यक्ष के उम्मीदवार सदस्य का यह कथन संलग्न होता है कि वह अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के लिए तैयार है। निर्वाचन के लिए एक या अधिक उम्मीदवारों द्वारा प्रस्ताव किये जा सकते हैं। यदि एक ही प्रस्ताव पेश किया जाता है, तो अध्यक्ष का चुनाव सर्वसम्मत होता है और यदि एक से अधिक प्रस्ताव प्रस्तुत होते हैं, तो मतदान कराया जाता है। मतदान में लोकसभा के सदस्य ही शामिल होकर अध्यक्ष का बहुमत से निर्वाचन करते हैं।
शपथ ग्रहण
लोकसभा अध्यक्ष अन्य लोकसभा सदस्यों की ही तरह एक सदस्य के रूप में शपथ लेता है। उसका शपथ भी कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा कराया जाता है। कार्यकारी अध्यक्ष सबसे वरीष्ठ सदस्यों को बनाया जाता है।
शक्तियाँ और कार्य
लोकसभा-अध्यक्ष लोकसभा के सत्रों की अध्यक्षता करता है और सदन के कामकाज का संचालन करता है। वह निर्णय करता है कि कोई विधेयक, धन विधेयक है या नहीं। वह सदन का अनुशासन और मर्यादा बनाए रखता है और इसमें बाधा पहुँचाने वाले सांसदों को दंडित भी कर सकता है। वह विभिन्न प्रकार के प्रस्ताव और संकल्पों, जैसे अविश्वास प्रस्ताव, स्थगन प्रस्ताव, सेंसर मोशन, को लाने की अनुमति देता है और अटेंशन नोटिस देता है। अध्यक्ष ही यह तय करता है कि सदन की बैठक में क्या एजेंडा लिया जाना है।
वेतन और भत्ते
लोकसभा अध्यक्ष को राज्यसभा के सभापति (उपराष्ट्रपति) के समान मासिक वेतन एवं अन्य भत्ते मिलते हैं। मई, 2002 को संसद द्वारा पारित एक संशोधन विधेयक के अनुसार यदि लोकसभा के अध्यक्ष की मृत्यु उसके पद पर रहने की अवधि में ही हो जाती है तो उसके परिवार यानी पति या पत्नी को पेंशन, आवास और स्वास्थ्य सुविधाएँ मिला करेंगी। ध्यातव्य है कि यह सुविधा अब तक राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति पदों के लिए ही थीं। साथ ही लोकसभाध्यक्ष को केन्द्रीय मंत्री के समान भत्ता देने का भी प्रावधान किया गया है। लोकसभा का स्पीकर, संसद का ही एक सदस्य होता है, इसलिए उसे 1954 के संसद अधिनियम के तहत वेतन, भत्ते और पेंशन मिलती हैं. इस अधिनियम को दिसंबर 2010 में संशोधित किया गया था. # विशेष अधिनियम के मुताबिक लोकसभा स्पीकर को 50 हजार रुपये सैलरी के तौर पर मिलती है.
कार्यकाल अवधि और पदमुक्ति
अध्यक्ष का कार्यकाल लोकसभा विघटित होने तक होता है। कुछ स्थितियों में वह इससे पहले भी पदमुक्त हो सकता है-लोकसभा अध्यक्ष को लोकसभा के प्रभावी बहुमत द्वारा हटाया जा सकता है। परंतु 14 दिन पहले इसकी सूचना लोक सभा अध्यक्ष को देनी आवश्यक है।
लोकसभा अध्यक्ष व उनके कार्यकाल:- | ||
1 | गणेश वासुदेव मावलंकर | 15 मई 1952 – 27 फ़रवरी 1956 |
2 | अनन्त शयनम् अयंगार | 8 मार्च 1956 – 16 अप्रॅल 1962 |
3 | सरदार हुकम सिंह | 17 अप्रॅल 1962 – 16 मार्च 1967 |
4 | नीलम संजीव रेड्डी | 17 मार्च 1967 – 19 जुलाई 1969 |
5 | जी. एस. ढिल्लों | 8 अगस्त 1969 – 1 दिसंबर 1975 |
6 | बलि राम भगत | 15 जनवरी 1976 – 25 मार्च 1977 |
7 | नीलम संजीव रेड्डी | 26 मार्च 1977 – 13 जुलाई 1977 |
8 | के एस हेगड़े | 21 जुलाई 1977 – 21 जनवरी 1980 |
9 | बलराम जाखड़ | 22 जनवरी 1980 – 18 दिसंबर 1989 |
10 | रवि राय | 19 दिसंबर 1989 – 9 जुलाई 1991 |
11 | शिवराज पाटिल | 10 जुलाई 1991 – 22 मई 1996 |
12 | पी. ए. संगमा | 25 मई 1996 – 23 मार्च 1998 |
13 | जी एम सी बालयोगी | 24 मार्च 1998 – 3 मार्च 2002 |
14 | मनोहर जोशी | 10 मई 2002 – 2 जून 2004 |
15 | सोमनाथ चटर्जी | 4 जून 2004 – 30 मई 2009 |
16 | मीरा कुमार | 4 जून 2009 – 4 जून 2014 |
17 | सुमित्रा महाजन | 6 जून 2014 – 17 जून 2019 |
18 | ओम बिरला | 19 जून 2019 से अब तक |
2. लोकसभा उपाध्यक्ष
लोकसभा भारत की संसद का निम्न सदन है। अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष लोकसभा का कार्य निर्वाहन करता है। लोकसभा के उपाध्यक्ष को विपक्ष से चुने जाने की परंपरा है। लोकसभा के सदस्य अपने में से किसी एक का उपाध्यक्ष के रूप में चुनाव करते हैं। यदी संबंधित सदस्य का लोकसभा की सदस्यता खत्म हो जाती है तो उसका अध्यक्ष या उपाध्यक्ष पद भी खत्म हो जाता है। उपाध्यक्ष अपना त्याग पत्र अध्यक्ष को संबोधित करता है। लोकसभा के उपस्थित सदस्यों के बहुमत से संमत किये हुए प्रस्ताव के अनुसार अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पदच्युत (पद से निकाला जाना) किया जा सकता है।
वर्तमान में लोकसभा के उपाध्यक्ष का पद रिक्त है, क्योंकि निवर्तमान उपाध्यक्ष एम.थंबीदुरई का कार्यकाल 16वीं लोकसभा के भंग होने से (25.05.2019 को) पूर्ण हो गया
प्रमुख कार्य और अधिकार
लोकसभा उपाध्यक्ष बजट समिति का अध्यक्ष होता है। लोकसभा सचिवालय के खर्च हेतु वित्त मंत्रालय को सिफारिश भेजता है।
संसद – सदस्यों से संबंधित कुछ विशेष बातें →
- किसी संसद सदस्य की योग्यता अथवा अयोग्यता से संबंधित प्रश्न का अन्तिम विनिश्चय चुनाव आयोग की सलाह से राष्ट्रपति करता है ।
- एक समय एक व्यक्ति केवल एक ही सदन का सदस्य रह सकता है । –
- यदि कोई सदस्य सदन की अनुमति के बिना 60 दिनों की अवधि में अधिक समय के लिए सदन के सभी अधिवेशनों से अनुपस्थित रहता है तो सदन उसकी सदस्यता समाप्त कर सकता है ।
- संसद – सदस्यों को संसद की बैठक के पूर्व या याद 40 दिन की अवधि के दौरान गिरफ्तारी से मुक्ति प्रदान की गई है । गिरफ्तारी से यह मुक्ति केवल सिविल मामला में है । आपराधिक मामले अर्थात् निवारक निरोध की विधि के अधीन गिरफ्तारी से छूट नहीं है ।
Notes in Hindi – Indian Constitution – Parliament of India – Rajya Sabha – Lok Sabha
सत्रहवीं लोक सभा | ||
राज्य-वार | कुल सदस्य : 529 | |
क्रम सं. | राज्य का नाम | सदस्य |
1 | आंध्र प्रदेश | 25 |
2 | अरुणाचल प्रदेश | 2 |
3 | असम | 14 |
4 | बिहार | 39 |
5 | छत्तीसगढ़ | 11 |
6 | गोवा | 2 |
7 | गुजरात | 26 |
8 | हरियाणा | 10 |
9 | हिमाचल प्रदेश | 4 |
10 | जम्मू और कश्मीर | 6 |
11 | झारखंड | 14 |
12 | कर्णाटक | 28 |
13 | केरल | 20 |
14 | मध्य प्रदेश | 29 |
15 | महाराष्ट्र | 48 |
16 | मणिपुर | 2 |
17 | मेघालय | 2 |
18 | मिजोरम | 1 |
19 | नागालैंड | 1 |
20 | ओडिशा | 21 |
21 | पंजाब | 13 |
22 | राजस्थान | 25 |
23 | सिक्किम | 1 |
24 | तमिलनाडु | 39 |
25 | तेलंगाना | 17 |
26 | त्रिपुरा | 2 |
27 | उत्तर प्रदेश | 80 |
28 | उत्तराखंड | 5 |
29 | पश्चिम बंगाल | 42 |
संघ राज्य क्षेत्र-वार | कुल सदस्य : 13 | |
क्रम सं. | राज्य का नाम | सदस्य |
1 | अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह | 1 |
2 | चंडीगढ़ | 1 |
3 | दमन और दीव | 1 |
4 | राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली | 7 |
5 | दादर और नागर हवेली | 1 |
6 | लक्षद्वीप | 1 |
7 | पुडुच्चेरी | 1 |