Notes in Hindi - Geography - जलमंडल (Hydrosphere)

Notes in hindi - Geography -जलमंडल (Water Board)

Notes in Hindi – Geography – जलमंडल (Hydrosphere)

Notes in Hindi – Geography – जलमंडल (Hydrosphere)

Geography in Hindi

( i ) स्थलमंडल (Lithosphere) , ( ii ) जलमंडल (Hydrosphere) , ( iii ) वायुमंडल (Atmosphere) , ( iv ) (Biosphere)

                                                                                                       

जलमंडल (Hydrosphere)

Notes in Hindi – Geography – जलमंडल (Hydrosphere)

  • सम्पूर्ण पृथ्वी का 3/4 भाग ( लगभग 71% ) पर जलमंडल का विस्तार है । पृथ्वी पर उपस्थित  कुल मात्रा का केवल 2.5% भाग ही स्वच्छ जल या मीठा जल है बाकि अधिकतर जल महासागरीय खारा जल है |
  • महासागरीय जल के दो महत्त्वपूर्ण गुण है – तापमान एवं लवणता
  • जलमंडल ( Hydrosphere ) का वह बड़ा भाग जिसकी कोई निश्चित सीमा न हो – महासागर (Ocean ) कहलाता है । सबसे बड़ा महासागर प्रशांत महासागर है |

समुन्द्र : जलमंडल का वह बड़ा भाग , जो तीन तरफ जल से घिरा हो और एक तरफ महासागर से मिला हो , समुद्र कहलाता है ।

खाड़ी ( Gulf ) : समुद्र का स्थलीय भाग में प्रवेश कर जाने पर जो जल का क्षेत्र बनता है , उसे खाड़ी कहते है | 

Bay इसका दो किनारा स्थल से घिरा होता है , एक तरफ टापुओं का समूह होता है और दूसरी तरफ का मुहाना समुद्र से मिला होता है ।

  • सामान्यतः महासागरीय जल का तापमान लगभग 5 ° C से 33 ° C के बीच रहता है ।
  • आकार में अन्तर के कारण अटलांटिक महासागर में वार्षिक तापांतर प्रशांत महासागर की अपेक्षा अधिक होता है ।
  • उत्तरी गोलार्द्ध में दक्षिण गोलार्द्ध की तुलना में तापान्तर अधिक होता है ।
  • लवणता को प्रति हजार में व्यक्त करते हैं , समुद्री जल की औसत लवणता लगभग 35 प्रति हजार होती है । 
  • समान खारेपन वाले स्थानों को मिलाकर खींची गयी रेखा को समलवण रेखा ( Isohaline ) कहते हैं । 
  • 20°-40° उत्तरी अक्षांश और 10° -30° दक्षिण अंक्षाशों के मध्य सबसे अधिक लवणता पायी जाती है ।
  • तुर्की की वान झील की लवणता सबसे अधिक ( 330 % ) है । 

गाई ऑट – सपाट शीर्ष वाले समुद्री पर्वतों को गाई ऑट कहते हैं । 

  • प्रशांत महासागर में गुआम द्वीप के समीप स्थित मेरियाना गर्त सबसे गहरा गर्त है । इसकी गहराई लगभग 11 किमी ( 11033 मी ० ) है । इसे चैलेंजर गर्त भी कहते हैं ।
कुछ महत्त्वपूर्ण गर्त
 गर्त गहराई (मी०)स्थिति 
1मेरियाना11,033प्रशान्त महासागर
2टोंगा 9,000प्रशान्त महासागर
3मिडनाओ 10,500प्रशान्त महासागर
4प्यूरिटो रिको8,392अटलांटिक महासागर ( प ० द्वीप समूह ) 
5रोमशे 7,254दक्षिणी अटलांटिक महासागर
6सुण्डा 8,152पूर्वी हिन्द महासागर ( जावा द्वीप )

शोल:  जलमग्न उत्थान का वह भाग जहाँ जल की गहराई छिछली होती है , शोल कहलाता है । यह प्रवाल से बना नहीं होता है ।

ग्रेट बेरियर रीफ : यह आस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड के समीप संसार की सबसे बड़ी प्रवाल – भित्ति है । यह प्रशान्त महासागर में है ।  

प्रशान्त महासागर (Pacific Ocean) :

    • यह अपने संलग्न समूद्रों के साथ धरातल का 1/3 भाग ढँकता है । इसका क्षेत्रफल 16,57,23,740 वर्ग किलोमीटर है । इसकी आकृति त्रिभुजाकार एवं क्षेत्रफल सम्पूर्ण स्थल के क्षेत्रफल से अधिक है । इसके शीर्ष बेरिंग जलडमरूमध्य पर तथा आधार अण्टार्कटिका महाद्वीप पर है ।
    • भूमध्य रेखा पर इसकी लम्बाई 16000 किमी से भी अधिक है इसके पश्चिम में एशिया तथा आस्ट्रेलिया महाद्वीप , पूरब में उत्तरी एवं दक्षिण अमेरिका तथा दक्षिण में अंटार्कटिका महाद्वीप है ।
    • प्रवाल – मित्तियाँ प्रशान्त महासागर की प्रमुख विशेषता है । इस विशाल महासागर में कल मिलाकर 2000 से भी अधिक द्वीप है । प्रशान्त महासागर का अधिकांश तटवर्ती सागर पश्चिमी भाग में है । इनमें बेरिंग सागर , आखोटस्क सागर , जापान सागर ,पीत सागर एवं पूर्वी चीन सागर आदि महत्वपूर्ण है । पूर्व की ओर केवल कैलीफोर्निया की खाड़ी ही प्रसिद्ध है । इसके बेसिन की औसत गहराई 7,300 मीटर है ।

अटलांटिक महासागर (Atlantic Ocean) :

    • यह सम्पूर्ण संसार का छठा भाग है । इसका क्षेत्रफल 8,29,63,800 वर्ग किमी है , जो प्रशांत महासागर के लगभग आधा है । इसकी आकृति अंग्रेजी के S- आकार से मिलती – जुलती है । इसके पश्चिम में दोनों अमेरिका तथा पूरब में यूरोप और अफ्रीका , दक्षिण में है अंटार्कटिका । उत्तर में ग्रीनलैंड , हडसन की खाड़ी , यास्टिक सागर , उत्तरी सागर मग्नतट पर स्थित है ।
    • इस महासागर की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता मध्य अटलांटिक कटक ( Mid – Atlantic Ridge ) है । यह उत्तर में आइसलैंड से दक्षिण में बोवेट द्वीप ( Bouvet Island ) तक लगभग 14,000 किमी लम्बा तथा 4,000 मीटर ऊँचा है । यह एक जलमग्न कटक है , तो भी इसकी अनेक चोटियाँ जल से ऊपर उठकर छोटे – छोटे द्वीपों का रूप धारण कर गई है ।
    • अजोर्स ( Azores ) का पाइ Island ) तथा कैप बर्दै द्वीप ( Cape Verde Island ) इसके प्रमुख उदाहरण है । सबसे तीखी चोटी भू – मध्य रेखा के निकट सेंट पॉल नामक द्वीप समूह की है ।
    • द ० अटलांटिक महासागर में बरमूडा प्रवाल द्वीप एवं असेंसन , ट्रिस्ता कान्हा , सेंट हेलना , गुआ तथा बोवेट द्वीप ज्वालामुखी द्वीप है ।
    • यह महासागर 55 ° उत्तरी अक्षांश के पास अधिक चौड़ा हो जाता है । जहाँ इसे टेलीग्राफिक पठार के नाम से पुकारा जाता है ।
    • भूमध्य रेखा के निकट रोमांश गम्भीर ( Romanche Deep ) इसे दो भागों में बाँटता है । उत्तरी भाग डोलफिन श्रेणी तथा दक्षिणी भाग का नाम चैलेंजर कटक है । अटलांटिक महासागर के तटों के साथ बेफिन की खाड़ी , हडसन की खाड़ी , उत्तरी सागर , बाल्टिक सागर , मैक्सिको की खाड़ी , भूमध्य सागर तथा कैरीबियन सागर महत्वपूर्ण सागर हैं ।

हिन्द महासागर (Indian Ocean) :

    • इसके उत्तर में एशिया महाद्वीप , दक्षिण में अंटार्कटिका महाद्वीप पूर्व में आस्ट्रेलिया महाद्वीप तथा पश्चिम में अफ्रीका महाद्वीप है । यह एक अर्ध महासागर है । इसका कुल क्षेत्रफल 7,34,25,500 वर्ग किमी है ।
    • यह एक तरफ प्रशांत महासागर और दूसरी तरफ अटलांटिक महासागर से मिला है । कर्क रेखा इस महासागर की उत्तरी सीमा है ।
    • इसमें भारत के दक्षिणी – पश्चिमी तट के समीप लक्षद्वीप तथा मालदीव प्रवाल – द्वीपों के उदाहरण हैं ।
    • मॉरीशस और रीयूनियन द्वीप ज्वालामुखी प्रक्रिया से उत्पन्न द्वीप हैं ।
    • इस महासागर का सबसे बड़ा द्वीप मेडागास्कर है ।  मेडागास्कर के पूर्व में मारीशस द्वीप है । इस महासागर में वास्तविक तटवर्ती सागर दो ही हैं । वे हैं – लाल सागर और फारस की खाड़ी ।
    • अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी की गणना भी सागरों में ही की जाती है , लेकिन ये हिन्द महासागर के उत्तरी विस्तार मात्र ही हैं ।
    • डियागोगार्सिया द्वीप इसी महासागर में है ।

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