Notes in Hindi pdf file for competitive exams– Indian Histroy – Ancient India – 19- गुप्त साम्राज्य
Notes in Hindi pdf – Indian Histroy - Ancient India - गुप्त साम्राज्य
Notes in Hindi pdf – Indian History – Ancient India – गुप्त साम्राज्य
Notes in Hindi pdf – Indian History – Ancient India -गुप्त साम्राज्य
History in Hindi
प्राचीन भारत (Ancient India)
गुप्त साम्राज्य
Notes in Hindi pdf – Indian History – Ancient India -गुप्त साम्राज्य
- गुप्त साम्राज्य का उदय तीसरी शताब्दी के अन्त में प्रयाग के निकट कौशाम्बी में हुआ ।
- गुप्त वंश का संस्थापक श्रीगुप्त ( 240-280 ई ० ) था ।
- श्रीगुप्त का उत्तराधिकारी घटोत्कच ( 280-320ई ० ) हुआ ।
- गुप्त वंश का प्रथम महान सम्राट् चन्द्रगुप्त प्रथम था।यह 320 ई ० में गद्दी पर बैठा । इसने लिच्छवी राजकुमारी कुमार देवी से विवाह किया । इसने ‘ महाराजाधिराज ‘ की उपाधि धारण की ।
- गुप्त संवत् ( 319-320ई ० ) की शुरुआत चन्द्रगुप्त प्रथम ने की ।
- चन्द्रगुप्त प्रथम का उत्तराधिकारी समुद्रगुप्त हुआ , जो 335 ई ० में राजगद्दी पर बैठा । इसन आर्यावर्त के 9 शासकों और दक्षिणावर्त के 12 शासकों को पराजित किया । इन्हीं विजय के कारण इसे भारत का नेपोलियन कहा जाता है ।
- समुद्रगुप्त का दरबारी कवि हरिषेण था , जिसने इलाहाबाद प्रशस्ति लेख की रचना की ।
- समुद्रगुप्त विष्णु का उपासक था ।
- समुद्रगुप्त ने अश्वमेधकर्ता की उपाधि धारण की ।
- समुद्रगुप्त संगीत प्रेमी था । ऐसा अनुमान उसके सिक्कों पर उसे वीणा वादन करते हुए दिखाया जाने से लगाया गया है । समुद्रगुप्त ने विक्रमंक की उपाधि धारण की थी । इसे कविराज भी कहा जाता था ।
- समुद्रगुप्त का उत्तराधिकारी चन्द्रगुप्त II हुआ , जो 380 ई ० में राजगद्दी पर बैठा ।
- चन्द्रगुप्त II के शासनकाल में चीनी बौद्ध यात्री फाहियान भारत आया ।
- शकों पर विजय के उपलक्ष्य में चन्द्रगुप्त ।। में चाँदी के सिक्के चलाए ।
- चन्द्रगुप्त II का उत्तराधिकारी कुमारगुप्त I या गोविन्दगुप्त ( 415 ई०-454 ई ० ) हुआ ।
- नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना कुमारगुप्त ने की थी ।
- कुमारगुप्त I का उत्तराधिकारी स्कन्धगुप्त ( 455-467 ई ० ) हुआ ।
- स्कन्धगुप्त ने गिरनार पर्वत पर स्थित सुदर्शन झील का पुनरुद्धार किया ।
- स्कन्धगुप्त ने पर्णदत्त को सौराष्ट्र का गवर्नर नियुक्त किया ।
- स्कन्धगुप्त के शासनकाल में ही हूणों का आक्रमण शुरू हो गया ।
- अंतिम गुप्त शासक भानुगुप्त था ।
- गुप्त साम्राज्य की सबसे बड़ी प्रादेशिक इकाई ‘ देश ‘ थी , जिसके शासक को गोप्-ना कह जाता था । एक दूसरी प्रादेशिक इकाई भूक्ति थी . जिसके शासक उपरिक कहलाते थे ।
- भूक्ति के नीचे विषय नामक प्रशासनिक इकाई होती थी , जिसके प्रमुख विषयपति कहलाते थे ।
- पुलिस विभाग का मुख्य अधिकारी दण्डपाशिक कहलाता था ।
- पुलिस विभाग के साधारण कर्मचारियों को चाट एवं भाट कहा जाता था ।
- प्रशासन की सबसे छोटी इकाई ग्राम थी । ग्राम का प्रशासन ग्राम – सभा द्वारा संचालित होत था । ग्राम – सभा का मुखिया ग्रामीक कहलाता था एवं अन्य सदस्य महत्तर कहलाते थे ।
- ग्राम – समूहों की छोटी इकाई को पेठ कहा जाता था ।
- गुप्त शासक कुमार गुप्त के दामोदरपुर ताम्रपत्र में भूमि ब्रिकी सम्बन्धी अधिकारियों के क्रियाकलापों का उल्लेख है ।
- भूराजस्व कुल उत्पादन का 1/4 भाग से 1/9 भाग हुआ करता था ।
- आर्थिक उपयोगिता के आधार पर निम्न प्रकार की भूमि थी
- ( i ) क्षेत्र : कृषि करने योग्य भूमि । ( ii ) वास्तु : वास करने योग्य भूमि । ( iii ) चरागाह भूमि : पशुओं के चारा योग्य भूमि । ( iv )सिल : ऐसी भूमि जो जोतने योग्य नहीं होती थी । ( v ) अप्रहत : ऐसी भूमि जो जंगली होती थी ।
- सिंचाई के लिए रहट या घंटी यंत्र का प्रयोग होता था ।
- श्रेणी के प्रधान को ज्येष्ठक कहा जाता था ।
- गुप्तकाल में उज्जैन सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र था ।
- गुप्त राजाओं ने सर्वाधिक स्वर्ण मुद्राएँ जारी कीं । इनकी स्वर्ण मुद्राओं को अभिलेखों में दीनार कहा गया है ।
- कायस्थों का सर्वप्रथम वर्णन याज्ञवल्क्य स्मृति में मिलता है । जाति के रूप में कायस्यों का सर्वप्रथम वर्णन ओशनम् स्मृति में मिलता है ।
- विध्य जंगल में शबर जाति के लोग अपने देवताओं को मनुष्य का मांस चढ़ाते थे ।
- पहली बार किसी के सती होने का प्रमाण 510 ई ० के भानुगुप्त के एरण अभिलेख से मिलता है , जिसमें किसी भोजराज की मृत्यु पर उसकी पत्नी के सती होने का उल्लेख है ।
- गुप्तकाल में वेश्यावृत्ति करने वाली महिलाओं को गणिका कहा जाता था । वृद्ध वेश्याओं को कुट्टनी कहा जाता था ।
- गुप्त सम्राट् वैष्णव धर्म के अनुयायी थे तथा उन्होंने इसे राजधर्म बनाया था । विष्णु का वाहन गरुड़ गुप्तों का राजचिन्ह था । गुप्तकाल में वैष्णव धर्म संबंधी सबसे महत्त्वपूर्ण अवशेष देवगढ़ ( झाँसी ) का दशावतार मंदिर है ।
- अजन्ता में निर्मित कुल 29 गुफाओं में वर्तमान में केवल 6 ही शेष हैं , जिनमें गुफा संख्या 16 एवं 17 ही गुप्तकालीन हैं । इसमें गुफा संख्या 16 में उत्कीर्ण मरणासन्न राजकुमारी का चित्र प्रशंसनीय है ।
- गुफा संख्या 17 के चित्र को चित्रशाला कहा गया है । इस चित्रशाला में बुद्ध के जन्म , जीवन , महाभिनिष्क्रमण विष्णु एवं महापरिनिर्वाण की घटनाओं से संबंधित चित्र उद्धृत किए गए हैं ।
- अजंता की गुफाएँ बौद्धधर्म की महायान शाखा से संबंधित हैं । गुप्तकाल में निर्मित अन्य गुफा बाघ की गुफा है , जो ग्वालियर के समीप बाघ नामक स्थान पर विंध्यपर्वत को काटकर बनायी गयी थी ।
- चन्द्रगुप्त II के शासनकाल में संस्कृत भाषा का सबसे प्रसिद्ध कवि कालिदास थे ।
- चन्द्रगुप्त II के दरबार में रहनेवाला आयुर्वेदाचार्य धन्वन्तरि थे ।
- गुप्तकाल में विष्णु शर्मा द्वारा लिखित पंचतंत्र ( संस्कृत ) को संसार का सर्वाधिक प्रचलित ग्रंथ माना जाता है ।बाइबिल के बाद इसका स्थान दूसरा है । इसे पाँच भागों में बाँटा गया है –
- ( 1 ) मित्रभेद , ( 2 ) मित्रलाभ , ( 3 ) संधि विग्रह , ( 4 ) लब्ध – प्रणाश , ( 5 ) अपरीक्षाकारित्व ।
- आर्यभट्ट ने आर्यभट्टीयम एवं सूर्यसिद्धान्त नामक ग्रंथ लिखे । इसी ने सर्वप्रथम बताया कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है ।
- चन्द्रगुप्त II के दरबार में रहनेवाले कुछ प्रमुख विद्वान थे — आर्यभट्ट , वाराहमिहिर , धन्वन्तरि , ब्रह्मगुप्त आदि ।
- पुराणों की वर्तमान रूप में रचना गुप्तकाल में हुई । इसमें ऐतिहासिक परम्पराओं का उल्लेख है ।
- गुप्तकाल में चाँदी के सिक्कों को रूप्यका कहा जाता था ।
- याज्ञवल्क्य , नारद , कात्यायन एवं बृहस्पति स्मृतियों की रचना गुप्तकाल में ही हुई ।
- मंदिर बनाने की कला का जन्म गुप्तकाल में ही हुआ ।
सांस्कृतिक उपलब्धियों के कारण गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग कहा जाता है ।
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